सीईएमसीए के सहयोग से एसओएल निदेशक के नेतृत्व में दृष्टि एवं क्षमता निर्माण पर कार्यशाला आयोजित

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*भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है डीयू एसओएल: प्रो. पायल मागो

दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल को भविष्य की नयी चुनौतियों का सामना करने और नयी संभावनाओं के अनुसार खुद को ढालने के लिए मुक्त शिक्षा विद्यालय के मुक्‍त शिक्षा विकास केंद्र (ओएलडीसी) द्वारा संयुक्त राष्ट्र से संबंधित संस्था कामनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (सीईएमसीए) के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दृष्टि एवं क्षमता निर्माण पर यह कार्यशाला एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो के नेतृत्व में नीमराना, राजस्थान स्थित रमाडा होटल में आयोजित की गयी।   

इस संबंध में जानकारी देते हुए एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने बताया कि एसओएल के संकाय सदस्यों को रचनात्‍मकता एवं नवाचार से जोड़ने के लिए आयोजित इस कार्यशाला की शुरुआत सीईएमसीए के निदेशक डॉ. बी. शद्रक द्वारा की गई। इसमें लगभग 50 संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान संबोधित करते हुए प्रो. मागो ने कहा कि अभूतपूर्व तकनीकी प्रगति और वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलती शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप हमें भी अपने भीतर बदलाव लाने होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों और विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रत्‍येक व्‍यक्ति को अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा और मिशन मोड में काम करना होगा। उन्होंने वैयक्तिक विकास > टीम निर्माण > संस्‍थान निर्माण से होते हुए राष्ट्र निर्माण और बेहतर विश्व की संकल्पना को साकार करने का आह्वान किया।

उन्होंने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में आई चुनौतियों के अनुसार स्वयं को तैयार करने तथा मुक्त शिक्षा विद्यालय को वैश्विक मानक के अनुरूप उन्नत बनाने की योजना को कार्यशाला में प्रमुखता दी गयी। कृत्रिम मेधा (एआई), चैट-जीपीटी, गूगल एजुकेशन आदि के कारण शिक्षा संस्‍थानों का रूप तेजी से बदल रहा है। ऐसी स्थिति में शिक्षा संस्थान और शिक्षकों की पारंपरिक भूमिका और कार्यशैली भी बदलेगी। कार्यशाला में इस विषय पर चर्चा हुई कि वैश्विक बदलाव और गति को समझते हुए अपने संस्‍थान और अपनी शिक्षण शैली को कैसे बेहतर बनाएं। इस बात पर सहमति बनी कि भारत जैसे बहुभाषिक और विविधता वाले देश को शैक्षिक उत्कृष्टता का केंद्र बनाने में मुक्‍त शिक्षा बड़ी भूमिका निभा सकती है।

दो दिवसीय कार्यशाला का संचालन मलेशिया के पेनांग स्किल डेवलेपमेंट सेंटर (PSDC) के प्रमुख डॉ. हरि नारायण और उनकी सहयोगी सुश्री जसलीन ने किया। कार्यशाला का स्वरूप संवादात्मक, गतिविधि केंद्रित एवं रचनात्मकता से भरपूर था। कार्यशाला में मुक्त शिक्षा की आवश्यकता तथा समग्र शिक्षा एवं समग्र विकास में इसकी भूमिका को रेखांकित किया गया। परिणाम केंद्रित गतिविधियों और आत्म मूल्यांकन को महत्व देते हुए विशेषज्ञों ने PESTLE विश्लेषण (राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी, कानून एवं पर्यावरण) तथा SWOT विश्लेषण (ताकत, कमजोरी, अवसर, खतरा) का उपयोग करते हुए प्रतिभागियों से पोस्टर तैयार करवाया और योजनाबद्ध ढंग से विचार को कार्यरूप में बदलने की रणनीति विकसित करने के तरीके बताए। “होराइजन गेजिंग” सत्र के तीन खंडों के माध्‍यम से प्रतिभागियों ने अपनी मूल शक्ति को समझने के साथ-साथ भविष्‍य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में एसओएल के लगभग 50 प्राध्यापक एवं सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।   

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