साल 2023 के आखिर में ‘सालार’ से प्रभास ने ये साबित कर दिया है कि वह एक्शन किंग हैं और इसमें कोई शक नहीं है. ‘सालार’ की रिलीज के बाद से लोगों को सबसे ज्यादा इतंजार जिस फिल्म का था वो फिल्म है नाग अश्विन द्वारा डायरेक्ट साइंस-फिक्शन डायस्टोपियन फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’. मल्टीस्टारर इस फिल्म में प्रभास के साथ साउथ किंग कमल हासन, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण नजर आ रही हैं. फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गए हैं, जिसके बाद फिल्म को लेकर अब रिव्यूज भी सामने आने लगे हैं. फिल्म को बेहद पॉजिटिव रिस्पॉस मिल रहा है.
नाग अश्विन द्वारा निर्देशित, ‘कल्कि 2898 एडी’ भगवान विष्णु के एक आधुनिक अवतार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दुनिया को बुरी ताकतों से बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए हैं. ‘कल्कि 2898 एडी’ का पहला शो अमेरिकी थिएटर में चला, जिसको देख फैंस गदगद हो गए. फैंस प्रभास ही नहीं दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और कमल हासन की एक्टिंग की जबरदस्त प्रशंसा कर रहे हैं.
कहानी ये साल 2898 की काशी की है। दुनिया में बस यही एक शहर बचा है। बताते हैं कि काशी की रचना ही नगरों के विकास के क्रम में सबसे पहले हुई। काशी का कोतवाल, भैरव को माना जाता है। लेखक, निर्देशक नाग अश्विन के कल्कि सिनेमैटिक यूनिवर्स की पहली फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ का नायक भी भैरव ही है। दक्षिण में नामों के उच्चारण के समय अंतिम शब्द को दीर्घ स्वरूप में बोलने के चलते यहां वह भैरवा है। ये उन दिनों की काशी है जब गंगा में पानी नहीं है। हवा में ऑक्सीजन नहीं है। और, बरसों से किसी ने पानी बरसते देखा नहीं है। कहानी मुद्दे पर आने से पहले लंबा घूमती है। भैरव और बुज्जी की ट्यूनिंग समझाती कहानी में कुल तीन तरह की दुनिया हैं। एक कॉम्पेल्क्स जिसका संचालन सुप्रीम यास्किन के पास है। वह गर्भवती स्त्रियों के भ्रूण से मज्जा निकालकर खुद को जीवित रखे हुए है। काशी में भैरव की लंपटई चल रही है। इसके अलावा मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की ब्लैक पैंथर वाली कहानी की वकांडा जैसी एक दुनिया भी यहां है। तकनीकी रूप से विकसित और बाकी दुनिया की नजरों से छिपी हुई। इसी जगह आकर कहानी अपने यौवन पर आती है और फिल्म के अगले हिस्से के लिए एक बड़ा सूत्र भी छोड़ जाती है, जहां ‘अवतार’ की मां का दुश्मन ही अब मां का रक्षक बनने वाला है।
फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ जहां खत्म हुई है, उसके ठीक घंटा भर पहले ही फिल्म का असली आनंद आना शुरू होता है। महाभारत काल की कहानी का भविष्य की कहानी से बना सेतु वर्तमान में कहीं नहीं टिकता और यही इस कहानी की असल कमजोरी है। भविष्य में क्या कुछ होगा, उसका प्रस्थान बिंदु आज की किसी घटना से होता तो दर्शक फिल्म शुरू होने के कोई आधे घंटे तक मन ही मन गुणा भाग नहीं लगाते रहते। लेकिन, दीपिका पादुकोण के किरदार एसयू माटी के सुमति नाम पाने के साथ ही दर्शकों की भावनाएं कहानी के साथ जुड़ने लगती है। सबको पता है कि अमिताभ बच्चन यहां अश्वत्थामा के किरदार में हैं। फिल्म में कृष्ण का चेहरा नजर नहीं आता। विजय देवरकोंडा का अर्जुन के रूप में स्पेशल अपीयरेंस प्रभावी हो न हो लेकिन, जब कर्ण का चेहरा परदे पर सामने आता है तो उस समय सिनेमाहॉल में बजी तालियां और सीटियां ही सनातन संस्कृति और नई सदी के सिनेमा के इस संगम की अगली धारा के स्वागत का मंच तैयार कर देती हैं। लेकिन, अगर आपको ये कथा पता नहीं है तो फिर आपको फिल्म देखने का आनंद शायद न आए।
हिंदुस्तानी कंपनी प्राइम फोकस की सहयोगी कंपनी डीएनईजी के विश्वस्तरीय स्पेशल इफेक्ट्स से लैस फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ में अमिताभ बच्चन और प्रभास के द्वंद्व दृश्यों की ऊर्जा अद्भुत है। इन दोनों का संघर्ष ही इस कहानी पर बनी पहली फिल्म को अपने उपसंहार की तरफ ले जाती दिखता है। भविष्य और भूतकाल की इस कहानी में महाभारत के मानवीय संहारों के दृश्यों को जिस चतुराई से नाग अश्विन ने बुना है, उससे ये तो तय है कि फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ का कारोबार जैसा भी रहे, पर इसकी सीक्वल की कमाई बहुत धुआंधार होने वाली है। फिल्म की कमजोर कड़ियों में इसका संपादन, संगीत और हॉलीवुड फिल्मों से मिलते जुलते कुछ दृश्य हैं। प्रभास के शुरुआती दृश्य भी ज्यादा रंग नहीं जमा पाते हैं और वह इसलिए भी क्योंकि इस किरदार को नाग अश्विन ने एक आलसी इंसान के रूप में ही बुना है। फिल्म में सहायक कलाकारों की लंबी फौज है और इस सारे शोरगुल व भीड़ भड़क्के के बीच भी फिल्म की कहानी में दीपिका पादुकोण की दमक अपनी चमक अलग ही बिखेरती रहती है। फिल्म मनोरंजक है। बच्चों को महाभारत के दृष्टांत बताकर ये फिल्म दिखाने ले जाएंगे तो वाकई उन्हें मजा बहुत आने वाला है।
फिल्म की रेटिंग की बात करें तो हम इसे 5 में से 3.5 स्टार देंगे।