देहदान और अंग दान को लेकर जागरूकता हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय में बैठक आयोजित

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*व्यक्ति के बाद भी उसे जिंदा रखता है देहदान और अंग दान: प्रो. योगेश सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसके द्वारा किया गया देह-अंग दान उसे दूसरों के शरीर में जिंदा रख सकता है। कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय एवं इससे संबंधित विभागों और कॉलेजों में देह-अंग दान को लेकर जागरूकता हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर दधीचि देह दान समिति के संरक्षक एवं विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने मुख्य वक्ता के तौर पर देह-अंग दान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि देह दान एवं अंग दान बहुत महान कार्य है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस पुनीत कार्य की वर्तमान समय में जितनी अधिक आवश्यकता है, इसके प्रति लोगों को तैयार करना उतना ही अधिक कठिन कार्य है। कुलपति ने कहा कि यह कार्य लघु समय में सम्पन्न होने वाला नहीं, अपितु एक दीर्घ कालीन कार्य है। इसके लिए सतत प्रयास करने होंगे। परिणाम बेशक देर से आने शुरू हो सकते हैं, लेकिन वक्त के साथ लोगों में इसकी स्वीकार्यता काफी बढ़ेगी। इसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। साल दर साल इसकी सफलता की कहानियाँ भी सामने आनी शुरू होंगी। उन सफलता की कहानियों को जनता के सामने रखने पर साकारात्मकता और बढ़ेगी।  

दधीचि देह दान समिति के संरक्षक आलोक कुमार ने बैठक के दौरान संबोधित करते हुए समिति के 27 वर्ष के कार्यकाल के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने देह दान और अंग दान के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि एक व्यक्ति की आँखों से 4-6 लोग दृष्टि पा सकते हैं। कई बार मरने के बाद भी व्यक्ति के शरीर के बहुत से अंग दूसरों के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए व्यक्ति को अपने किन्हीं दो परिजनों की सहमति के साथ शपथ पत्र भरना होता है। उन्होंने कहा कि अगर देह दान के प्रति लोग तैयार न हों तो अंग दान तो अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर अनेक शिक्षकों ने अपने-अपने सुझाव और जिज्ञासाओं को भी खुल कर सामने रखा। बैठक के दौरान डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता के साथ अनेकों कॉलेजों एवं विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मार्च में आया था विचार,अप्रैल में बनी थी कमेटी  

दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा देह-अंग दान को लेकर दधीचि देह दान समिति के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाने का विचार दधीचि देह दान समिति के संरक्षक आलोक कुमार की ओर से मार्च 2024 में आया था। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस पर विचार विमर्श के लिए दो अप्रैल को कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की थी जिसमें 6 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया था। इसमें एनसीसी कोऑर्डिनेटर, एनएसएस कोऑर्डिनेटर, टीचिंग स्टाफ के लिए कोऑर्डिनेटर, नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए कोऑर्डिनेटर, विद्यार्थियों के लिए कोऑर्डिनेटर (महिला) और विद्यार्थियों के लिए कोऑर्डिनेटर (पुरुष) नियुक्त किए गए थे। एनसीसी और एनएसएस कोऑर्डिनेटर को लाइजन ऑफिसर नियुक्त किया गया था। जागरूकता हेतु यह कोऑर्डिनेटर कॉलेज और विभागों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अधिकतर कॉलेजों में भी कमेटियाँ गठित कर दी गई हैं।–

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