दिल्ली मेट्रो के फेज़-IV कॉरिडोर पर परिचालन शुरू करने हेतु आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के एक बड़े
कदम के रूप में, डीएमआरसी ने आज मेट्रो भवन (डीएमआरसी मुख्यालय) में अपने नए ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी)
का अनावरण किया। डॉ. विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, डीएमआरसी ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में नए
अत्याधुनिक ओसीसी का उद्घाटन किया।
ओसीसी पूरे मेट्रो सिस्टम (चल स्टॉक, स्टेशन, सिग्नल, ट्रैक इत्यादि) की रिमोट विजिबिलिटी और गतिशीलता
की व्यवस्था करता है, साथ ही कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल की मॉनिटरिंग भी करता है। इस प्रकार ओसीसी से यात्री
और सिस्टम दोनों की हमेशा मॉनिटरिंग की जाती है।
मेट्रो भवन के तीसरे तल पर स्थापित नए ओसीसी के द्वारा न केवल रेड लाइन (लाइन-1: रिठाला से शहीद
स्थल न्यू बस अड्डा) और येलो लाइन (लाइन-2: समयपुर बादली से मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम) के वर्तमान नेटवर्क के
परिचालन का प्रबंधन किया जाएगा, बल्कि फेज़-IV के आगामी कॉरिडोर/ लाइनों, अर्थात् दिल्ली एरोसिटी से
तुगलकाबाद स्टेशन, रिठाला से बवाना-नरेला-कुंडली, लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक के जनता के लिए चालू हो जाने
पर ट्रेनों की आवाजाही की मॉनिटरिंग की जाएगी। यह ओसीसी फेज़-IV के तहत आने वाले नए कॉरिडोर के लिए एक
केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। साथ ही पूरे डीएमआरसी नेटवर्क को भी
अब मेट्रो भवन के ओसीसी द्वारा नियंत्रित किया जा सकेगा ।
अब तक रेड और येलो लाइनों के लिए ओसीसी का संचालन शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से किया जा रहा था और
बाकि लाइनों का परिचालन कार्य मेट्रो भवन के चौथे और छठे तल पर स्थित ओसीसी से किया जा रहा था। आज इस नए
ओसीसी की स्थापना से, डीएमआरसी का संपूर्ण नेटवर्क अब एकीकृत रूप में डीएमआरसी मुख्यालय, मेट्रो भवन से
नियंत्रित किया जाएगा ।
अब डीएमआरसी का संपूर्ण ट्रेन परिचालन, जिसमें कुल 415 कि.मी. नेटवर्क, 388 ट्रेनें, 301 स्टेशन और 40
इंटरचेंज स्टेशन शामिल हैं, को स्टाफ के कुशल उपयोग द्वारा बेहतर तरीके से एक ही भवन से नियंत्रित किया जा सकेगा।
(यह डेटा फेज़-IV के अनुमोदित कॉरिडोर तक का है)।
मेट्रो भवन में एक एकीकृत ओसीसी स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य मेट्रो प्रणाली में व्यवधान या विफलता की
स्थिति में केंद्रीकृत निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करना है। 29 इंटरचेंज मेट्रो स्टेशनों के साथ, एक लाइन में खराबी,
संभावित रूप से अन्य लाइनों को प्रभावित कर सकती है। एक ही स्थान पर विशेषज्ञ कर्मचारियों की एकाग्रता, त्वरित
निर्णय लेने में सक्षम बनाती है और किसी घटना के त्वरित समाधान की सुविधा प्रदान करती है।
ओसीसी में मुख्य नियंत्रक, यातायात नियंत्रक, ट्रैक्शन पावर नियंत्रक, सिग्नलिंग नियंत्रक और सहायक प्रणाली
नियंत्रक कार्यरत हैं जो चौबीसों घंटे/सातों दिन ओसीसी का प्रबंधन और पर्यवेक्षण करते हैं और ये ट्रेन परिचालन की
नियमितता, सुरक्षा तथा संरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।
2024-02-21