दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म द्वारा डीएसजे के मानद निदेशक प्रो. जेपी दुबे की अध्यक्षता में ‘मीडिया और संचार में अनुसंधान के दृष्टिकोण’ पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का आयोजन डॉ पूर्णिमा कुमारी और डॉ प्रियंका सचदेवा द्वारा किया गया। इस अवसर पर व्याख्यान की मुख्य वक्ता शेफाली चतुर्वेदी (संचार एवं प्रसारण विशेषज्ञ) ने विद्यार्थियों को अध्ययन और व्यावहारिकता में अनुसंधान का महत्व बताते हुए कहा कि, “अनुसंधान इस सुई की तरह है जो ज्ञान के विभिन्न आयामों को जोड़ उनके बीच की दूरी को कम करता है साथ ही समझने और अन्वेषण करने की क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है।”
अनुसंधान के लिए ऑडियंस को समझना, उनके सामाजिक व उनकी संस्कृति के साथ साथ उनके दैनिक जीवन, समस्याओं, भाषा, पहनावे और खान-पान को समझने व अध्ययन का बताते हुए शेफाली चतुर्वेदी ने अनुसंधान के ‘5 आई’ और ’एक ई’, इमर्सन, इंडिकेटर, आइडिया, इनसाइट, इंपैक्ट और एक्सक्यूशन की व्याख्या करते अनुसंधान के आधार के साथ साथ पूरी प्रक्रिया को समझाया कि कैसे किसी अनुसंधान की शुरुआत की जाए, कैसे पता किया जाए की हम सही राह पर आगे बढ़ रहे है, किस प्रकार इसे प्रभाव में लाया जाए और कैसे सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को किस स्तर तक प्रभावित किया जा सकता है। विद्यार्थियों द्वारा सवाल जवाब के साथ अपने कार्य अनुभव के कुछ किस्सों के साथ व्याख्यान की समाप्ति हुईं। व्याख्यान में विद्यार्थियों के साथ फैकल्टी ने भी भाग लिया।