देश की सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय परिषद में जताई चिंता, चीन के साथ आयात के बढ़ते दायरे पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया पास
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद ‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की हुई बैठक
आम आदमी पार्टी के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद हमारी पहली राष्ट्रीय परिषद की बैठक थी- पंकज गुप्ता
राष्ट्रीय परिषद ने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और तीन प्रस्ताव पारित किए- पंकज गुप्ता
बैठक में देश की सुरक्षा, मंहगाई पर लगाम लगाने औऱ बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलाने के लिए रोजगार नीति बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया- गोपाल राय
सीएम अरविंद केजरीवाल की पॉलिसी का परिणाम है कि दिल्ली में 4 पर्सेंट मंहगाई की दर है और गुजरात में 8 पर्सेंट मंहगाई की दर है- गोपाल राय
देश की जनता आज सबसे ज्यादा महंगाई से परेशान है, केंद्र सरकार इस पर त्वरित व्यवहारिक कदम उठाए- गोपाल राय
आजादी के 75 साल के बाद भी बेरोजगारी हर घर की समस्या है, राष्ट्रीय परिषद ने प्रस्ताव पारित कर देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने की मांग रखी- गोपाल राय
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने राष्ट्रीय स्तर पर संगठन निर्माण का काम प्रमुखता के साथ आगे बढ़ाने का लिया संकल्प- गोपाल राय
पहले चरण में जिन राज्यों में आगामी दिनों में चुनाव होने है, वहां पर प्राथमिकता के आधार पर देशव्यापी संगठन विस्तार के काम को आगे बढ़ाया जाएगा- गोपाल राय
नई दिल्ली, 18 दिसंबर, 2022
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद ‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज हुई। इसमें देश की सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय परिषद में चिंता जताई। चीन के साथ आयात के बढ़ते दायरे पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सेक्रेटरी पंकज गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण था। क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद हमारी पहली राष्ट्रीय परिषद की बैठक थी। राष्ट्रीय परिषद ने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और तीन प्रस्ताव पारित किए। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने बैठक में देश की सुरक्षा, मंहगाई पर लगाम लगाने औऱ बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलाने के लिए रोजगार नीति बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया। सीएम अरविंद केजरीवाल की पॉलिसी का परिणाम है कि दिल्ली में 4 पर्सेंट मंहगाई की दर है और गुजरात में 8 पर्सेंट मंहगाई की दर है। देश की जनता आज सबसे ज्यादा महंगाई से परेशान है। केंद्र सरकार इस पर त्वरित व्यवहारिक कदम उठाए। आजादी के 75 साल के बाद भी बेरोजगारी हर घर की समस्या है। राष्ट्रीय परिषद ने प्रस्ताव पारित कर देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने की मांग रखी। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर संगठन निर्माण का काम प्रमुखता के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। पहले चरण में जिन राज्यों में आगामी दिनों में चुनाव होने है। वहां पर प्राथमिकता के आधार पर देशव्यापी संगठन विस्तार के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय सेक्रेटरी पंकज गुप्ता और वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय सेक्रेटरी पंकज गुप्ता ने कहा कि आज हमारी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की 11वी बैठक थी। आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद हमारी पहली राष्ट्रीय परिषद की बैठक थी। उससे पहले सुबह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक हुई थी। विभिन्न राज्यों की परिस्थितियां और उन राज्यों में आगे बढ़ने के लिए हमें क्या क्या कदम उठाने है, इसे लेकर चर्चा हुई। अरविंद केजरीवाल जी ने राष्ट्रीय परिषद में आगे का मार्गदर्शन किया। संगठन को मजबूत बनाने पर बातचीत हुई। आज राष्ट्रीय परिषद ने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और तीन प्रस्ताव पारित किए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद ने आज मुख्य तौर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद बैठक में संगठनात्मक और राजनीतिक, दोनों बिंदुओं पर चर्चा की। इसमें पहला संकल्प आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने लिया कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर संगठन निर्माण के काम को प्रमुख्ता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। देश के सभी राज्यों में संगठन निर्माण की प्रक्रिया को गति देने के लिए हमारी पॉलिटिकल अफेयर कमेटी ने डॉ. संदीप पाठक को संगठन महामंत्री की राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी थी। आज राष्ट्रीय परिषद ने उसे स्वीकार किया है। राज्य के हिसाब से अलग-अलग राज्यों में वहां की परिस्थितियों को अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर संगठन निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। आगे 6 माह में हमारी कोशिश होगी कि देश के सभी हिस्सों में संगठन निर्माण की प्रक्रिया को तेज किया जाए। खासतौर पर पहले चरण में जिन राज्यों में आगामी दिनों में चुनाव होने है। हम वहां पर प्राथमिकता के आधार पर फोकस करेंगे। साथ ही साथ देशव्यापी संगठन विस्तार के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
गोपाल राय ने कहा कि दूसरा आज हमारे संयोजक अरविंद केजरीवाल जी ने पार्टी की राजनीतिक दिशा के बारे में अपना वक्तव्य रखा था। उसे लेकर राष्ट्रीय परिषद ने तीन प्रस्ताव पर चर्चा की और उसपर प्रस्ताव पारित किया है। इसमें पहला बिंदु देश की सुरक्षा का है। हम आप सभी जानते है कि पिछले कई सालों से देश के अंदर राष्ट्रीय को लेकर चर्चा हो रही है। हर बार चर्चा का केंद्र बिंदु चीन होता है। चीन द्वारा लगातार जिस तरह से बार बार अतिक्रमण करने की कोशिश हो रही है और केंद्र सरकार लंबे-लंबे ब्यान तो जारी करती है लेकिन व्यव्हारिक तौर पर हम देखते है कि वो जितना अतिक्रमण करने का दुसाहस करते है उतना ही केंद्र सरकार चीन के साथ अपने व्यापार को बढ़ा रही है। ये जिस तरह का दोहरा मापदंड भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश के सामने रख रही है। आज राष्ट्रीय परिषद ने प्रस्ताव पारित किया है कि केंद्र सरकार तुरंत इसपर निर्णय ले। जिस तरह से चीन अतिक्रमण करने का दुसाहस कर रहा है, उसपर इधर उधर की बात करने की बजाय लगातार चीन के साथ आयात के बढ़ते दायरे पर रोक लगाई जाए। दूसरा प्रस्ताव राष्ट्रीय परिष्द ने महंगाई को लेकर पारित किया। क्योंकि आज देश की जनता आज सबसे ज्यादा महंगाई से परेशान है। मंहगाई को कम करने में केंद्र सरकार पूरी तरह से विफल रही है। चुनाव के समय थोड़ी बहुत लिपापोती की गई। गुजरात के चुनाव बीतते ही दाम फिरसे बढ़ने लगे। केंद्र सरकार पूरी तरह से मौन है। पिछले दिनों जो आकड़े आए और जिसपर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री जी हर जगह बोलते है। चुनाव के बाद भी उन्हें बोलने का मौका मिला और वो एक ही बात पर हमला करते है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी लोगों में रेवड़िया बांट रही है। आज दिल्ली की अरविंद केजरीवाल जी का पॉलिसी का परिणाम है कि जहां गुजरात में 8 पर्सेंट मंहगाई की दर और दिल्ली में 4 पर्सेंट मंहगाई की दर है। मुझे लगता है कि ऐसे समय में जब मुक्त बाजार मंहगाई को आगे बढ़ाने की तरफ बढ़ रहा है, उस समय सरकारों की जिम्मेदारी है। इसलिए केंद्र सरकार इस पर त्वरित और व्यवहारिक कदम उठाए ताकि लोगों को मंहगाई से निजात मिल सके।
गोपाल राय ने कहा कि तीसरा प्रस्ताव राष्ट्रीय परिषद ने बेरोजगारी को लेकर पारित किया है। देश के अंदर आजादी के 75 साल हो गए और बेरोजगारी हर घर की समस्या है। हर जाति, धर्म, क्षेत्र, प्रांत के लोगों की समस्या है। लेकिन आज तक देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति नहीं बन पाई। आज राष्ट्रीय परिषद ने प्रस्ताव पारित कर मांग रखी है कि देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाई जाए। समय सीमा पर सरकारी खाली पदों पर वैकेंसी निकाली जाएगा। ऐसा सिस्टम बनाया जाए कि बिना पेपर लीक हुए भर्तीयों को सुनिश्चित किया जा सके। जैसे अभी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, वहां पर हमने 24 हजार वैकेंसी निकाला और उनको नियुक्ति पत्र भी दे दिए गए। बाकि जगह पर हम देखते है कि साल दर साल पेपर लिक होता रहता है और लोग तैयारियां करते रहते है पर भर्तीया नहीं हो रहा। राष्ट्रीय परिषद ने दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फोकस किया। आगामी दिनों में पार्टी इस रणनीति के तरत देशभर में काम शुरू करेगी।
बढ़ती महंगाई के खिलाफ लिया संकल्प
आम आदमी पार्टी ने रविवार को अपनी 11वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक में संकल्प लिया कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उचित जांच और संतुलन बनाने में वर्तमान सरकार विफल रही है, जिसके कारण देश भर में खुदरा महंगाई का स्तर काफी ऊपर बना हुआ है। हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, औसत मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अपर टॉलरेंस लिमिट से ऊपर थी। अपर टॉलरेंस की लिमिट 6 फीसद निर्धारित की गई है, जो जनवरी से सितंबर 2022 के दौरान लगातार तीन तिमाहियों के लिए उच्च मुद्रास्फीति के स्तर पर है। महंगाई के चलते किसानों में गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इस साल के पहले आठ महीनों में ही 600 से ज्यादा किसानों ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की है।
एक तरफ खाने-पीने की आवश्यक चीजों तक को जीएसटी के दायरे में ला दिया गया है। इससे देश के आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि वह महंगाई को कम करने में क्यों विफल रही है? हाल ही में संसद में जारी एक बयान में केंद्र सरकार ने महंगाई को कंट्रोल करने में विफल रहने के कारणों पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया। केंद्र सरकार के दावों के अनुसार, देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी वह खाद्य पदार्थों में एक वर्ष में 10 से 20 फीसद तक की बढ़ी महंगाई को लेकर जानकारी देने में विफल है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि महंगाई अवैध जमाखोरी के कारण हुई होगी। यह महंगाई का एक कारण है, जिसे सरकार देश के लोगों से छिपाना चाहती है।
प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया नारा ‘‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’’ कही पर भी अमल होता नहीं दिख रहा है। लगातार बढ़ती ब्याज दरों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है और उसका बजट बिगाड़ दिया है।
केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार, दिल्ली की खुदरा महंगाई 4 फीसद है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। दूसरी ओर, भाजपा शासित राज्य गुजरात, यूपी और एमपी में महंगाई की दर 8 फीसद है, जो भारत में सबसे अधिक है।
आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार की किसान और जनविरोधी बढ़ती महंगाई के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन को जारी रखेगी और मांग करती है कि आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी को हटा दिया जाए।
चीन की आक्रामकता के खिलाफ संकल्प
जून 2020 से चीन सीमा पर बार-बार आक्रामकता के कृत्यों के साथ लगातार भारत की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन कर रहा है। लेकिन भारत के बहादुर सैनिकों ने चीन की ऐसी हर हरकत के जवाब में अपनी मातृभूमि के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और हर बार उसके प्रयास को विफल कर दिया है। वहीं, केंद्र सरकार इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए चीन पर दबाव बनाने के अपने कूटनीतिक प्रयासों में पूरी तरह विफल रही है, जिससे यह सुनिश्चित कर सके कि चीन ऐसा कोई प्रयास न करे। भारतीय सेना ने हमेशा अपने आंतरिक और बाहरी दुश्मनों से देश को सुरक्षित रखने में अपनी ताकत व पराक्रम दिखाया है, उन्होंने एक बार फिर से 8 दिसंबर की देर रात और 9 दिसंबर की सुबह अरुणाचल प्रदेश में तवांग की सीमाओं पर अपनी दृढ़ता साबित की।
यह सर्व विदित है कि भारत का चीन के साथ भारी व्यापार घाटा है। ऐसी स्थिति में भी चीन को 2021-22 में केवल एक वर्ष के आयात में 50 फीसद की अभूतपूर्व वृद्धि कर उसको पुरस्कृत किया जा रहा है, जिसने ‘मेक इन इंडिया’ के उद्देश्य को पूरी तरह से विफल कर दिया है और चीन की आक्रामकता देश के खिलाफ लड़ने के संकल्प को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत की भौगोलिक और आर्थिक अखंडता की रक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के लगातार बलिदान के बावजूद चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को खत्म करने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार की उदासीनता किसी भी तर्क से परे है।
इसलिए, आम आदमी पार्टी, सीमा विवाद का समाधान होने तक केंद्र सरकार से चीन के साथ व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करती है। यह भी मांग करती है कि केंद्र सरकार चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और रसायन जैसे उच्चतम व्यापार के शीर्ष 10 क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दे और रोजगार पैदा करने के लिए व्यवस्थित रूप से और विशेष रूप से उपयोग करने के लिए कोष स्थापित करे।
बेरोजगारी के खिलाफ संकल्प
इसके साथ ही, देश में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और भारत के करोड़ों युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है। वही, 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए वादे के मुताबिक केंद्र सरकार युवाओं के लिए हर साल 1 करोड़ नए रोजगार सृजित करने और भारत भर में केंद्र और राज्य सरकारों में मौजूद लाखों सरकारी नौकरी की रिक्तियों को भरने में बुरी तरह विफल रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर नवंबर 2022 में 8 फीसद बढ़ी है, जबकि नवंबर 2021 में यह 7 फीसद थी।
इसलिए अब ‘आम आदमी पार्टी’ मांग करती है कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों के साथ परामर्श कर एक राष्ट्रीय रोजगार नीति लाए, जिसमें 12 महीने के अंदर पूरे भारत में सभी सरकारी नौकरियों की रिक्तियों को भरना और 3 महीने के अंदर किसी भी नई रिक्ति को भरना अनिवार्य हो और 2024 तक भारत में 10 करोड़ नौकरियां सृजित करने का वादा दें।
निजी क्षेत्र के मोर्चे पर भी, जब तक देश का औद्योगिक ढांचा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों के बराबर नहीं होगा, तब तक यह दुनिया दूसरे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं होगा। यह विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रही कमी के साथ-साथ विदेशी व्यापार घाटे में लगातार हो रही बढ़ोतरी में साफ देखा जा सकता है। इसलिए आम आदमी पार्टी यह भी मांग है कि सरकार ऐसा माहौल बनाए जो उद्योगों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रोत्साहित करे और भारत को ‘मेक इंडिया नंबर-1’ के सपने की ओर ले जाए।
उचित शिक्षा और प्रशिक्षण की कमी के चलते देश अभी भी अपनी विशाल मानव पूंजी का उपयोग नहीं कर पा रहा है, जो देश में उच्च बेरोजगारी के मुख्य कारणों में से एक है। आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से आग्रह करती है कि ‘दिल्ली मॉडल’ का उपयोग युद्ध स्तर पर करते हुए देश के शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बढ़ती युवा आबादी राष्ट्र निर्माण की कवायद में अपना सकारात्मक योगदान दे सके।
दिल्ली सरकार ने पिछले 7 वर्षों में 12 लाख से अधिक नौकरियां सृजित की हैं। जैसे कि सरकारी नौकरी की रिक्तियों को भरना, रेड राज को रोकना और आसान व्यापार करने और उद्यमिता को बढ़ावा देना आदि है। साथ ही, रोज़गार बाज़ार जैसे प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करना है, जो रोज़गार पैदा करने वालों और रोजगार तलाशने वालों को आसानी से आपस में जोड़ता है। यदि दिल्ली ऐसा कर सकती है तो भारत के दूसरे राज्य भी कर सकते हैं।