- एमसीडी मेयर चुनाव में गुंडे हार गए, जनता जीत गई, शैली ओबेरॉय को मेयर और आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुने जाने पर दिल्ली की जनता को बधाई- अरविंद केजरीवाल
- आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय एकीकृत दिल्ली नगर निगम की पहली मेयर और आले मोहम्मद इकबाल बने डिप्टी मेयर
- एमसीडी में ‘‘आप’’ का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बधाई और दिल्ली की जनता का आभार, एमसीडी में भी केजरीवाल – मनीष सिसोदिया
- भाजपा, केंद्र सरकार और एलजी संविधान के खिलाफ जाकर रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन दिल्ली की जानता ने कर दिखाया- मनीष सिसोदिया
- 80 दिन पहले ‘‘आप’’ भारी बहुमत से जीती थी, भाजपा और एलजी ने साजिश कर दिल्ली के 80 दिन की बर्बादी की- सौरभ भारद्वाज
दिल्ली नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में आखिकार आज आम आदमी पार्टी की ईमानदारी व दिल्ली की जनता के जनादेश की जीत हुई और असंवैधानिक तरीके से एमसीडी पर कब्जा करने की कोशिश कर रही भाजपा की हार हुईं। सिविक सेंटर में आज एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय एकीकृत दिल्ली नगर निगम की पहली मेयर और आले मोहम्मद इकबाल डिप्टी मेयर चुने गए। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबेरॉय और डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी। सीएम ने ट्वीट कर दिल्ली की जनता को बधाई देते हुए कहा कि गुडे हार गए और जनता जीत गई। दिल्ली नगर निगम में आज दिल्ली की जनता की जीत हुई और गुंडागर्दी की हार हुई। वहीं, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसे ईमानदारी व दिल्ली की जनता के जनादेश की जीत करार देते हुए कहा कि असंवैधानिक तरीके से मेयर पद पर कब्जा करने की कोशिश कर रही भाजपा की करारी हार हुई है।
एमसीडी सदन में मेयर और डिप्टी मेयर को पड़े मतों की मतगणना में शुरू से ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों का दबदबा रहा। जैसे – जैसे मतों की गिनती आगे बढ़ती गई, आप के मेयर और डिप्टी मेयर प्रत्याशियों की बढ़त मजबूत होती गई और भाजपा के प्रत्याशी पिछड़ते गए। नतीजों की घोषणा से पहले ही साफ हो गया था कि आप मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर कब्जा करने जा रही है।इसके बाद आप कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई और परिणामों की घोषणा होते ही सिविक सेंटर में मौजूद पार्टी के पार्षदों, विधायकों और सांसदों ने एक दूसरे को गले लगाकर जीत की बधाई दी।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव जीतने पर शैली ओबरॉय को बधाई देते हुए कहा, ‘‘गुंडे हार गए, जनता जीत गई। दिल्ली नगर निगम में आज दिल्ली की जनता की जीत हुई और गुंडागर्दी की हार। शैली ओबरॉय के मेयर चुने जाने पर दिल्ली की जनता को बधाई।”
‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘‘आप’’ प्रत्याशी आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर का चुनाव जीतने पर बधाई देते हुए कहा, ‘‘दिल्ली नगर निगम में डिप्टी मेयर चुने जाने पर आले मोहम्मद इकबाल जी और दिल्ली की जनता को बहुत-बहुत बधाई। जनता की जीत हुई।’’,
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शैली ओबरॉय को बधाई देते हुए कहा, “गुंडे हार गए, जनता जीत गई। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई और दिल्ली की जनता का तहे दिल से एक बार फिर से आभार। आम आदमी पार्टी की पहली मेयर शैली ओबरॉय को भी बहुत बहुत बधाई।“
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिप्टी मेयर चुने गए आले मोहम्मद को ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा, ‘‘ दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के डिप्टी मेयर चुने जाने पर आले इक़बाल को बहुत बहुत बधाई। भाजपा, केंद्र सरकार और एलजी साहब तक, सब संविधान के खिलाफ जाकर रोकने की कोशिश करते रहे लेकिन दिल्ली की जनता ने कर दिखाया। एमसीडी में भी केजरीवाल।’’
सुप्रीम कोर्ट की वजह से शांतिपूर्ण तरीके से मेयर का चुनाव हो सका, जिसमें आम आदमी पार्टी को 150 वोट मिले- सौरभ भारद्वाज
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने 80 दिनों पहले ‘‘आप’’ को एमसीडी चुनाव में भारी बहुमत से जिताया था। इसमें कोई गुंजाइश ही नहीं थी कि एमसीडी में ‘‘आप’’ की मेयर न बने। भाजपा, केंद्र सरकार और एलजी के षड्यंत्रों की वजह से 80 दिनों की बर्बादी हुई। इन्होंने दिल्ली की जनता के जनादेश के उलट एमसीडी में बीजेपी की सरकार बनानी चाही, जो संभव नहीं था। ‘‘आप’’ के एमसीडी चुनाव जीतने के बाद से ही बीजेपी ने कहना शुरू कर दिया था कि मेयर बीजेपी का बनेगा। यह केवल तभी संभव हो होता, जब बीजेपी खरीद-फरोख्त कर हमारे पार्षदों को अपनी तरफ मिला लेते, जो नहीं हो पा रहा था। इसलिए भाजपा बार-बार गुंडागर्दी करके चुनाव टाल रही थी। अंततः सुप्रीम कोर्ट की वजह से मेयर का चुनाव हो पाया। आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं और उनके कहने पर अपना खून-पसीना बहाने के लिए तैयार हैं। बीजेपी के ऑपरेशन लोटस में कांग्रेस के नेता बिकते हैं, न कि आम आदमी पार्टी के। यह बहुत शर्म की बात है कि कांग्रेस ने यह जानते हुए भी चुनाव का बायकॉट किया कि इससे भाजपा को ही फायदा होगा। कांग्रेस ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भी बीजेपी की मदद की थी। आज दिल्ली मेयर इलेक्शन में भी बीजेपी की मदद करने की कोशिश की।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा, “आज की जीत जनता की जीत है। यह कहा जा सकता है कि गुंडे हार गए और जनता जीत गई। ईमानदारी, सच्चाई और शराफत की जीत हुई है।“
वहीं, आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, ‘‘गुंडागर्दी हारी, जनता जीती! दिल्ली नगर निगम में आज दिल्ली की जनता की जीत हुई और गुंडागर्दी की हार। शैली ओबरॉय जी को दिल्ली का मेयर चुने जाने पर दिल्ली की जनता को बधाई।’’
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नई पारी की शुरूआत हुई। अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में एमसीडी में ‘‘आप’’ का परचम लहराया। शैली ओबेरॉय को दिल्ली का मेयर बनने पर हार्दिक बधाई।’’
उल्लेखनीय है कि एमसीडी चुनाव पिछले साल अप्रैल में होने वाला था, लेकिन भाजपा को हार का डर था और इन्होंने तीनों एमसीडी के विलय का हवाला देते हुए कुछ महीनों के लिए चुनाव टाल दिए। एमसीडी चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने जनता के जनादेश का पालन नहीं किया और एमसीडी में पिछले दरवाजे से प्रवेश पाने की हर संभव कोशिश करती रही। भाजपा ने पहले आम आदमी पार्टी के पार्षदों को ’खरीद कर अपना मेयर बनाने की कोशिश की। हालांकि भाजपा को जल्द ही यह अहसास हो गया कि आम आदमी पार्टी के पार्षद अन्य विपक्षी पार्टियों से अलग हैं। भाजपा आम आदमी पार्टी के एक भी पार्षद को खरीद नहीं पाई। इसके बाद भाजपा ने अपना मेयर चुनने के लिए अन्य अवैध हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए। भाजपा ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से एमसीडी में मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति की। इसके बाद इन्होंने स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। भाजपा ने मनोनीत पार्षदों से मेयर चुनाव में वोट डलवाने का प्रयास किया। जबकि संविधान में बहुत स्पष्ट रूप से लिखा है कि मनोनीत पार्षदों को मतदान करने की अनुमति नहीं है। यह स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 243 आर और डीएमसी अधिनियम की धारा 3 के तहत भी कहा गया है। इसलिए मजबूरन आम आदमी पार्टी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। पिछले सप्ताह आम आदमी पार्टी और लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत साबित हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मनोनीत पार्षद मतदान नहीं कर सकते और सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की साजिश को नाकाम कर दिया। 7 दिसंबर 2022 को आम आदमी पार्टी द्वारा एमसीडी चुनाव जीतने के बाद करीब ढाई महीने बाद आज दिल्ली की जनता को आखिरकार अपना मेयर मिल गया।