*दिल्ली विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों को मिलेगा ईपीएफ का लाभ
दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1272 वीं बैठक का आयोजन सोमवार, 14 अक्तूबर को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय के कान्वेंशन हाल में आयोजित इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया। मीटिंग के आरंभ में 2 मिनट का मौन रख कर पद्म विभूषण रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। बैठक के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफ) को लागू करने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि वित्त समिति की सिफ़ारिशों के अनुरूप ईपीएफ योजना के लिए सभी तरह की कानूनी जटिलताओं पर उचित विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि अक्टूबर 2024 से डीयू इस योजना को लागू करेगा। बैठक के आरंभ में डीयू रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने एजेंडा प्रस्तुत किया। एजेंडे पर चर्चा के दौरान गत 10 अक्तूबर को आयोजित हुई विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (एसी) की 1020 वीं बैठक में की गई सिफारिशों पर भी विचार किया गया।
ईसी बैठक के दौरान अनुबंध के आधार पर अंशकालिक चिकित्सा अधिकारी (जीडीएमओ) के संविदा शुल्क में वृद्धि को भी मंजूरी दे दी गई है। डब्ल्यूयूएसएचसी में कार्यरत अंशकालिक संविदा चिकित्सा अधिकारी (जीडीएमओ) के मौजूदा 45,000/- रुपये प्रतिमाह के भुगतान को बढ़ाकर 55,000/- रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। यह भुगतान अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होगा, जिसमें हर साल एक अप्रैल से 5% की वार्षिक वृद्धि होगी। हालांकि उनकी नियुक्ति की अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। वित्त समिति की सिफ़ारिशों के अनुरूप विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को क्रमशः 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने पर नोशनल वेतन वृद्धि को भी ईसी द्वारा मंजूरी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के वैधानिक निकायों द्वारा लिए गए निर्णय को यूजीसी को अनुमोदन के लिए भेजा जा सकता है।
वित्त समिति की सिफ़ारिशों के अनुरूप राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कवर किए गए सरकारी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के डीओपीएंडपीडब्ल्यू द्वारा दिनांक 26 अक्टूबर, 2022 को जारी कार्यालय ज्ञापन संख्या 57/03/2022-पीएंडपीडब्लू (बी)/8361 पर विचार के उपरांत उसे भी कार्यकारी परिषद द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गई। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा मौरिस नगर पुलिस स्टेशन को आवंटित भूमि के पट्टे को आगामी 10 वर्षों की अवधि के लिए पूर्व समझौते की समान शर्तों व नियमों के साथ विस्तारित करने को भी ईसी ने मंजूरी दे दी। सचिव (उच्च शिक्षा), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति को कार्यकारी परिषद में सदस्य के रूप में शामिल करने के संबंध में आए प्रस्ताव पर कुलपति ने एक कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी इस मुद्दे पर सभी पहलुओं से विचार-विमर्श के पश्चात कुलपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के अंतर्गत रामजस कॉलेज, हंसराज कॉलेज और राम लाल आनंद कॉलेज में पूर्वी एशियाई भाषा पाठ्यक्रम शुरू करने संबंधित सामाजिक विज्ञान संकाय की सिफारिशों को भी ईसी द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके तहत रामजस कॉलेज में कोरियाई भाषा में एडवांस डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे। हंसराज कॉलेज में चीनी भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स, कोरियाई भाषा में डिप्लोमा, एवं जापानी भाषा में डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे। राम लाल आनंद कॉलेज में भी चीनी भाषा में एडवांस डिप्लोमा कोर्स और जापानी भाषा में एडवांस डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। इस विषय में सामाजिक विज्ञान संकाय की बैठक में की गई सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
इसके साथ ही चिकित्सा विज्ञान संकाय की सिफारिशों के अनुरूप यूसीएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बैचलर इन मेडिकल लेबोरेटरी साइंस (बीएमएलएस) पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अध्यादेश और पाठ्यक्रम को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में डीएम (पीडियाट्रिक एंड नियोनेटल एनेस्थीसिया) कोर्स के सुपर-स्पेशलिटी नए कोर्स के लिए पाठ्यक्रम को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इंस्टिट्यूट ऑफ़ होम इकोनॉमिक्स (आईएचई) को विश्वविद्यालय के अध्यादेश के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के अनुरक्षित कॉलेज के रूप में बनाए रखने के संबंध में गठित समिति की सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्ट्रैटेजिक प्लान 2024-2047 को भी कार्यकारी परिषद द्वारा पारित कर दिया गया। इसके साथ ही इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान (आईडीपी) पर निर्णय के लिए कुलपति को अधिकृत कर दिया गया है।