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ये हैं समाज सेविका डॉक्टर उर्वशी मित्तल लोग इन्हें फ़्लास्क लेडी के नाम से भी जानते हैं। जी हाँ फ़्लास्क प्लास्टिक का हो तो हमारे पर्यावरण के साथ साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। दरअसल ये संदेश देने के लिए गुरुवार को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर लोग थोड़ा सा अपने जीवन में बदलाव ले आएँ तो एक तो हम स्वच्छ पानी पीएंगे और दूसरा स्वास्थ्य भी रहेंगे और तीसरा पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। प्रेस वार्ता में तीन आर पर ज़ोर देते हुए लोगों से अपील करी गई। अगर लोग यह तीन आर का संदेश समझ जाएं। हम स्वास्थ्य भी रहेंगे और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा जल प्रदूषण भी नहीं होगा यह तीन आर Reducing , Recycling and Reuse अपने घर से शुरू होती है। व्यक्तिगत कार्रवाइयाँ, सरकारों, एनजीओ और निगमों द्वारा समर्थित, परिवर्तन को बढ़ावा देंगी। हर छोटा प्रयास मायने रखता है। अपने स्टील फ्लास्क ले जाना, प्लास्टिक, पॉलीथीन और कागज़ के कचरे को घर में अलग करना और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना – ये सभी प्रयास मिलकर बड़ा अंतर लाएंगे। हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा – दोष से जिम्मेदारी की ओर, उदासीनता से कार्रवाई की और व्यक्तिवाद से सामूहिक स्वामित्व की ओर। एक बूंद से मटका नहीं भरता, लेकिन हर बूंद मायने रखती है। इको-फ्रेंडली विकल्प अपनाकर और दूसरों को प्रेरित करके, हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना ने डॉक्टर उर्वशी मित्तल से विशेष बातचीत की यह रिपोर्ट

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