*दिल्ली में केजरीवाल सरकार उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर 22 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लेकर जनता से वसूल रही है। – चौ0 अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार की बिजली मंत्री आतिशी द्वारा भारत के राष्ट्रपति द्वारा डीईआरसी चैयरमैन पद पर पूर्व न्यायधीश उमेश कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाना आश्चर्यजनक है जबकि केजरीवाल सरकार डीईआरसी के शीर्ष पद पर अपना व्यक्ति बैठाना चाहती थी ताकि वह दिल्ली की जनता के पैसों को निरंतर लूटती रहे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली के नाम पर दिल्ली को जनता को बिल के साथ 22 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज लेकर वसूल रही है। अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की गरीब जनता को सरचार्ज घटाकर भारी बिजली के बिलों में राहत देनी चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस लगातार मांग करती रही है कि सरकार बिजली कम्पनियों को सब्सिडी देने की बजाय उपभोक्ताओं के खातें में सब्सिडी सीधी डाले। परंतु केजरीवाल सरकार ने सब्सिडी के नाम पर दिल्ली की जनता को लूटकर 11,743 करोड़ की जनता को दी जाने वाली सब्सिडी सीधी बिजली कम्पनियों को दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त केजरीवाल सरकार बिजली बिलों पर फिक्स जार्च, पीपीएसी, आर.ए. सरचार्ज, बिजली टैक्स के नाम पर 37,227 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि के रुप में जनता को लूटकर अपना घर भर रही है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि बिजली मंत्री का बयान कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में सबसे सस्ती बिजली 24 घंटे उपलब्ध करा रही है, पूरी तरह बेबुनियाद है। क्योंकि दिल्ली में बिजली दर यूनिट बढ़ने के साथ-साथ बढ़ने का प्रावधान डीईआरसी ने किया है जो 700 यूनिट के बाद लगभग 10 रुपये प्रति यूनिट पहुॅच जाता है। उन्होंने कहा कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली के नाम पर गरीब दिल्ली वालों को लूटा जा रहा है। जब 200 यूनिट बिजली मुफ्त है तब 3 रुपये प्रति यूनिट वसूलने का प्रावधान क्यों? 201-400 यूनिट पर सीधा 4.50 रुपये प्रति यूनिट चार्ज करके दिल्ली की जनता को लूटा जा रहा है जबकि 201 यूनिट के बाद 3 रुपये प्रति यूनिट चार्ज किया जाना चाहिए। 200 यूनिट के 1 यूनिट उपर होने के बाद उपभोक्ता पूरा बिल अदा कर रहा है, कहीं तो 200 यूनिट से कम होने पर भी पूरा बिल लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन कार्यकालों में बिजली कंपनियों को फायदा पहुॅचाने के लिए केजरीवाल सरकार 3-4 बार बिजली की दरों में वृद्धि कर चुकी है जबकि कांग्रेस डिस्कॉम का आडिट कराने की मांग पर केजरीवाल सरकार ने कभी नही मानी, जबकि केग रिपोर्ट में बिजली कंपनियों की अनियमितताओं को दिल्ली कांग्रेस ने जनता के सामने उजागर किया है।