जी20 के उपलक्ष्य में श्री अरबिंदो कॉलेज द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

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*सांस्कृतिक संबंध दिलों को जोड़ने वाला होता है: अनूप लाठर

दिल्ली विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परिषद के सहयोग से श्री अरबिंदो कॉलेज द्वारा जी 20 के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय भारत-चीन के परस्पर मजबूत सम्बंधो की भूमिका को आधार बनाया जाना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष अनूप लाठर के साथ-साथ प्रो. रविन्द्र कुमार, प्रो. निरंजन कुमार एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व पीवीसी प्रो. चिंतामणि महापात्रा वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर अनूप लाठर ने अपने वक्तव्य में कहा कि चीन से हमारे सम्बन्ध बहुत पुराने हैं। पारंपरिक और व्यापारिक दोनो ही रूपों में उनसे हमारा सम्बंध हृदय, मन और आत्मा का हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। स्वागत वक्तव्य में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विपिन कुमार अग्रवाल ने भारत और चीन को एक साथ आने और उसके माध्यम से विश्व प्रगति के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रो. निरंजन कुमार ने इंडस वैली सभ्यता के प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि ‘सन्धि-पत्र’ स्वार्थो से प्रबल नहीं होना चाहिए, भारत-चीन का संबंध भविष्य को गति देने वाला है। प्रो. रविन्द्र कुमार ने भारत की गौरवशाली परंपरा से सीखने की बात कही। उन्होंने ज्ञान के साथ-साथ अनुभव की महत्वत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने महाभारत के दो प्रसंगो के माध्यम से शब्दों के चयन के महत्व पर भी जोर दिया। मुख्य वक्ता प्रो. चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि चीन की शैक्षणिक संस्थाओं के पास अनेकों विचार है, परंतु प्राचीन भारतीय पौराणिक ग्रंथों में ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की वह सूचनाएँ पहले से विद्यमान हैं। कार्यक्रम का समापन भारत और चीन के लोकनृत्य इव गायन के साथ संपन्न हुआ।

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