- दिल्ली में जी-20 की बैठक होना गर्व की बात- मनीष सिसोदिया
- जी-20 की विशेष तैयारियों के लिए 927 करोड़ रुपये की ज़रूरत- मनीष सिसोदिया
- केंद्र सरकार से जी-20 की तैयारियों को तेज़ी से पूरा करने के लिए मांगा पैसा- मनीष सिसोदिया
- सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी दिल्ली सरकार की कोशिश है कि जी-20 की बैठक के दौरान जो अंतर्राष्ट्रीय मेहमान आएं उनकी मेजबानी में कोई कमी ना हो- मनीष सिसोदिया
- दिल्ली सरकार के लिए अपने नियमित सीमित संसाधनों से जी-20 बैठक में तैयारियों के लिए 927 करोड अतिरिक्त खर्च करना आसान नहीं है- मनीष सिसोदिया
दिल्ली में जी-20 की तैयारियों के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। इसमें जी-20 की तैयारियों को तेज़ी से पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से फंड मांगा है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखते हुए कहा कि ये भारत के लिए बहुत खुशी की बात है कि इस बार भारत जी-20 की बैठक की मेजबानी कर रहा है। हम दिल्ली वालों के लिए और भी खुशी की बात है कि जी-20 की अधिकतर महत्वपूर्ण गतिविधियां दिल्ली में ही होने जा रही हैं। जी-20 की इस बैठक के आयोजन को सफल बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार, भारत सरकार का पूरा सहयोग करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी दिल्ली सरकार की कोशिश रहेगी कि जी-20 की बैठक के दौरान जो अंतर्राष्ट्रीय मेहमान यहां आएं, उनकी मेजबानी में कोई कमी ना हो। साथ-साथ 21वीं सदी के भारत की राजधानी के रूप में वह दिल्ली से अविस्मरणीय यादें लेकर लौटें।
इसी दिशा में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर अनेक गतिविधियों और कार्यक्रमों के आयोजन की एक रूपरेखा बनाई है। इसमें जी-20 के प्रमुख आयोजन स्थलों के आसपास के विशिष्ट इलाकों का सौंदर्यकरण और दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर कुछ विशिष्ट गतिविधियों और कार्यक्रमों के आयोजन के प्रस्ताव हैं।
उन्होंने कहा कि जी-20 की विशेष तैयारियों के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनके लिए दिल्ली सरकार को 927 करोड रुपए की आवश्यकता है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी निरंतर इन प्रयासों की समीक्षा कर रहे हैं। जी-20 की तैयारियों के लिए इन सभी प्रयासों एवं कार्यक्रमों को उपराज्यपाल महोदय ने भी सहमति दी है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वित्तमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि आप तो जानते ही हैं कि भारत सरकार की ओर से दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में कोई पैसा नहीं दिया जा रहा है। उसके अलावा दिल्ली सरकार को भारत सरकार की ओर से ना ही कोई अतिरिक्त ग्रांट दी जाती है। यहां तक कि देश के सभी राज्यों के नगर निगमों को वहां की जनसंख्या के अनुसार दी जाने वाली राशि भी दिल्ली नगर निगम को नहीं दी जाती है। अपने नियमित सीमित संसाधनों से दिल्ली सरकार के लिए 927 करोड रुपए अतिरिक्त जी-20 बैठक की तैयारियों के लिए खर्च करना आसान नहीं होगा। इसलिए आपसे निवेदन है कि जी-20 की बैठक के महत्व को देखते हुए और दिल्ली में हो रहे आयोजन को सफल बनाने की तैयारियां की जरूरत को देखते हुए, आवश्यक 927 करोड रुपए केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध करा दिए जाएं। इससे दिल्ली सरकार को इन सभी योजनाओं और कार्यक्रमों को निर्बाध रूप से लागू करने में काफी मदद मिलेगी और सभी तैयारियां समय से पूरी हो सकेंगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि आपसे इस दिशा में सकारात्मक सहयोग दिल्ली सरकार को प्राप्त होगा।