- दिल्ली यूनिवर्सिटी की अलग-अलग बॉडी में अब ‘‘आप’’ के लोग हैं और उनके जरिए अब हम सभी मुद्दों पर आवाज उठा सकेंगे- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली सरकार से फंडेड कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी सरकार बनाती थी, लेकिन अब इन लोगों ने कहा है कि हम सरकार की गवर्निंग बॉडी नहीं बनाएंगे- अरविंद केजरीवाल
- कई बार दिल्ली सरकार के किसी कार्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है, हमें इस अवधारणा को बदलने की जरूरत है- अरविंद केजरीवाल
- हम लोगों ने बहुत संघर्ष देखा है और हममें से कई एड-हॉक के रूप में पीड़ित हैं, इसलिए हमें सारी समस्याएं पता हैं- डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा
- आम आदमी पार्टी सरकारी यूनिवर्सिटी को बचाना चाहती है, हम लोगों ने इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की- डॉ. सीमा दास
- एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा के साथ डीयू के कार्यकारी व एकेडमिक काउंसिल चुनाव में जीत दर्ज करने वाले टीचर्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल से की मुलाकात
आम आदमी पार्टी टीचर्स विंग (एएडीटीए) के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यकारी व एकेडमिक काउंसिल चुनाव में जीत दर्ज करने वाले टीचर्स ने आज सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उनका मार्ग दर्शन लिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज करने पर एएडीटीए को बधाई देते हुए कहा कि हम डीयू के सभी मुद्दों का समाधान चाहते हैं। डीयू की अलग-अलग बॉडी में अब ‘‘आप’’ के लोग हैं और उनके जरिए अब हम सभी मुद्दों पर आवाज उठा सकेंगे। दिल्ली सरकार से फंडेड कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी दिल्ली सरकार ही बनाती रही है, लेकिन अब इन लोगों ने कहा है कि हम दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी नहीं बनाएंगे। सीएम ने कहा कि कई बार दिल्ली सरकार के किसी कार्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। हमें इस अवधारणा को भी बदलने की जरूरत है।
आम आदमी पार्टी टीचर्स विंग (एएडीटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद और एकेडमिक काउंसिल चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की है। आज एकेडमिक काउंसिल का चुनाव भी संपन्न हो गया। एकेडमिक काउंसिल में एएडीटीए के बैनर तले पांच लोगों (डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ. राम किशोर यादव, डॉ. ममता चौधरी, डॉ. सुनील कुमार और डॉ. चंद्र मोहन नेगी) ने चुनाव चड़ा था। अभी तक घोषित नतीजे के मुताबिक डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ. राम किशोर यादव, डॉ. ममता चौधरी और डॉ. सुनील कुमार एकेडमिक काउंसिल के सदस्य चुन लिए गए हैं, जबकि चंद्र मोहन नेगी की जीत भी लगभग पक्की मानी जा रही है। कार्यकारी परिषद और एकेडमिक काउंसिल में जीत दर्ज करने के बाद आज सभी सदस्यों ने एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा के साथ सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उनका मार्ग दर्शन लिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस जीत को काफी महत्वपूर्ण करार देते हुए उन्हें बधाई दी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में अब हम लोग हर मुद्दों के उपर आवाज उठा पाएंगे- अरविंद केजरीवाल
इस मुलाकात के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के बहुत सारे मुद्दे रहते हैं। डीयू के लीगल स्ट्रक्चर को हम लोग बहुत ज्यादा नहीं समझते हैं। लेकिन मुझे बेहद खुशी है कि डीयू में अलग-अलग बॉडी के अंदर अब हमारे लोग हैं और उनके जरिए अब हम डीयू के सभी मुद्दों पर आवाज उठा पाएंगे। सीएम ने डीयू टीचर्स की सैलरी के मुद्दे का उदाहरण देते हुए कहा कि बीच-बीच में कई बार मुद्दा उठा कि टीचर्स की सैलरी नहीं मिल रही है। हम तो टीचर्स की सैलरी देना चाहते हैं, लेकिन बीच में कहीं न कहीं संवाद की कमी या अन्य कारणों की वजह से वो नहीं हो पाया। अभी थोड़े दिन पहले आप लोग (एएडीटीए) आए और सारे मुद्दे बताए और हम लोगों ने हफ्ते भर के अंदर सैलरी जारी कर दी। हम चाहते हैं कि डीयू के सारे मुद्दों का समाधान हो। दिल्ली सरकार जिन कॉलेजों को फंड देती है, उन सभी कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी दिल्ली सरकार की बनती आई है। लेकिन अब इन लोगों ने कहा है कि अब हम दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी नहीं बनाएंगे। दिल्ली सरकार का कोई सीए नहीं होगा। जिन कॉलेजों में दिल्ली सरकार 95 फीसद फंड दे रही है, तो निश्चित तौर पर उसमें दिल्ली सरकार किसी तरह की कोई जवाबदेही चाहती है। उन कॉलेजों का कोई तो ऑडिट होना चाहिए। अगर दिल्ली सरकार का कुछ भी नहीं होता है, तो फिर कोई जवाबदेह नहीं है। यह नहीं होना चाहिए। मैं समझता हूं कि अब हम लोग हर स्तर के निर्णयों के उपर आवाज उठा पाएंगे। सीएम ने कहा कि हम लोगों को कार्यकारी परिषद और एकेडमिक काउंसिल की गाइडेंस की जरूरत पड़ेगी कि हम क्या कर सकते हैं? कई बार दिल्ली सरकार के किसी कार्य को गलत तरह से प्रस्तुत किया जाता है। हमें इस अवधारणा को भी बदलने की जरूरत है।
पिछली कार्यकारी परिषद की बैठक में डॉ. सीमा दास ने विरोध स्वरूप कुलपति से सम्मानित होने से इन्कार कर दिया था- डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा
इस दौरान एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि एकेडमिक काउंसिल में 26 सदस्य होते हैं। इसमें एएडीटीए के 5 सदस्य डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ. राम किशोर यादव, डॉ. ममता चौधरी, डॉ. सुनील कुमार और डॉ. चंद्र मोहन नेगी चुनाव लड़े थे। हमारे चार लोग चुनाव जीत गए हैं, जबकि डॉ. चंद्र मोहन नेगी भी जीत के करीब हैं। उन्होंने कहा कि हमने बहुत संघर्ष देखा है। हममें से कई एड-हॉक के रूप में पीड़ित हैं। इसलिए हम जानते हैं कि उनकी समस्याएं क्या हैं? हमारी कार्यकारी परिषद की उम्मीदवार डॉ. सीमा दास ने कल अपना चुनाव जीत लिया। पिछली कार्यकारी परिषद की बैठक में डॉ. सीमा दास ने विरोध स्वरूप डीयू के कुलपति द्वारा सम्मानित होने से इन्कार कर दिया था। उनके अलावा एएडीटीए के सदस्य राजपाल सिंह भी परिषद के सदस्य हैं।
हम यूनिवर्सिटी के टीचर्स के डिस्प्लेसमेंट का विरोध करेंगे- डॉ. सीमा दास
वहीं, काउंसिल परिषद का चुनाव जीतीं डॉ. सीमा दास ने कहा कि एएडीटीए ने सीएम अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में डीयू के कार्यकारी परिषद और एकेडमिक काउंसिल चुनाव में भारी जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी की अवधारणा है कि वो सरकारी यूनिवर्सिटी को बचाना चाहती है और उनका उद्धार करना चाहती है। इसी अवधारणा के उपर हम लोगों ने यह चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की। हम यूनिवर्सिटी के टीचर्स के डिस्प्लेसमेंट का भी विरोध करेंगे।
डॉ. सीमा दास ने डीयू कार्यकारी परिषद का चुनाव 3100 मतों से जीता
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद का चुनाव हर दो साल में होता है। इसमें 70 कॉलेजों के 12 हजार से अधिक शिक्षकों ने 21 सदस्यीय कार्यकारी परिषद के लिए दो शिक्षक प्रतिनिधियों का चुनाव करने के लिए मतदान किया, जो कि विश्वविद्यालय का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एएडीटीए ने चुनाव में डॉ सीमा दास को मैदान में उतारा था। डॉ दास हिंदू कॉलेज में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर हैं। इस बार डॉ दास ने 3100 से अधिक मतों के साथ चुनाव जीता है।