दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर, स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव तथा चुनाव पूर्व भाजपा तथा आम आदमी पार्टी के पार्षदों द्वारा शपथ ग्रहण के दौरान सदन के अंदर जो हाथापाई की स्थिति पैदा की गई, उसपर गहरा असंतोष जताया, उन्होंने कहा कि सदन में जिस प्रकार का दृश्य आज देखने को मिला वह बेहद शर्मनाक था।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी नहीं हुई थी, आज दिल्ली शर्मिंदा है, उन्होंने कहा कि जिन्हें कुड़े के पहाड़ को हटाने की जिम्मेदारी दी, वो खुद कूड़ा निकले।
उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित पार्षदों को भाजपा, आम आदमी पार्टी ने एक स्क्रिप्ट के तहत भेजा था, जो आज सदन में नजर आया।
चौधरी अनिल कुमार ने कॉंग्रेस पार्षदों द्वारा मेयर चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के फैसले के बारे में कहा कि दिल्ली में कांग्रेस ही एक मात्र विपक्ष है, बाँकी की दो पार्टियाँ अलग अलग स्तर पर सत्ता में है, जिस तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अवहेलना कर मेयर चुनाव की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, हम उसका विरोध करते है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी तथा भाजपा दोनों संघ की विचारधारा वाली पार्टियाँ है, ऐसे में कांग्रेस किसी भी कीमत पर संघी शक्तियों का समर्थन नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा कि मेयर चुनाव के 274 कुल वोट में आम आदमी पार्टी के अपने 150 से अधिक पार्षदों, सांसदों, विधायकों के वोट है, ऐसे में उन्हें अपना घर संभालना चाहिए। अगर केजरीवाल अपना घर संभालने में सक्षम होते तो उन्हें कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं। केजरीवाल अपनी अक्षमता का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ना बंद करें।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल, भाजपा के पार्षदों द्वारा आज की घटना पर दोनों पार्टियों को दिल्ली की जनता से माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल, भाजपा पार्षदों की खरीद, बिक्री में लिप्त है, इसलिए दोनों पार्टियों को सदन में अपनी वास्तविक स्थिति का सही जानकारी नहीं है, इसलिए दोनों पार्टियां मेयर चुनाव से भाग सह, मात का खेल खेल रही है।
चौधरी अनिल कुमार ने हज समिति में कांग्रेस के पार्षद को शामिल किए जाने को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी तथा आम आदमी पार्टी अलपसंख्यक समुदाय में भ्रांति फैलाने की मंशा से कांग्रेस पार्षद की हज समिति में नियुक्ति किया है। केजरीवाल उपराज्यपाल के दफ्तर का इस्तेमाल हमेशा से अपनी राजनीतिक रोटी सेकनें के लिए करते रहे है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भाजपा, केजरीवाल के सांसदों, विधायकों ने उच्चसदन, विधानसभा में मिलकर दिल्ली की जनता को उनसे जुड़े मुद्दे पर गुमराह किया आज नगर निगम चुनाव के बाद सदन में शपथ ग्रहण की प्रक्रिया भी नहीं होने दिया, जो बता रहा है कि कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो संस्थाओं और प्रक्रियाओं के जरिए वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों को बचा सकती है।