पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रुप में मनाने का अर्थ हर कार्यकर्ता को यह एहसास दिलाना है कि अच्छे कार्य में मेरी भी सहभागिता है- राजेश अग्रवाल

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*प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रशासन एवं विकास कार्य जो पूर्णता पं. दीन दयाल उपाध्याय के विचार दर्शन पर आधारित है उसके लाभ अंतिम व्यक्ति तक ले जा कर हम भी उन्हें अपनी श्रद्धांजली अर्पित कर सकते हैं — वीरेन्द्र सचदेवा

अंत्योदय के प्रेरता एवं भाजपा की विचारधारा के पोषक पं. दीन दयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि समपर्ण दिवस के अवसर पर भाजपा के कोषाध्यक्ष श्री राजेश अग्रवाल एवं दिल्ली प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा के साथ वरिष्ठ नेताओं सांसद डा. हर्षवर्धन, मनोज तिवारी एवं श्री रमेश बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय गोयल, श्री विजेन्द्र गुप्ता एवं श्री सतीश उपाध्याय, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी, संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन एवं जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी श्री आशीष सूद ने पं. दीन दयाल उपाध्याय की डी.डी.यू. मार्ग स्थित प्रतीमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

बड़ी संख्या में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा एवं जिला अध्यक्षों, विधायकों, निगम पार्षदों, पूर्व महापौरों सहित कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित कर पंडित दीन दयाल जी के चरणों में पार्टी के लिए अपनी समर्पण राशि के चैक समर्पित किये।

पार्टी के कोषाध्यक्ष श्री विष्णु मित्तल ने समर्पण दिवस कार्यक्रम का संचालन किया और पं. दीन दयाल उपाध्याय जी का जीवन परिचय पढ़ा। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी जो कि जनसंघ के संस्थापक थे उन्होंने कहा था कि अगर मेरे पास दो दीन दयाल उपाध्याय होते तो भारतीय राजनीति का चेहरा बदल देता।

राजेश अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने राजनीतिक के साथ-साथ समाजिक इतिहास को भी बदलने का प्रयास किया। उनकी प्रत्येक सोच समाज के उत्थान के लिए थी, उनकी सोच थी कि समाज के सबसे निर्बल व्यक्ति के साथ किसी काम की शुरुआत अगर ना की जाए तो यह समाज नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि आज उसी आत्म मानववाद की सोच के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हर योजना बन रही है।

अग्रवाल ने कहा कि आज संसाधन तो बहुत सारे उपलब्ध हैं लेकिन किसी के लिए अगर मन, क्रम और वचन के साथ कुछ कर रहे हैं तो वह अपने आप में निराला है। आज पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रुप में मनाने का अर्थ किसी अच्छे कार्य में मेरी भी सहभागिता है, इस बात का एहसास हर कार्यकर्ता करें, यही इसका उद्देश्य है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि एकात्म मानववाद को सिर्फ एक शब्द मत समझिए बल्कि इसको एक बार करके देखिए जिससे समाज को एक नई दिशा मिलेगी।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की पूरी जीवन यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि अपने आप में एक दर्शन है। उनके विचारों को समझने के लिए उनके दर्शन को समझना होगा और उन्हें पढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रशासन एवं विकास कार्य जो पूर्णता पं. दीन दयाल उपाध्याय के विचार दर्शन पर आधारित है उसके लाभ अंतिम व्यक्ति तक ले जा कर हम भी उन्हें अपनी श्रद्धांजली अर्पित कर सकते हैं।

सचदेवा ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की हर योजना पहुंचे और समाज का हर व्यक्ति अपने आप को शासन में सम्मलित माने, ऐसी विचारधारा वाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजली तभी होगी जब उनके विचारों को हर घर तक पहुंचाया जाए।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि आज अगर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के छाया के रुप में किसी को देखते हैं, तो वह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं। उनकी हर योजनाएं चाहे वह उज्जवला योजना हो, सुकन्या योजना हो या अन्य कोई भी योजना पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचारधारा से प्रेरित है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने जिस विचारधारा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, उस विचारधारा को स्थापित करने का प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।

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