डीएमआरसी ने फेज़-IV के भूमिगत निर्माण कार्य के दौरान पहली ट्विन टनल्स का काम सफलतापूर्वक पूरा किया

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डीएमआरसी के फेज़- IV के निर्माण कार्यों में लगभग 3 कि.मी.लंबी ट्विन टनल्ससबसे लंबी हैं
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आज फेज़-IV के निर्माण कार्य के तहत पहली ट्विन टनल्स की खुदाई का काम
सफलतापूर्वक पूरा किया। पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर दो टनल बोरिंग मशीनें (टीबीएम), ‘भूमि’ और ‘सृष्टि’, एक
साथ बाहर निकाली गईं, जिससे जनकपुरी पश्चिम – आर. के. आश्रम कॉरिडोर (मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन) पर
डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली 3 कि.मी. लंबी ट्विन टनल्स कीखुदाई का काम पूरा हो गया। इस
कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्य सचिव श्री धर्मेंद्र और डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार की भी उपस्थिति
रही।
यह पहली बार है जब समानांतर सुरंग खोदने के बाद एक साथ दो टीबीएम बाहर आई हैं। यह एक बड़ी
इंजीनियरिंग उपलब्धि है क्योंकि इंजीनियरों को दो समानांतर मशीनों के कामकाज पर बारीकी से नज़र रखनी
होती है।
दोनों टीबीएम को आज पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया,इस कार्य में मात्र 14
महीनों में ही प्रति टनल प्रति दिन औसतन 8.2 मीटर की गति से लगभग 2997 मीटर टनल खुदाई का कार्य
किया गया। डीएमआरसी के फेज़-IVके निर्माण कार्य में यह सबसे लंबा सुरंग खंड (लगभग 3 कि.मी.) भी है।
सुरंगें, जमीन से लगभग 14-15 मीटर की गहराई पर बनाई गई हैं, जो राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती
कॉलोनी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेंगी। वे सुरंगें नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेंगी, जो
नाले की अनिश्चित संरचनात्मक स्थिति के कारण एक संवेदनशील खंड है। जलमग्न जैसी परिस्थितियों में
सुरंग खोदने के बावजूद, किसी भी मौजूदा स्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। टीबीएम के माध्यम से घंटा
घरजैसे क्षेत्र में भी खुदाई करनी पड़ी, जहां उन्हें पूरा करना बेहद मुश्किल था।
सुरंगों का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर हैऔर परिचालनिक संरक्षा की दृष्टि से दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए
कुल छह क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया गया है। इस सिविल पैकेज का कान्ट्रैक्टर मेसर्स एफकॉन्स है।
यह सफलता 21 अगस्त, 2024की एक और बड़ी उपलब्धि के बाद मिली हैजब डीएमआरसी ने दिल्ली एरोसिटी

  • तुगलकाबाद कॉरिडोर की छतरपुर मंदिर साइट पर टीबीएम का कार्यसफलतापूर्वक पूरा किया था।
    पुलबंगश में इनट्विन टनल्स की सफलता के साथ ही, डीएमआरसी ने सुरंग निर्माण में अपनी पिछली
    उपलब्धियों को और अधिक सुदृढ़ किया है। इस खंड पर 18 जून 2023 को ‘भूमि’नामक टीबीएम उतारे जाने
    के साथ सुरंग निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, उसके बाद 19 अगस्त 2023 को ‘सृष्टि’को उतारा गया था।
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