- स्कूलों के 5 हजार शिक्षकों का ट्रांसफर तत्काल रोका जाए- गोपाल राय
- भाजपा की केंद्र सरकार के एलजी के दबाव में किया गया शिक्षकों का तबादला, यह फ़ैसला पैरेंट्स और शिक्षक संगठनों को कतई मंज़ूर नहीं है- गोपाल राय
- एक साथ बड़े पैमाने पर शिक्षकों के तबादले का फ़ैसला शिक्षा मंत्री आतिशी की मर्जी के खिलाफ जाकर किया गया है- गोपाल राय
- यह मनमाना ट्रांसफर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की बुनियाद को हिलाने के साथ-साथ छात्रों और टीचर्स की बॉन्डिंग को तोड़ देंगे- गोपाल राय
- इसका मक़सद भ्रष्टाचार करना है, ट्रांसफ़र-पोस्टिंग में पैसा बनाया जा रहा है, इसे तुरंत रोका जाए और दोषियों पर एक्शन लिया जाए- गोपाल राय
- सीएम केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों को कायाकल्प कर प्राइवेट से बेहतर बना दिया है और इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है- गोपाल राय
- केजरीवाल सरकार शिक्षकों का सम्मान करती है, विदेशी संस्थानों में ट्रेनिंग कराती है, इसकी बदौलत सरकारी स्कूल प्राइवेट से बेहतर बने- गोपाल राय
आम आदमी पार्टी ने भाजपा और एलजी से केजरीवाल सरकार के ‘काम रोको’ अभियान के तहत दिल्ली के लाखों बच्चों के सुनहरे भविष्य से खिलवाड़ न करने की अपील की है। ‘‘आप’’ दिल्ली के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि भाजपा अपने एलजी के जरिए ‘काम रोको’ अभियान के तहत अब दिल्ली के शानदार शिक्षा मॉडल को बर्बाद करने में जुट गई है। भाजपा का ‘काम रोको’ अभियान का सबसे खतरनाक चेहरा केजरीवाल सरकार के स्कूलों के 5 हजार शिक्षकों का मनमाना ट्रांसफर कराने में सामने आया है। भाजपा और उसकी केंद्र सरकार के एलजी के दबाव में अधिकारियों द्वारा लिया गया यह फ़ैसला बच्चों के पैरेंट्स और शिक्षक संगठनों को कतई मंज़ूर नहीं है। यह फ़ैसला शिक्षा मंत्री आतिशी की मर्जी के खिलाफ जाकर लिया है। इसका मक़सद केवल भ्रष्टाचार करना है। भाजपा व एलजी साहब से अनुरोध है कि बड़ी मेहनत के बाद दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था सुधरी है और आज दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा चारों तरफ हो रही है। इसलिए बच्चों के भविष्य पर चोट मत पहुंचाएं। इस तबादले को तुरंत रोका जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा दिल्ली में केजरीवाल सरकार के कामों को रोकने के लिए पिछले कई सालों से ‘काम रोको’ अभियान चला रही है और अब यह अपने चरम पर पहुंच रहा है। पूरा देश जानता है कि आज दुनिया में दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा होती है। जब देश में सरकारी शिक्षा तंत्र धीरे-धीरे खत्म हो रहा था और लोगों ने मान लिया था कि सरकारी स्कूल ठीक नहीं हो सकते। गरीब लोग मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। उस वक्त दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने लोगों की इस सोच को पूरी तरह से बदल दिया। हमने न सिर्फ लोगों की सोच को बदला, बल्कि इस बात को भी हकीकत में सच करके दिखाया कि सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों से कई गुना बेहतर हो सकते हैं। हमने यह साबित किया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकती है और वे भी अच्छे रिजल्ट दे सकते हैं।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुए इस परिवर्तन को दिल्ली समेत पूरे देश और दुनिया ने महसूस किया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए तो उनकी पत्नी यानि अमेरिका की फर्स्ट लेडी ने सबसे पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखने की इच्छा दिखाई। इससे पहले कभी किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत दौरे के समय किसी राज्य के सरकारी स्कूल देखने की इच्छा नहीं व्यक्त की थी। इसका सबसे बड़ा कारण है कि आज पूरी दुनिया जिस सरकारी शिक्षा व्यवस्था की चुनौती से जूझ रही है, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दुनिया के सामने उसका एक समाधान प्रस्तुत किया है।
गोपाल राय ने कहा कि आज एक बच्चे के पैदा होने के साथ ही उसके मां-बाप यह सोचने लगते हैं कि उन्हें अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है और इसके लिए वह जिन बेहतर स्कूलों में उसका दाखिला करवा सकते हैं, वो प्राइवेट स्कूलों के नाम होते हैं। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने लगातार दिल्ली के प्राइवेट स्कूल से बेहतर रिजल्ट लाने का रिकॉर्ड बनाया है। लेकिन आज भाजपा अपने काम रोको अभियान के तहत दिल्ली के अधिकारियों पर मानसिक दबाव बनाकर इस पूरी शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस करने के अभियान में लग गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज बगैर किसी पैमाने के रातों-रात एक साथ 5006 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया। 11 जून को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आदेश निकाला कि कोई भी शिक्षक जो एक स्कूल में 10 साल से ज्यादा समय से पढ़ा रहा है, उसे वहां से दूसरी जगह भेज दिया जाएगा। उन्हें नहीं पता है कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था का जो कायाकल्प हुआ है, उसकी रीढ़ की हड्डी हमारे टीचर्स हैं।
गोपाल राय ने कहा कि जब सरकारी स्कूल का शिक्षक देश में कहीं भी बताता है कि वह सरकारी या प्राइमरी स्कूल का टीचर है तो लोगों के दिमाग में एक ही बात आती है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है। वहीं, आज अगर दिल्ली सरकार का शिक्षक कहीं जाकर बताता है कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाता है, तो लोग उसे सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में इन शिक्षकों की ट्रेनिंग से यह कायाकल्प संभव हुआ है। अफसरशाही ने दिल्ली समेत पूरे देश के सरकारी स्कूलों को बर्बाद किया है। अफसरशाही के मनमाने तरीके से चलाए गए प्रशासनिक डंडे और ट्रांसफर-पोस्टिंग के भ्रष्टाचार ने सरकारी स्कूलों को तहस-नहस किया है। दिल्ली के अंदर इसे खत्म किया गया। शिक्षकों को सम्मान और आजादी दी गई, उन्हें ट्रेनिंग दी गई और उन्हें यह अहसास कराया गया कि ये बच्चे और स्कूल आपके हैं। शिक्षा व्यवस्था भावनात्मक तौर पर उन्हें जोड़ा गया। इसका नतीजा यह हुआ कि वही टीचर उन बच्चों को अपना समझने लगे। वह बच्चों को प्यार और अच्छी शिक्षा देने लगे। दिल्ली ने इस रिकॉर्ड को कायम किया।
गोपाल राय ने कहा कि यह बात समझ में आती है कि अगर किसी शिक्षक का प्रदर्शन अच्छा नहीं है तो उसका ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन बिना कोई आकलन किए केवल एक रात में 5000 से ज्यादा शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। उन शिक्षकों के साथ कई बच्चों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। किस बच्चे की क्या स्थिति है, शिक्षक ही उसे बेहतर तरीके से जानता है। अब जब नया दाखिला, नई पढ़ाई का सत्र शुरू होने जा रहा है तो इन शिक्षकों का अचानक तबादला कर दिया गया। आपको इस बात से कोई मतलब नहीं है कि एक गरीब परिवार के बच्चे की मानसिकता से जुड़ना, उनके मां-बाप को शिक्षित करना, पेरेंट्स टीचर मीटिंग में उन्हें गाइड करना और उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार करना कोई एक दिन का काम नहीं है। टीचरों ने उन छात्रों को अपने बच्चे की तरह पाला पोसा है। उन्हें अच्छी शिक्षा दी है।
गोपाल राय ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जिस तरह से दिल्ली में भाजपा का काम रोको अभियान जारी है, उसका सबसे खतरनाक चेहरा दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने की यह कोशिश है। केंद्र की भाजपा सरकार ने सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाकर इसके लिए अपना पहला कदम बढ़ाया है। दिल्ली के लोगों के साथ-साथ शिक्षकों के हक के लिए आवाज उठाने वाले टीचर्स यूनियन को यह बिल्कुल मंजूर नहीं है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षकों का तबादला रोकने का निर्देश दिया, लेकिन इसके बावजूद इन शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया। 11 जून को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफर का आदेश दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आतिशी ने 1 जुलाई को शिक्षा विभाग के सचिव, डायरेक्टर और निदेशक के साथ बैठक करके यह आदेश दिया कि शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं होने चाहिए। यह ट्रांसफर दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था की बुनियाद को हिला देंगे। छात्रों और टीचर्स की बॉन्डिंग को तोड़ देंगे। लेकिन दिल्ली की शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद 2 जुलाई को रातों-रात 5000 शिक्षकों को उठाकर दूसरी जगह भेज दिया गया।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के एलजी से मेरा आग्रह है कि वह भाजपा के काम रोको अभियान का हिस्सा बनकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के भविष्य को लात मत मारिए। इन तबादलों को तुरंत रोका जाए। आज चारों तरफ से आवाज उठ रही है कि यह ट्रांसफर-पोस्टिंग केवल भ्रष्टाचार के लिए की गई है। ट्रांसफर-पोस्टिंग का यह बिजनेस केवल इसलिए शुरू किया गया है ताकि इसमें पैसा खाया जा सके। इन ट्रांसफरों को तत्काल प्रभाव से रोककर इन पर जांच बैठाई जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। यह निवेदन आज केवल आम आदमी पार्टी या उन शिक्षकों का ही नहीं, बल्कि उन लाखों बच्चों और उनके मां-बाप का है कि आप दिल्ली में सब कुछ रोक रहे हो, लेकिन कम से कम इन बच्चों के भविष्य को मत रोको। दिल्ली ने बहुत मुश्किल से सरकारी स्कूलों की इस स्थिति को हासिल किया है। आप इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें। एलजी साहब इस मामले में हस्तक्षेप करके इन तबादलों को रोकें और इन भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जाए। कम से कम भाजपा अपने सिर पर यह कलंक न ले कि केजरीवाल के कामों को रोकते-रोकते उसने दिल्ली के बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा दिया है। भाजपा अपने इस ‘काम रोको अभियान’ को इन बच्चों से दूर रखे।