मोदी-अडानी का स्कैम फिर उजागर, विदेशों में फर्जी कंपनियां खोलकर हजारों करोड़ लगा अडानी के शेयरों की कीमत बढ़ाकर भारत के लोगों को लूटा गया- संजय सिंह

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  • चांग चुंग लिंग व नासीर ने मॉरिशस-बर्मूडा जैसे देशों में फर्जी कंपनियां खोली और गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से मिलकर भारत का पैसा विदेश भेजा- संजय सिंह
  • झांसे में आकर भारतीय निवेशकों ने बढ़े दामों पर अडानी के शेयर खरीदे और भ्रष्टाचार सामने आने पर दाम गिरने से उनका पैसा डूब गया- संजय सिंह
  • सेबी का कहना है कि अडानी के शेयर गिरने से छोटे निवेशकों के 22 हजार करोड़ और एलआईसी के 16 हजार करोड़ रुपए डूब गए- संजय सिंह
  • चांग चुंग लिंग और नासीर अली की कंपनियों को विनोद अडानी की एक्सल कंपनी ने गौतम अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने की सलाह दी- संजय सिंह
  • सेबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ने चीन से बिजली उपकरण खरीदकर मॉरिशस भेजा, ताकि भारत में उसके महंगे दाम बताकर बिजली महंगी की जा सके- संजय सिंह
  • हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार की जानकारी 2014 से पहले से सेबी को है, फिर भी वो सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंक रही, कोर्ट इसका संज्ञान ले- संजय सिंह
  • एक्सपर्ट कमेटी की जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार सामने इसलिए नहीं आ पा रहा, क्योंकि मामला मोदी जी के दोस्त अडानी से जुड़ा है- संजय सिंह
  • 2014 से पहले सेबी को अडानी के शेयरों की कीमत में हेराफेरी की 850 शिकायतें मिली थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई- रीना गुप्ता
  • आम आदमी पार्टी अडानी मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग करती है, क्योंकि कोई एजेंसी ये जांच नहीं कर पा रही- रीना गुप्ता

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब खोजी पत्रकारों के समूह आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी के भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विदेशों में फर्जी कंपनियां खोलकर हजारों करोड़ रुपए अडानी की कंपनियों में लगाकर शेयर की कीमत बढाई गई और भारतीय निवेशकों को लूटा गया। चीन के व्यापारी चांग चूंग लिंग और यूएई के नासीर अली ने टैक्स हैवेन्स देश मॉरिशस व बर्मूडा में ये फर्जी कंपनियां खोली थीं और गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के साथ मिलकर भारत का पैसा विदेश में भेजा। इसके बाद विनोद अडानी की एक्सल कंपनी ने इनकी कंपनियों को भारत में स्थित गौतम अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले से ही सेबी को अडानी के हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार की जानकारी है। इसके बावजूद वो सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का संज्ञान में लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और “आप” की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में अडानी के भ्रष्टाचार को लेकर एक प्रेस वार्ता कर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी की कंपनियों का बहुत बड़ा आर्थिक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। अडानी ने विदेश में बनी फर्जी कंपनियों के साथ मिलीभगत करके बड़ा घोटाला किया था। उसके बाद विपक्ष ने संसद में अडानी की कंपनियों की जांच करने की मांग की थी। विदेश में बनी फर्जी कंपनियों के माध्यम से अडानी की कंपनियों में लाखों करोड़ रुपए लगाया गया है। फर्जी तरीके से अडानी की कंपनियों के शेयर बढ़ाए गए हैं। यानी अडानी की कंपनियों का वास्तविक मूल्य उतना नहीं था। इसके बावजूद बाहर से पैसा लगाकर फर्जी तरीके से भारत में अडानी की कंपनियों के शेयर के दाम बढ़ाए गए और भारत के निवेशकों ने बढ़े हुए दाम पर अडानी का शेयर खरीदा था। हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी का शेयर एकाएक गिर गया और निवेशकों का सारा पैसा डूब गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। सेबी भी जांच कर रही है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सेबी को आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह बहुत ही आश्चर्य जनक बात है कि सेबी अच्छी तरह से जानता है कि अडानी ने इस मामले में भ्रष्टाचार किया है। इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहा कि एक्सपर्ट कमेटी दीवार में ठोकर मार रही है। अगर सेबी इसकी जांच करती हैं तो इसके लक्ष्य की कोई सीमा नहीं होगी। सेबी ने किसके कहने पर सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंका और क्यों गुमराह किया? क्योंकि यह बहुत बड़ा मामला है। सुप्रीम कोर्ट को इस बात को संज्ञान में लेना चाहिए। इस बात का खुलासा खोजी पत्रकारिता आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) से जुड़े कुछ लोगों ने किया है। ओसीसीआरपी खोजी पत्रकारों का एक समूह है। इस समूह ने अडानी की पूरी जानकारी एकत्र की है कि विदेशों में कहां-कहां पर फर्जी कंपनियां बनाकर अडानी की कंपनी में हजारों करोड़ रुपए लगाकर शेयर के दाम बढ़ाए गए और भारत के लोगों को लूटा गया। अडानी ने यह सारा भ्रष्टाचार यूएई के व्यापारी नासिर अली और चीन के व्यापारी चांग चुंग लिंग के साथ मिलकर किया गया। चांग चुंग लिंग का नाम अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी सामने आया था। चांग चुंग लिंग अपना व्यापार मॉरिशस और बर्मूडा और यूएई में कर रहा है। मॉरिशस में एक पते पर छह कंपनी खोलकर हजारों करोड़ रुपए अडानी की कंपनी में लगाए गए। ये छह कंपनी क्या व्यापार करती हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि टैक्स हैवेन्स कंट्री मॉरिशस और बर्मूडा के नियम ही ऐसे हैं। वहां कोई भी कागजात देने की जरूरत नहीं है। एक बार फीस लगती है। इसके अलावा कंपनी क्या करती है, कंपनी का आदमनी, वो पैसा कहां लगाया जा रहा है, वो पैसा कालाधन या नहीं, इसकी कोई जानकारी देने आवश्यकता नहीं है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि खोजी पत्रकारों ने खुलासा किया है कि ये लोग गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के साथ मिलकर सेबी के नियमों के विरुद्ध फर्जी कंपनियां बनाकर भारत में पैसा लगा रहे थे और यह सीधा-सीधा मनी लॉड्रिंग का मामला है। भारत से पैसा विदेशों में जाता था, विदेशों से पैसा अडानी की कंपनियों में आता था और अडानी की कंपनियों के शेयर बढ़ाए जाते थे और भारत के लोग बढ़े हुए शेयर को खरीदते थे। जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जब इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ तो अडानी की कंपनियों को करीब 5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। खुद सेबी ने बताया कि छोटे निवेशकों का करीब 22 हजार करोड़ रुपए डूब गया। एलआईसी ने भी 36 हजार करोड़ रुपए निवेश कर अडानी की कंपनियों का शेयर खरीदा था और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद एलआईसी को 16 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इन कंपनियों के खेल के बारे में बताया कि इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड और ईएम रिसर्जेंट फंड नासीर अली और चांग चुंग लिंग की कंपनी है। नासीर अली और चांग चुंग लिंग की कंपनियों को अडानी की कंपनी में पैसा लगाने की सलाह एक्सल टू प्रोवाइड एडवाइजरी सर्विसेज टू ईआईएफएफ एंड ईएमआरएफ देती थी। एक्सल टू प्रोवाइड एडवाइजरी सर्विसेज विनोद अडानी की कंपनी है। विनोद अडानी मॉरिशस, बर्मूडा और यूएई में नासीर अली और चांग चुंग लिंग को अडानी की कंपनी में पैसा लगाने की सलाह दिया। विनोद अडानी भारत से अपने भाई गौतम अडानी से हजरों करोड़ रुपए मंगाया और वो पैसा मॉरिशस व बर्मूडा में बनी फर्जी कंपनियों को दिया और फिर इन कंपनियों को सलाह दिया कि ये सारा पैसा हमारे भाई गौतम अडानी की कंपनी में लगा दो। जब अडानी की कंपनियों के शेयर बढ़ेंगे तो भारत के लोग झांसे में आकर शेयर खरीदेंगे और जब वास्तविक मूल्य पता चलेगा, तब सारे शेयर गिर जाएंगे और लोगों के पैसे डूब जाएंगे। यह मामला सीधा मनी लॉड्रिंग का है। इस भ्रष्टाचार की जांच खोजी पत्रकारों का समूह कर सकता है तो एक्सपर्ट कमेटी की जांच रिपोर्ट में यह सच्चाई क्यों नहीं आ पा रही है? सेबी इस मामले की जांच क्यों नहीं कर सकता है। क्योंकि यह मामला पीएम नरेंद्र मोदी के दोस्त गौतम अडानी से जुड़ा है।

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अपील करते हुए कहा कि सुपीम कोर्ट को ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि सेबी और एक्सपर्ट की कमेटी सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंकने का काम कर रही हैं और सही जानकारी नहीं दी जा रही है। खोजी पत्रकारों के समूह ने जो जानकारी सामने की है, उस पर संज्ञान लेकर अडानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला ईडी से भी जुड़ा हुआ है। सेबी ने 2014 के पहले अडानी की कंपनियों के बारे में एक रिपोर्ट दाखिल की थी कि मॉरिशस से अडानी के पावर प्रोजेक्ट में कुछ उपकरण आए। यह उपकरण चीन से खरीदे गए। चीन से खरीदा गया उपकरण सीधे भारत आना चाहिए लेकिन इसे मॉरिशस भेजा गया। अडानी की महाराष्ट्र में बिजली कंपनियां हैं। इन कंपनियों के लिए 2014 के पहले चीन से कुछ उपकरण खरीदे गए। उन उपकरणों का दाम महंगा दिखाना था। इसलिए उन उपकरणों को चीन से मॉरिशस भेजा गया और मॉरिशस से भारत आया। इन्हीं फर्जी कंपनियो के जरिए सब पेपर पर हो रहा है। यह डायरेक्टरेट ऑॅफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की रिपोर्ट में कहा गया है। डीआरआई ने ये सारी जानकारी सेबी को दिया था। इसलिए सेबी को भ्रष्टाचार के बारे में पता है, तब भी सेबी सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहा है। सेबी को मालूम है कि चीन से आए उपकरण की मॉरिशस में फर्जी बिलिंग कराई गई और दाम बढ़ाए गए, तो निश्चित रूप से बिजली महंगी होगी और अंत में जनता के साथ लूट होती है।

ओसीसीआरपी की रिपोर्ट से साफ है कि पीएम मोदी की मदद से अडानी भारत में दुनिया की सबसे बड़ी पोंजी स्कीम चला रहा है- रीना गुप्ता

वहीं, आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पोंजी स्कीम का नाम सबने सुना होगा। इसमें कोई एजेंट आपके पास आता है और कहता है कि स्कीम में 10 हजार रुपए लगाओ और दो साल में वो पैसा बढ़कर एक लाख हो जाएगा। शुरूआत में सुनकर कुछ अजीब लगेगा कि 10 हजार रुपए दो साल में एक लाख कैसे हो जाएंगे। इस तरह की भारत में हजारों पोंजी स्कीम आई हैं। सेबी, ईडी और सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों की यह जिम्मेदारी है कि ऐसी पोंजी स्कीम से लोगों को बचाएं। ओसीसीआरपी की रिपोर्ट से साफ है कि पीएम मोदी की मदद से अडानी और उनका परिवार भारत में दुनिया की सबसे बड़ी पोंजी स्कीम चला रहा है। सेबी का नियम कहता है कि अगर कोई कंपनी स्टॉक मॉर्केट में सूचीबद्ध है तो उसके कम से कम 25 फीसद शेयर स्टॉक एक्सचेंज में होने चाहिए। क्योंकि अगर शेयर 25 फीसद से कम हो जाएंगे तो उसकी मांग बढ़ जाएगी। जैसे कोई चीज मार्केट में कम हो जाए तो उसकी कीमत अचानक बढ़ जाती है। एक साधारण निवेशक को कंपनी की वास्तविक वैल्यू के बारे में पता नहीं होता है। यह बताने की जिम्मेदारी सेबी की होती है। 2014 से पहले सेबी को 850 शिकायतें मिली थी कि अडानी की कंपनियों में स्टॉक प्राइस की हेराफेरी की जा रही है। लेकिन सेबी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और आधी से ज्यादा शिकायतों को बंद कर दिया। इससे छोटे निवेशकों का पैसा डूब गया। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने भी यही निष्कर्ष निकाला कि उसको कुछ नहीं मिल रहा है। अडानी के समधी भी सेबी की कमेटी में हैं। अब अडानी का समधी ही सेबी की कमेटी में है तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो कमेटी निष्पक्ष जांच करेगी। मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला है, फिर भी कार्रवाई की जा रही है। खोजी पत्रकारों के समूह की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि अडानी की कंपनियां और उनका परिवार कैसे भ्रष्टाचार में शामिल है लेकिन कोई जांच नहीं हो रही है। आम आदमी पार्टी की मांग है कि अडानी मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित की जानी चाहिए। क्योंकि सरकार की कोई एजेंसी इसकी जांच नहीं कर पा रही है।

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