दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज निगम परिसीमन समिति के चैयरमेन श्री विजय देव से मुलाकात कर दिल्ली नगर निगम के वार्ड परिसीमन पर कांग्रेस पार्टी की ओर से आपत्ति और सुझाव दिए। प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है, हमें एकतरफा हुए परिसीमन पर आपत्ति जताने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि परिसीमन समिति के चैयरमेन श्री विजय देव ने आश्वासन दिया है कि हम परिसीमन ड्राफ्ट में हुई त्रुटियों में सुधार करेंगे। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यदि निगम परिसीमन समिति ड्राफ्ट में सुधार नही करेगा तो हम दिल्ली की जनता की बेहतरी के लिए न्यायालय भी जाऐंगे।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ दिल्ली कांग्रेस परिसीमन समिति के चैयरमेन पूर्व विधायक श्री हरी शंकर गुप्ता, पूर्व सांसद श्री परवेज हाश्मी, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज और पूर्व विधायक श्री अमरीश गौतम शामिल थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगम वार्ड परिसीमन अधिसूचना में प्रति वार्ड जनसंख्या औसतन 65000 तथा वार्ड में 10प्रतिशत जनसंख्या कम या अधिक हो सकती है, स्पष्ट होने के बावजूद जब परिसीमन ड्राफ्ट सार्वजनिक हुआ तो उसमें 72 वार्ड ऐसे है जहां यह नियम लागू ही नही हुआ है। उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट में हैरानी की बात यह रही कि 32 वार्ड ऐसे बनाऐ है जिनकी जनसंख्या 80 हजार से अधिक है और 80 वार्डो में औसत जनसंख्या से 10 प्रतिशत से भी कम जनसंख्या है। उन्होंने कहा कि परिसीमन समिति ने सबसे कम जनसंख्या 35,509 का वार्ड किसी आधार पर बनाया है।
चौ0 अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि परिसीमन समिति ने ड्राफ्ट बनाते समय भाजपा की जीत-हार को ध्यान में रखकर दलित और अल्पसंख्यक बहुल वार्डों की जनसंख्या को विभिन्न वार्डों में स्थानांतरित करके भाजपा के सहायता पहुॅचाने के लिए परिसीमन ड्राफ्ट बनाकर इन समुदाय के लोगों की आवाज को दबाने का काम किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने परिसीमन ड्राफ्ट पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि 272 वार्डों की संख्या कम करके 250 वार्ड निर्धारित किए गए उसमें दिल्ली की सिर्फ 23 विधानसभाओं में परिसीमन हो सकता था परंतु ड्राफ्ट परिसीमन को देखने के बाद सामने आया कि परिसीमन सभी 70 विधानसभाओं में मनमाने ढ़ंग से, बिना तर्क के पूरी तरह से भाजपा को फायदा पहुॅचाने के लिए प्रक्रिया अपनाई गई है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि न्यूनतम 3 वार्ड की शर्त को रखकर दलित बहुल विधानसभाओं जैसे कांडली, त्रिलोकपुरी, मंगोलपुरी सीमापुरी, मादीपुर में से एक-एक वार्ड की संख्या ही कम कर दी है, जबकि भाजपा के विधायक वाली विधानसभा जैसे विश्वास नगर और मनीष सिसोदिया की विधानसभा पटपड़गंज विधानसभा में एक-एक वार्ड बढ़ा दिया गया है और कुछ विधानसभा ऐसी है जिनमें जनसंख्या के आधार पर वार्ड कम कर दिए है तथा संगम विहार -ए वार्ड को 89999, मयूर विहार फेस-1 को 93382 और त्रिलोकपुरी वार्ड को 91991 की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किया गया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि वार्डों के परिसीमन में जनसंख्या निर्धारण, वार्डों की सीमाओं और वर्ग विभाजन एक तरफा सोच के साथ किया गया है। वार्डों के प्राकृतिक बाउंड्री के विचार को ताक पर रखा गया है, वार्ड निर्धारण के समय वार्डों के ई.बी. एक दूसरे के साथ सटाकर रखे गए है। उन्होंने कहा कि परिसीमन ड्राफ्ट में अनुसूचित जातियों के लिए 42 वार्ड आरक्षित किए है। उन्होंने कहा आरक्षित वार्डों का निर्धारण न्याय संगत तथा सामान्य जनसंख्या की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए और परिसीमन प्रक्रिया न्याय व तर्क संगत तथा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए।