जब आप एक दुकान या शोरूम में कोई सामान लेने जाते हैं। वहाँ मौजूद सेल्स मेंन आपस में कुछ कोड में बात कर आपको समान दिखाते हैं। आप या तो कोड समझ नहीं पाते हैं या फिर ऐसे कोड को अनसुना कर देते हैं। दिल्ली पुलिस के उत्तरी पश्चिमी ज़िले की थाना एन एस पी नेताजी सुभाष पैलेस पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है। जो कि शातिराना तरीक़े से डॉलर बेचने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। जिसका नाम डॉलर गैंग के नाम से जाना जाता है। यह डॉलर गैंग भी आपस में कोड में बात कर लोगों को अपने जाल में फँसाते थे। इनके कुछ कोड होते थे। पहला कोड ठेसबाज मतलब ग्राहक को ढूँढना और अपने जाल में फँसाना , दूसरा कोड मिस्त्री मतलब डील पक्की करना , तीसरा कोड पागल मतलब धोखा करने वाला मिस्त्री के साथ पीड़त का विश्वास जीतना, यानी पागल को भी नहीं पता होता कि बैग में कितने डॉलर हैं पीड़ित को विश्वास दिलाना , चौथा कोड ठेकेदार इसका मतलब फाइनेंसर यानी की कई बार डॉलर चले जाते हैं नुक़सान भी होता है। पाँचवाँ कोड पहरेदार मतलब यह पूरी घटना को सुपरविज़न करता था। मतलब डील ठीक से पक्की हो चुकी है। जी हाँ ये डॉलर गैंग जोकि लोगों से असली रुपये लेकर बदले में धोखा धड़ी के नाम पर डॉलर देने का काम का दावा करता था। यह डॉलर गैंग ख़ुद को पागल और मूर्ख कहता था। पुलिस ने अब इस गैंग का भंडाफोड़ कर 4 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का नाम सलीम ख़ान , अली हसन, कलाम और डोलों शेख , सलीम ख़ान , अली हसन, कलाम यह सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। जबकि डोलों शेख जहांगीरपुरी CD ब्लॉक का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार 13 फ़रवरी को शिकायतकर्ता ने शिकायत करी कि धौलाकुआं पर उन्हें अज्ञात व्यक्ति मिले जिसने 20 डॉलर दिखाकर यह दावा किया कि उसके पास 1035 डॉलर हैं। यह 1035 डॉलर के बदले भारतीय रुपया चाहता है। शिकायतकर्ता लालच में फँस गया। दोनों ने एक दूसरे को फ़ोन नंबर ले लिया है। आरोपी लगातार शिकायतकर्ता से संपर्क करता रहा। आरोपी 2 लाख रुपये के बदले में डॉलर 20 के राशि वाले 1000 डॉलर देने के लिए तैयार हैं। शिकायतकर्ता दो लाख रुपया का प्रबंध कर अपनी पत्नी के साथ टैक्सी पर 16 फ़रवरी को शकूरपुर के सम्राट सिनेमा पर आरोपी से मिले। आरोपी ने दो लाख रुपये लेकर बदले में एक बैग दे दिया। जिसमें दावा किया गया कि इस बैग में 1 हज़ार डॉलर है। लेकिन जब शिकायतकर्ता ने ये बैग खोला तो देखा कि इस बैग में डॉलर नहीं थे। बल्कि बैग में अख़बार , रुमाल, साबुन और डिटर्जेंट था। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच पड़ताल कर इस डॉलर का भंडाफोड़ चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने दावा किया है कि ये गैंग बड़े ही शातिराना तरीक़े से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। आइए देखते हैं हमारे वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना की इस रिपोर्ट में।
बताया जाता है कि 4-5 टीम में काम कर रहे ये डॉलर गैंग के कुल सात सदस्य हैं। चार को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है बाक़ी तीन की पुलिस तलाश कर रही है।पुलिस ने बताया कि अब इनकी नागरिकता को लेकर भी जाँच पड़ताल करी जा रही है। ये अवैध बांग्लादेशी है या नहीं इनके पास से जो असली आधार कार्ड है वो किसकी मदद से बनाया गया है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जाँच में जुट गई है पुलिस ने आरोपियों क़ब्ज़े से 20 की राशि वाले दो यू एस डॉलर , दस रुपये की राशि वाले 10 यू एस डॉलर और दो बांग्लादेशी नोट दो रोल न्यूज़ पेपर के 40,000 रुपया की क़रीब नक़द राशि और 11 की पैड वाले फ़ोन बरामद किए हैं। टोटल ख़बरें दिल्ली से राजेश खन्ना की विशेष रिपोर्ट।