राष्ट्रमंडल पदक विजेता ने  दिल्ली सरकार के एक और झूठ को उजागर किया कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को हर संभव मदद करती है -अनिल कुमार

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के झूठे मॉडल के बाद खेल का झूठा मॉडल दिल्लीवालों के सामने दिल्ली के कॉमनवैल्थ गैम्स में मेडल विजेताओं ने उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया का बयान कि ‘‘दिल्ली में खिलाड़ियों की प्रतिभा उकेरने के आगे पैसों की कमी बाधा नही बनती है। अरविन्द केजरीवाल सरकार इकलौती ऐसी सरकार है जो मेडल जीतने से पहले संघर्ष के दिनों में इनकी मदद करती है।’’ केजरीवाल सरकार ने वायदों के बावजूद कॉमनवैल्थ गैम्स और ओलंपिक मेडल विजेताओं को दिल्ली सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की कोई मदद नही मिली। खेलों को प्रोत्साहन देने का झूठा दावा करने वाली केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कोई स्टेडियम क्यां नही बनाया।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मनीष सिसोदिया का यह कहना कि प्ले एंड प्रोग्रेस व मिशन एक्सीलेंस स्कीम के जरिए हम खिलाड़ियों के वर्ल्ड चैंपियन बनने के सपने को उड़ान दे रहे है केवल दिल्ली के अभिभावकों और छात्र खिलाड़ियों को गुमराह करने वाला बयान है क्योंकि दिल्ली सरकार ने जिस दिल्ली स्पोटर्स यूनिवर्सिटी बनाने का दावा कर रहे है, क्या केजरीवाल सरकार यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन के साथ एग्रीमेंट करके खेल विश्वविद्यालय को सुचारु रुप से चला पायेगी। क्या भविष्य में उनके पास प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ खिलाड़ी मिलेंगे।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 8 वर्षों के शासन में केजरीवाल सरकार ने खिलाड़ियों की अनदेखी की है तथा खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए दिल्ली सरकार किसी भी प्रकार आर्थिक मदद व उनके राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए फंडिग व ट्रेनिंग की व्यवस्था नही करती है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी ने आरोप लगाया था कि यदि दिल्ली सरकार ओलम्पिक से कुछ महीने पहले भी विज्ञापन राशि का 10-15 प्रतिशत भी खिलाड़ियों पर खर्च करती तो हमारा प्रदर्शन कहीं अधिक बेहतर होता।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के युवाओं को रोजगार देने का वायदा करने के साथ दिल्ली स्पोटर्स यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को भी खेल में स्नातक की डिग्री देने की बात करके उन्हें सपने दिखा रहे है। जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में खेल टीचरों की रिक्तियां 8 वर्षों में भर्ती नही की गई हैं। प्रदेश अध्यक्ष पूछा क्या दिल्ली सरकार के पास भविष्य में खेल स्नातकों के लिए रोजगार की कोई योजना है? उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री दिल्ली वालों को भ्रमित करने के लिए बयान दे रहे है कि दिल्ली सरकार शिक्षा के विकास और खेलों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बराबर का ध्यान देती है, पूरी तरह से गलत साबित हुआ है क्योंकि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है और खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई परिपक्व योजना नही बनाई है।

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