*देने की अवधारणा के प्रैक्टिकल होने से मिलेगी लोगों को प्रेरणा: प्रो. योगेश सिंह
दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा जन सहयोग से कम्प्यूटर प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस प्रयोगशाला का उद्घाटन सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इस प्रकार जन सहयोग से प्रयोगशालाओं का निर्माण और संसाधनों को जुटाना बहुत अच्छी बात है। भारत में शिक्षा क्षेत्र में इस तरह की परंपरा बहुत जरूरी है। कुलपति ने कहा कि देने की अवधारणा जब तक प्रैक्टिकल नहीं होगी, तब तक लोग आगे नहीं आएंगे। या अवधारणा पढ़ाई से नहीं आती, बल्कि प्रेक्टिल देख कर इसका विकास अधिक होता है।
कुलपति ने कहा कि भारत में इस तरह की परंपरा बहुत कम है। लोगों का सोचना है कि सार्वजनिक संस्थाओं में सभी काम सरकार का है, लेकिन अपने पूर्व विद्यार्थियों और समाज का सक्रिय सहयोग संस्थाओं को और अधिक विस्तार देता है। इसलिए यह कार्य बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने डीयू फ़ाउंडेशन की स्थापना की है, जिसका काम फंड जुटाना है। इन कार्यों से जो प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा उसे हम आज नहीं माप सकते। लेकिन यह परंपरा भविष्य में बहुत लाभकारी साबित होगी। इस अवसर पर कुलपति ने इस कम्प्यूटर प्रयोगशाला में आर्थिक सहयोग देने वाले सभी व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रो. केपी सिंह ने बताया कि इस कम्प्यूटर प्रयोगशाला के लिए प्रो पी बी मंगला, प्रो आर के भट्ट, प्रो के पी सिंह, डॉ तरूणा जोशी, डॉ अशोक कुमार एवं विभाग के एल्युमनी ने सहयोग किया है। इस अवसर पर कार्यक्रम के सम्मानीय अतिथि रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, प्रो. पीबी मंगला एवं डीन फ़ैकल्टि ऑफ आर्ट्स प्रो. अमितावा चक्रबोर्ती और विशिष्ट अतिथि प्रो. केपी सिंह तथा विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरके भट्ट सहित अनेकों शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।