केंद्रीय बजट एक बार फिर दिल्लीवालों के लिए साबित हुआ धोखे का बजट, बजट आवंटन में दिल्ली की मिला ‘शून्य’

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*भाजपा शासित केंद्र सरकार का बजट दिल्लीवालों के लिए धोखे और उम्मीदों पर पानी फेरने का बजट साबित हुआ-वित्त मंत्री आतिशी

*पिछले साल दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को 2.32 लाख करोड़ रुपये टैक्स दिया; लेकिन इसके बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली को इस बजट में कुछ नहीं दिया-वित्त मंत्री आतिशी

*बजट में दिल्ली के लोगों ने अपने इनकम टैक्स का 5% हिस्सा यानी ₹10,000 करोड़ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए माँगा

*दिल्लीवालों ने अपने दिए इनकम टैक्स का मात्र 5% ₹10,000 एमसीडी को दिल्ली को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए आवंटित करने की माँग की , लेकिन केंद्र सरकार ये माँग भी पूरा न कर सकी-वित्त मंत्री आतिशी

*करों में हिस्सेदारी के रूप में बाक़ी राज्यों को 1.24 लाख करोड़ रुपये का आवंटन,लेकिन सर्वाधिक इनकम टैक्स देने वाले राज्यों में शामिल दिल्ली को एक पैसा नहीं मिला-वित्त मंत्री आतिशी

*केंद्रीय बजट में राज्यों की लोकल बॉडीज के लिए 82,207 करोड़ रुपये का आवंटन लेकिन यहाँ भी दिल्ली को मिली निराशा; एमसीडी को भी एक पैसा नहीं मिला-वित्त मंत्री आतिशी

*केंद्रीय बजट में भाजपा ने एक बार और स्पष्ट किया-पिछले 11 सालों में भाजपा और उनकी केंद्र सरकार ने न तो दिल्ली के लोगों के लिए कुछ किया है न ही करेगी-वित्त मंत्री आतिशी

केंद्रीय बजट एक बार फिर दिल्लीवालों के लिए धोखे और उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बजट साबित हुआ है। इस केंद्रीय बजट में भी दिल्ली को एक पैसा नहीं मिला है। इस बाबत प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए साझा करते हुए वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा शासित केंद्र सरकार का बजट दिल्लीवालों के लिए धोखे और उम्मीदों पर पानी फेरने का बजट साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि, पिछले साल दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को 2.32 लाख करोड़ रुपये टैक्स दिया था। लेकिन इसके बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली को इस बजट में कुछ नहीं दिया।

बित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्लीवालों ने अपने इनकम टैक्स का मात्र 5-5% दिल्ली के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए माँगा था लेकिन भाजपा शासित केंद्र सरकार दिल्ली को इतना भी नहीं दे सकी। करों में हिस्सेदारी के रूप में बाक़ी राज्यों को 1.24 लाख करोड़ रुपये का आवंटन मिला। लेकिन सर्वाधिक इनकम टैक्स देने वाले राज्यों में शामिल दिल्ली को एक पैसा नहीं मिला। केंद्रीय बजट में राज्यों की लोकल बॉडीज के लिए 82,207 करोड़ रुपये का आवंटन लेकिन यहाँ भी दिल्ली को निराशा मिली और एमसीडी को भी एक पैसा नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि, केंद्रीय बजट में भाजपा ने एक बार और स्पष्ट किया-पिछले 11 सालों में भाजपा और उनकी केंद्र सरकार ने न तो दिल्ली के लोगों के लिए कुछ किया है न ही करेगी।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा शासित केंद्र सरकार ने अपना 11वाँ बजट देश के लोगों के सामने रखा। ये बजट दिल्ली के लोगों को धोखा देने का बजट, उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का बजट साबित हुआ है। हर बार की तरह भाजपा शासित केंद्र सरकार ने दिल्ली के लोगों को उनका हक़ नहीं दिया।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, आज संसद में पेश किए गए बजट में दिल्ली के लोगों की माँग थी कि, वो जो टैक्स केंद्र सरकार को देते है उसका 5% हिस्सा दिल्ली सरकार को मिलना चाहिए लेकिन उस माँग के बदले केंद्र सरकार से दिल्ली को एक पैसा नहीं मिला। शेयर इन सेंट्रल टैक्सेस पर दिल्ली को एक पैसा आवंटित नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि, दिल्ली के लोगों की माँग थी कि, जिस तरह से देश भर में लोकल बॉडीज को बजट का आवंटन होता है, वैसे ही दिल्ली एमसीडी के लिए बजट आवंटन होना चाहिए। हमारी माँग थी कि, दिल्ली के लोगों द्वारा दिए जा रहे टैक्स का 5% एमसीडी को मिलना चाहिए लेकिन एमसीडी को भी केंद्र सरकार से बजट में एक रुपया भी नहीं मिला।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, ऐसा नहीं है कि, केंद्र सरकार ने और राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सा नहीं दिया। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेज से स्पष्ट है कि, इस वित्तीय वर्ष में 1.24 लाख करोड़ रुपये का बजट अलग अलग राज्यों को दिया गया है। उसी तरह लोकल बॉडीज को ग्रांट के रूप में 82,207 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। लेकिन इस सब में दिल्ली को एक पैसा आवंटित नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि, दिल्ली के लोग देश में सर्वाधिक टैक्स देने वाले राज्यों में शामिल है, देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण इंजन है। दिल्ली के लोगों ने पिछले साल केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स और 25,000 करोड़ रुपये सीजीएसटी दिया।

इसके बदले दिल्ली के लोगों ने अपने टैक्स का 5% हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और 5% हिस्सा दिल्ली की साफ़-सफ़ाई और सौंदर्यीकरण के लिए माँगा। कुल मिलाकर दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार से मात्र 20,000 करोड़ रुपये की माँग की। जो उनके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स का मात्र 10% है। और ये केंद्र सरकार के कुल बजट का मात्र 0.4% है। लेकिन इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने न तो टैक्स शेयर में और न ही एमसीडी के लिये दिल्ली को एक पैसा दिया।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि,अब दिल्लीवालों के सामने 2 मॉडल बिलकुल साफ़ है। एक मॉडल अरविंद केजरीवाल जी का गवर्नेंस मॉडल है। दिल्ली के लोग सालाना 40,000 करोड़ रुपये का टैक्स दिल्ली की सरकार को देते है। दिल्ली सरकार ने इन पैसों का इस्तेमाल दिल्ली को 24×7 बिजली देने में, फ्री बिजली-पानी देने, अनाधिकृत कालोनियों में पानी का नेटवर्क डालने में, दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में, लोगों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने में, फ़्लाइओवर-रोड बनवाने, ट्रांसपोर्ट बेहतर बनाने में करती है।

दूसरी तरफ़ दिल्ली के लोग भाजपा शासित केंद्र सरकार को 2.32 लाख करोड़ रुपये टैक्स देते हैं लेकिन केंद्र सरकार इसमें दिल्ली को एक पैसा नहीं देती है।

उन्होंने कहा कि, “आज मैं भाजपा को चैलेंज देती हूँ कि, वो पिछले 11 बार से लगातार बजट पेश कर रहे है लेकिन क्या उन्होंने इस 11 बजट में दिल्ली के लिए एक काम भी किया?”

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा के पास सब कुछ है, ज़्यादा बजट है, एलजी है, दिल्ली के अफ़सरों पर कंट्रोल है। लेकिन सब कुछ होने के बावजूद भाजपा ने पिछले 11 सालों में एक काम नहीं किया। ये भाजपा का मॉडल है।

दूसरी तरफ़ अरविंद केजरीवाल जी का मॉडल जिसके पास सिर्फ़ सालाना 40,000 करोड़ रुपये आते है। उनकी शक्तियाँ छीन ली गई है, अफ़सरों पर कंट्रोल छीन लिया गया है, उनके सारे काम रोकने की कोशिश की जाती है। फिर भी अरविंद केजरीवाल जी की सरकार फ्री बिजली देती है, 24 घंटे बिजली देती है, बच्चों की शानदार शिक्षा देती है, लोगों को अच्छा इलाज देती है, बस यात्रा देती है।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, आज के बजट में दिल्ली के लोगों को साफ़ हो गया है कि, भाजपा और उनकी केंद्र सरकार ने आज तक 11 साल में दिल्ली के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया है न करेगी।

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