दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की प्रतिरोधी गतिविधियों के कारण इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुए चुनावों के 2 महीनों बाद भी मेयर का चुनाव नही हो सका है। 16 फरवरी को मेयर चुनाव के लिए चौथा प्रयास होना था वह भी आम आदमी पार्टी द्वारा अपील याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के कारण नही होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव टालने के लिए हर बार कोई न कोई मुद्दा उठा रहे जिसके कारण दिल्ली की जनता का नुकसान हो रहा है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 7 दिसम्बार को निगम चुनाव का परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली, फिर क्यों वह घबराई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मेयर चुनाव से अलग रहने का फैसला पहले ही लिया है, फिर दोनो पार्टियां विवाद छोड़कर मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नियमों के अनुसार होने दें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की तारीख 17 फरवरी निश्चित करने के बाद यह संभव है कि मेयर चुनाव अभी जल्दी नही होगा।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निर्वाचित पार्षदों को शपथ 24 जनवरी को दिलाई गई थी और 30 दिनों के अंदर उन्हें अपनी सम्पति ब्यौरा महापौर को देना होगा यदि 24 फरवरी तक यदि भाजपा और आम आदमी पार्टी में गतिरोध उत्पन्न रहने के कारण मेयर चुनाव नही होता है, तो कानूनी रुप से पार्षद स्वतः ही अयोग्यता का कारण बन जाऐंगे। भाजपा और आम आदमी पार्टी के सत्ता के लालच के कारण निगम में सदन पर मेयर चुनाव नही होने के कारण संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके लिए दोनो पार्टियां जिम्मेदार हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी निगम में सत्ता की अलोकतांत्रिक लड़ाई का कांग्रेस विरोध करती है क्योंकि दोनो पाटियों की नूरा कुश्ती के कारण दिल्ली की जनता के हितों का नुकसान हो रहा है। दोनो दल जान बूझकर साजिश के तहत सदन में और सदन के बाहर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर लड़ाई लड़ रहे है ताकि दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेही से बच सकें।