दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में 6 और 7 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दो दिवसीय महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला ‘strike back’ का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को दैनिक जीवन में आत्मरक्षा के व्यावहारिक कौशल प्रदान करना और महिला सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना था। पहले दिन के इस प्रशिक्षण सत्र में लगभग 75 से ज्यादा छात्र और छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डीएसजे की मानद निदेशक प्रो. भारती बी. गोरे के संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने भारतीय परिप्रेक्ष्य में नारी सशक्तिकरण की अवधारणा पर प्रकाश डाला और सावित्री बाई फुले के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति, सहनशीलता और सृजन का प्रतीक माना गया है। आत्मरक्षा केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी आवश्यकता महिला और पुरुष दोनों को है। आज का समय महिलाओं का है और उन्हें अपनी शक्ति को पहचानना और उसका उपयोग करना आवश्यक है।”
कार्यक्रम का आयोजन डीएसजे की सामाजिक जागरूकता समिति ‘समृद्धि’ द्वारा किया गया, जिसका नेतृत्व संकाय सलाहकार और असिस्टेंट प्रोफेसर ममता सिद्धार्थ ने किया। प्रशिक्षण सत्र का संचालन मार्शियल आर्ट एक्सपर्ट राहुल चौधरी ने किया। वे मार्शल आर्ट्स और आत्मरक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हैं और विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को व्यावहारिक आत्मरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, जिसमें खुद को विषम परिस्थितियों में अपने को सुरक्षित रखने की बुनियादी विधियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
आयोजकों ने प्रतिभागियों से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने और आत्मरक्षा के महत्व को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।