- जिन्होंने 2019 में कर्नाटक-मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराई और भाजपा की सरकार बनवाई, वही लोग दिल्ली में विधायक तोड़ने आए थे- आतिशी
- यह क्राइम ब्रांच की नोटिस नहीं, बल्कि एक पत्र है, जिसमें आईपीसी, सीआरपीसी, पीएमएलए या प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं का जिक्र नहीं है- आतिशी
- पुलिस में आकर देश की सेवा और महिलाओं की सुरक्षा करने का जज्बा रखने वाले अफसरों के राजनीतिक आकाओं ने इन्हें प्राइम टाइम की नौटंकी बनाकर रख दिया है- आतिशी
- भाजपा ने दिल्ली पुलिस की छवि कायर-डारपोक की बना दी है, अपराधी भी सोचते होंगे कि इनसे क्या डरना जो कुछ कैमरों से डर जाते हैं- आतिशी
- क्राइम ब्रांच से पहले मीडिया सीएम केजरीवाल और कैबिनेट मंत्री आतिशी के घर पहुंच गया था, इससे साफ है भाजपा को पहले से पता था- जस्मिन शाह
- क्राइम ब्रांच के अफसरों ने मीडिया के सामने बात करने से इन्कार कर दिया, जब कानून के तहत काम कर रहे हैं तो किस बात का डर है?- जस्मिन शाह
- दिल्ली में हर साल तीन लाख अपराध दर्ज होते हैं जबकि एक लाख से भी कम मामलों में चार्जशीट फाइल होती है- जस्मिन शाह
- हर साल दिल्ली में क्राइम केस बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस इन्हें रोकने के बजाय भाजपा कार्यालय से एक कॉल आते ही सीएम आवास पर पहुंच जाती है- जस्मिन शाह
दिल्ली में विधायकों को करोड़ों रुपए का ऑफर देकर तोड़ने की कोशिश मामलें में रविवार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा को करारा जवाब दिया। पार्टी ने बार-बार क्राइम ब्रांच के अफसरों को सीएम अरविंद केजरीवाल और कैबिनेट मंत्री आतिशी के आवास पर पहुंचने को नौटंकी करार दिया। कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा के जिन लोगों ने 2019 में कर्नाटक-मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा की सरकार बनवाई, उन्होंने ही दिल्ली में हमारे विधायक से संपर्क कर पैसे का ऑफर दिया। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच की नोटिस में आईपीसी, सीआरपीसी, पीएमएलए या प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं का कोई जिक्र नहीं है। हमें यह देखकर बहुत दुख होता है कि भाजपा ने दिल्ली पुलिस की छवि को कायर और डारपोक की बना दी है। आज अपराधी भी सोचते होंगे कि इन पुलिसवालों से क्या डरना? जो कुछ कैमरों से ही डर जाते हैं। वहीं, वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि हर साल दिल्ली में क्राइम केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है कि वो इसे रोके, लेकिन वो भाजपा कार्यालय से एक कॉल आते ही सीएम आवास पर पहुंच जा रही है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी और वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने रविवार को भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों और दिल्ली पुलिस का दुरुपयोग करने को लेकर पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की। वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक दर्जन अफसर सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक नोटिस लेकर पहुंचे और कहने लगे कि हम यह नोटिस सीएम अरविंद केजरीवाल के हाथों में ही देंगे। इसके बाद रविवार सुबह आधा दर्जन क्राइम ब्रांच के अफसर मेरे घर पर भी पहुंचे और दो-तीन घंटे तक वहां इंतजार किया। इस दौरान वो कभी घर के पीछे के दरवाजे पर गए तो कभी घर के आगे के दरवाजे पर आए। उनका यह कहना था कि क्राइम ब्रांच का नोटिस है और इसे मंत्री के हाथों में ही देंगे। क्राइम ब्रांच के इन अफसरों को देखकर दया आती है। जब वो पुलिस में आए होंगे और प्रमोशन के बाद इंस्पेक्टर, एसीपी बने होंगे, तब उन्होंने सोचा होगा कि देश की सेवा करेंगे, महिलाओं की सुरक्षा करेंगे और देशवासियों के लिए कुछ अच्छा करेंगे, लेकिन अब उनके राजनैतिक आकाओं ने उनको प्राइम टाइम की एक नौटंकी बनाकर रख दिया है।
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि नोटिस देने के दौरान पुलिस वालों ने कहा कि अंदर चलिए, हम मीडिया के सामने बात नहीं कर सकते हैं। यह देखकर पूरी दिल्ली और देश में यह संदेश जाता है कि दिल्ली पुलिस वाले डरपोक और कायर हैं। यह कितनी दुखद बात है कि आज दिल्ली पुलिस के जांबाज सिपाहियों की छवि डरपोक और कायर की कर दी गई है, जो मीडिया के सामने बात भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली के अपराधी इन पुलिस वालों के बारे में क्या सोचेंगे। अपराधी तो यही कहेंगे कि दिल्ली पुलिस से क्या डरना, जो मीडिया के कैमरों से डर जाते हैं?
उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच वाले शनिवार को मुख्यमंत्री आवास और रविवार सुबह दो-तीन घंटे की नौटंकी बाद मुझे एक नोटिस देकर चले गए। अब यह नोटिस भी मजेदार है। इसमें न कोई एफआईआर है। न किसी प्रकार का कोई समन है। इसमें किसी आईपीसी, सीआरपीसी और पीएमएलए की कोई धारा भी नहीं है। इसमें प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की कोई धारा नहीं है। कुल मिलाकर क्राइम ब्रांच वाले घंटों की नौटंकी के बाद अरविंद केजरीवाल और मुझे एक-एक चिट्ठी देकर चले गए। क्या यह चिट्ठी इतनी महत्वपूर्ण है कि जो वो कह रहे थे कि इसे हम हाथों में ही देंगे। हमारे घर में कभी अमेजॉन, फ्लिपकार्ट वाले और सरकारी कर्मचारी डाक फाइलें लेकर आते हैं। यह जाहिर सी बात है कि फाइलें या डिलीवरी ऑफिस में ही छोड़ी जाती है। कोई मुख्यमंत्री या मंत्री ऑफिस में चिट्ठी कलेक्ट करने के लिए नहीं बैठता है। रविवार को जो हुआ, उसमें इन पुलिस वालों की कोई गलती नहीं है। ये तो उनके राजनैतिक आका हैं, जो हमसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं कि आखिर किसने आम आदमी पार्टी के विधायकों को ऑफर दिया था। दिल्ली पुलिस के राजनैतिक आकाओं को बताना चाहती हूं कि आपको इतनी नौटंकी करने की जरूरत ही नहीं थी। हम रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करके उन सवालों का जवाब देने ही वाले थे कि किसने आखिरकार आम आदमी पार्टी के विधायकों को करोड़ों रुपए के ऑफर दिए।
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को ऑफर देने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने 2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस के 9 विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल कराया था। जिन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा था, उन्होंने ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क किया था। गोवा में जुलाई 2019 में जब कांग्रेस के 17 विधायक जीतकर आए थे और उनके 14 विधायक कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में चले गए, जो लोग कांग्रेस के उन 14 विधायकों के पास गए थे। वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास भी आए। कर्नाटक में 2019 में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनी और एचडी कुमार स्वामी मुख्यमंत्री बने। जुलाई 2019 में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायक टूटकर भारतीय जनता पार्टी में चले गए। जो लोग कांग्रेस के उन 17 विधायकों को तोड़ने और धमकी देने आए थे। वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास आए। मध्य प्रदेश में 2020 में कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। उस दौरान 22 कांग्रेस के विधायक टूटकर पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में चले गए। जो लोग कांग्रेस के उन विधायकों को तोड़ने और खरीदने आए थे, वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास आए। हाल ही में पूरे देश ने देखा कि नवंबर 2019 में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, लेकिन 21 जून 2022 को शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे 11 विधायकों के साथ मुंबई से सूरत चले गए और शिवसेना छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली। जो लोग एकनाथ शिंदे के साथ 11 विधायकों को तोड़ने आए थे, वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने आए थे। तेलंगाना में एक स्टिंग में देखा गया कि कुछ लोग विधायकों को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपये लेकर घूम रहे थे। वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच के राजनैतिक आकाओं को बताना चाहती हूं कि आप लोगों को भी पता है कि पिछले 7-8 साल से वह कौन लोग हैं, जो एक-एक करके विपक्ष की सरकारों को तोड़ रहे हैं और आज आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क कर रहे हैं।
वहीं, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम के पहुंचने से पहले मीडिया के सारे लोग वहां पहुंच गए थे। सीएम आवास पर आई दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम में दर्जनभर ऑफिसर और कई सीनियर अधिकारी शामिल थे। ये जानकारी मीडिया को बीजेपी ने दी थी। इसका मतलब ये है कि बीजेपी को पहले ही पता चल जाता है कि थोड़ी देर में क्राइम ब्रांच की टीम सीएम आवास जाने वाली है। रविवार को कैबिनेट मंत्री आतिशी के आवास पर भी इसी तरह से क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची, लेकिन इससे पहले सारा मीडिया वहां पहुंच गया था। ये क्राइंम बांच के अधिकारी अपना सारा कामकाज छोड़कर कल 5 घंटे तक सीएम आवास के बाहर खड़े रहे और अरविंद केजरीवाल से मिलने की जिद पर अड़े रहे।
जस्मिन शाह ने कहा कि रविवार को सबने वो वीडियो देखा होगा, जिसमें मैंने केवल एक आम नागरिक की तरह क्राइम ब्रांच के अधिकारी से सवाल पूछा कि वो किस धारा के तहत खुद सीएम अरविंद केजरीवाल के हाथ में ये नोटिस सौंपना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने कोई जबाव देने से मना कर दिया और कहने लगे कि अंदर आ जाइए, अंदर आकर बात करते हैं। इतना डर, इतना खौफ क्यों? अगर आप कानून के तहत कोई काम करते हैं तो मीडिया के सामने बताने में आपको कैसा डर है। उन्होंने हमारे सवाल का जवाब नहीं दिया। आखिरकार 5 घंटे की नौटंकी के बाद नोटिस सीएम दफ्तर के बाहर देकर चले गए।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली देश का क्राइम कैपिटल बन चुका है। हर साल दिल्ली में 3 लाख क्रिमिनल केस रजिस्टर होते हैं। इन 3 लाख में से 1 लाख से भी कम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होती है। हर साल केवल 30 फीसद केसों में चार्जशीट दाखिल होती है। 2 लाख केस में तो चार्जशीट ही फाइल नहीं होता है। ये 30 फीसदी चार्जशीट दाखिल होने का आंकड़ा देश में सबसे कम है। मतलब दिल्ली में सबसे ज्यादा क्राइम रेट है और सबसे कम चार्जशीट होते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह दिल्ली देश की रेप कैपिटल है। महिलाओं के प्रति अपराध में दिल्ली पहले नंबर पर है। सारे मैट्रो सिटी में से पिछले साल महिलाओं के प्रति अपराध सबसे ज्यादा 14,158 केस दिल्ली में सामने आए थे। देश में सीनियर सिटीजन के साथ सबसे ज्यादा क्राइम दिल्ली में होते हैं। पिछले साल 1,115 केस सामने आए हैं। इसनें पिछले साल से बढ़ोतरी हुई है। बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में भी दिल्ली हर साल पहले स्थान पर आता है। पिछले साल भी 7400 मामले दर्ज हुए है। हर साल ये आंकड़ें बढ़ते ही जाते हैं।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि हर साल दिल्ली में रजिस्टर होने वाले क्राइम केस बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस बीजेपी कार्यालय से एक कॉल आने पर अपने दर्जनों ऑफिसर्स के साथ सीएम आवास पर पहुंच जाती है। वह 5 घंटे मीडिया के सामने नौटंकी करते हैं और अपनी शूटिंग करवाते हैं। इसके अलावा नोटिस में न कोई आईपीसी या सीआरपीसी की धारी का जिक्र है, न तो कोई समन व एफआईआर की जानकारी दी गई है। केवल एक कोरे कागज पर एक लेटर या नोटिस लिखकर जबरदस्ती मिलने की बात कर रहे हैं। क्या सीएम अरविंद केजरीवाल और तमाम मंत्री अपना कामकाज छोड़ दें और अपने घर के बाहर बैठकर डाकिया का काम करें, ताकि जब भी ये आएं तो खुद सीएम को जाकर अपने लैटर सौपें। हमारी बीजेपी और दिल्ली पुलिस के राजनैतिक आकाओं से गुजारिश है कि नौटंकी करना बंद करें। उन अधिकारियों को दिल्ली की जनता की सेवा करने दें। इसमें क्राइम ब्रांच के उन पुलिस ऑफिसर्स का कोई दोष नहीं है। हमारी उनके साथ पूरी सहानुभूति है। वह जब पुलिस फोर्स में आए थे तो ये जरूर सोच कर आए थे कि देश की सेवा करेगें, महिला सुरक्षा पर काम करेंगे, किडनैपिंग और मर्डर रोकने में काम करेंगे। लेकिन उन्हें सुबह-सुबह फोन आ जाता है कि मीडिया को लेकर सीएम आवास पर जाओ और बाहर घंटों तक खड़े रहो। यह सब देखकर दुख होता है। हमारा निवेदन है कि क्राइम ब्रांच का राजनीतिकरण न करें। उन्हें जनता की सेवा करने के लिए छोड़ दें।