- बुजुर्गों-विधवाओं की पेंशन व डॉक्टरों-फार्मासिस्टों की सैलरी रोकने, नालों की सफाई न कराने वाले अफसरों पर चल रहे मामले भाजपा ने वापस ले लिए- सौरभ भारद्वाज
- विधानसभा का गलत इस्तेमाल कर भाजपा ने करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को निजी बताकर बेचने वाले अफसर पर चल रहा केस भी खत्म कर दिया- सौरभ भारद्वाज
- इस फैसले से साफ है कि भाजपा के इशारे पर ही अफसर दिल्लीवालों को परेशान और सीवर पानी की व्यवस्था खराब कर रहे थे- सौरभ भारद्वाज
- भाजपा की सरकार ने विशेषाधिकार समिति में छठीं व 7वीं विधानसभा के 128 और याचिका समिति में 179 मामले वापस ले लिया है- सौरभ भारद्वाज
दिल्ली में सरकार बनते ही भाजपा भ्रष्ट आचरण वाले वरिष्ठ आइएएस अफसरों पर मेहरबान हो गई है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों की अनुपस्थिति में भाजपा की सरकार ने एक प्रस्ताव लाकर इन अफसरों पर दिल्ली विधानसभा की समितियों और कोर्ट में चल रहे भ्रष्टाचार के सारे मामले वापस ले लिया है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने यह खुलासा करते हुए कहा कि भाजपा भ्रष्ट अफसरों के साथ खड़ी है और इनको बचाने के लिए विधानसभा का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों-विधवाओं की पेंशन व डॉक्टरों-फार्मासिस्टों की सैलरी रोकने और नालों की सफाई न कराने वाले अफसरों पर चल रहे सारे मामले वापस ले लिए गए। इससे साफ है कि भाजपा के इशारे पर ही इन अफसरों ने दिल्ली को नर्क बनाने का काम किया।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कई महीनों तक बुजुर्गों और विधवाओं को पेंशन नहीं दी गई। दिल्ली विधानसभा में बुजुर्गों को पेंशन दिलाने के लिए कई वरिष्ठ अफसरों के ऊपर मामला चलाया गया। जिसमें उस वक्त के दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार, प्रमुख सचिव वित्त आशीष चंद्र वर्मा और समाज कल्याण विभाग के सचिव शामिल थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की वजह से बुजुर्गों को पेंशन तो मिल गई, लेकिन दिल्ली विधानसभा ने उन अफसरों की गलतियों को माफ करके सारे मामले खत्म कर दिए। इसी तरह दिल्ली में कैग रिपोर्ट में आया है कि अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भारी भीड़ जमा हुई, क्योंकि ओपीडी काउंटर पर तैनात डेटा ऑपरेटर्स को गलत तरीके से निकाल दिया गया। इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव, वित्त सचिव और मुख्य सचिव पर केस चलाए गए। इसे भी खत्म कर दिया गया है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों व फार्मासिस्टों की कई महीनों तक सैलरी रोकी गई, सारी व्यवस्था खराब की गई। इस मामले में भी दिल्ली के वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा और उस वक्त के स्वास्थ्य सचिव को विधानसभा में बुलाया गया और उन पर केस चलाया गया। इस मामले को भी भाजपा के विधायकों ने मिलकर खत्म कर दिया है। पूरी दिल्ली ने देखा कि पिछले डेढ़ साल तक दिल्ली को नर्क बनाया गया। जानबूझकर दिल्ली जल बोर्ड के पैसे रोक कर सीवर के काम रोके गए। सीवर को साफ करने वाले मजदूरों को निकाल दिया गया। डी-सिल्टिंग मशीनों के टेंडर नहीं किए गए। दिल्ली जल बोर्ड और फाइनेंस विभाग के अफसरों ने मिलकर दिल्ली को नर्क बनाने की तैयारी की। यह मामला भी दिल्ली विधानसभा में चल रहा था। इसको भी भाजपा के विधायकों ने खत्म कर दिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज यह साफ हो गया है कि चाहे दिल्ली जल बोर्ड के जरिए दिल्ली को नर्क बनाना हो या फिर जगह-जगह सीवर की व्यवस्था खराब करनी हो, यह भाजपा के इशारे पर किया जा रहा था। इसीलिए अफसरों के खिलाफ चल रहे सारे मामले को वापस ले लिया गया। भाजपा के इशारे पर ही अफसरों ने मोहल्ला क्लीनिकों में बीमारों को और बीमार करने और व्यवस्था खराब करने का काम किया। 60-70 साल के बुजुर्गा को महीनों तक पेंशन के लिए तरसाने वाले अफसरों को भी भाजपा ने माफी दे दी। क्योंकि ये अफसर भाजपा का ही काम कर रहे थे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की समितियां दिल्ली की कई जगहों पर गईं और पाया कि जिन पीडब्ल्यूडी या एमसीडी के नालों को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए के टेंडर दिए गए, वह नाले भी गाद और गंदगी से भरे हुए थे। उन मामलों में भी उस वक्त के एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अश्वनी कुमार के ऊपर मामला चलाया गया। अश्वनी कुमार दोषी पाए गए। इसके खिलाफ अश्वनी कुमार हाईकोर्ट गए, लेकिन हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। लेकिन गुरुवार को भाजपा ने उन लोगों के खिलाफ विधानसभा और कोर्ट में चल रहे सारे मामले वापस से ले लिए। जबकि उन सब भ्रष्ट अधिकारियों के सामने सबूतों के साथ यह बात साबित हुई थी कि करोड़ों रुपए के टेंडर दिए गए और नालों को साफ नहीं किया गया। इससे साफ हो गया है कि भाजपा भ्रष्टाचारी अफसरों के साथ खड़ी है, इन भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए विधानसभा का गलत इस्तेमाल कर रही है और जहां-जहां भी दिल्ली वालों को परेशान किया गया, बुजुर्गों को परेशान किया गया और दिल्ली को नर्क बनाया गया, उन सभी जगहों पर भाजपा की मिलीभगत से काम हुआ।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति में छठीं विधानसभा के 59 मामले वापस लिए गए हैं और 7वीं विधानसभा के 69 मामले वापस लिए गए। याचिका कमेटी में छठीं विधानसभा के 107 मामले वापस ले लिए गए और 7वें विधानसभा के 72 मामले वापस ले लिए गए। अफसरों के भ्रष्टाचार से संबंधित विधानसभा की समितियों व कोर्ट में चल रहे सैकड़ो मामले को वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि आईएएस अफसर आशीष माधव राव मोरे के खिलाफ करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को निजी संपत्ति बनाकर किसी दूसरे आदमी के नाम कर दिया। भाजपा ने इस करोड़ रुपए के घोटाले को भी माफ कर दिया। इसके अलावा आईएएस अफसर वाईवीवीजे राजशेखर के ऊपर नकली ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर आईएएस अफसर बनने का केस था। इस मामले को भी भाजपा ने खत्म कर दिया है। यह बहुत ही शर्म और दुर्भाग्य की बात है।