कृष्णा श्रॉफ के एमएमए ने महिला सशक्तिकरण को फिर से परिभाषित किया

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*मैट्रिक्स फाइट नाइट से UFC तक, कृष्णा श्रॉफ के साथ पूजा तोमर की प्रेरक यात्रा

*फाइट के खेलों में महिलाओं को सशक्त बनाने की कृष्णा श्रॉफ की खोज

कृष्णा श्रॉफ ने काफी अपरंपरागत तरीके से अपनी पहचान बनाई है। वह सिर्फ एक और स्टार किड नहीं हैं बल्कि मिक्स्ड मार्शल आर्ट (एमएमए) की दुनिया में महिला सशक्तिकरण की एक उत्साही समर्थक हैं। उनके मार्गदर्शन में पूजा तोमर, जो प्रमोशन की पहली स्ट्रॉवेट चैंपियन थीं उन्होंने स्थानीय “मैट्रिक्स फाइट नाइट” में लड़ने से लेकर अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (यूएफसी) में उल्लेखनीय प्रमोशन हासिल की। वह पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जिन्हें UFC में साइन किया गया है।

कृष्णा श्रॉफ के प्रयास फीमेल फाइटर्स के लिए अवसर पैदा करने से कहीं आगे तक फैले हुए हैं। वह रूढ़िवादिता को तोड़ने और यह साबित करने का प्रतीक है कि महिलाएं अपरंपरागत क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। उनका काम दुनियाभर में महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है, जिससे महिलाओं को अपने जुनून को आगे बढ़ाने और बाधाओं को तोड़ने में मदद मिलती है।

पूजा तोमर जैसी प्रतिभाओं को निखारकर और मैट्रिक्स फाइट नाइट जैसे मंच बनाकर, कृष्णा श्रॉफ महिलाओं को लड़ाकू खेलों की दुनिया में अगले स्तर पर ले जा रही हैं। वह कहानी को नया आकार दे रही है और साबित कर रही है कि महिलाएं पुरुष-प्रधान क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। कृष्णा श्रॉफ की यात्रा और एमएमए में महिलाओं के उत्थान के लिए उनकी प्रतिबद्धता महत्वाकांक्षी फीमेल फाइटर्स के लिए आशा और सशक्तिकरण की किरण के रूप में काम करती हैं।

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