- माननीय मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने धौला कुआं से शिव मूर्ति इंटरचेंज तक गुरुग्राम-दिल्ली हाईवे पर कंस्ट्रक्शन वर्क और ट्रैफिक जाम वाले पॉइंट्स का निरीक्षण किया
- महिपालपुर फ्लाईओवर, रोहतक/चंडीगढ़ फ्लाईओवर पर ट्रैफिक फ्लो का आकलन किया और शिव मूर्ति इंटरचेंज एवं एयरपोर्ट अंडरपास पर प्रदूषण नियंत्रण के मानकों की जांच की
- माननीय मंत्री जी ने कंस्ट्रक्शन साइट से जुड़े डेवलपर्स/कॉन्ट्रैक्टर्स पर डस्ट कंट्रोल के उपायों और ग्रीन बेल्ट मेंटेनेंस में खामियों को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया
- एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि वे ट्रैफिक फ्लो को सुचारू बनाने के लिए डायवर्जन के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चरल खामियों को दूर करें
- ट्रैफिक जाम से होने वाले वायु प्रदूषण को देखते हुए संबंधित विभागों के समन्वित प्रयासों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देशानुसार, राजधानी को ‘विकसित एवं स्वच्छ दिल्ली’ बनाने के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज धौला कुआं से शिव मूर्ति इंटरचेंज तक गुरुग्राम-दिल्ली हाईवे पर चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क, ट्रैफिक जाम वाले पॉइंट्स एवं ग्रीन स्ट्रेच का ऑन ग्राउंड निरीक्षण किया।
इस दौरान मंत्री के साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे । माननीय मंत्री जी ने कंस्ट्रक्शन वर्क से होने वाले वायु प्रदूषण व इस सड़क पर ट्रैफिक मूवमेंट का निरीक्षण किया और जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित किया एवं संबधित अधिकारीयों को आवशयक निर्देश जारी किये गए।
इस दौरान मंत्री ने महिपालपुर फ्लाईओवर और रोहतक/चंडीगढ़ रोड पर अधिक ट्रैफिक को देखते हुए सम्बंधित अधिकारीयों को जाम की वजहों के कारण का आकलन करने को कहा, इसके साथ ही उन्होंने निर्माणाधीन शिव मूर्ति इंटरचेंज और एयरपोर्ट अंडरपास का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण मानकों के उल्लंघन, ग्रीन बेल्ट की कमी और डस्ट को कंट्रोल करने के उपायों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने निरीक्षण के दौरान देखा कि कई निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्रियों को ढका नहीं गया था और निर्माण स्थलों से निकलने वाले मिट्टी भी खुले में पड़ी थी। और वहां नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी नहीं हो रहा था, जिससे डस्ट प्रदूषण भी हो रहा था। उन्होंने डीपीसीसी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे डेवलपर्स/कॉन्ट्रैक्टर्स के खिलाफ नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई करें।
मंत्री सिरसा ने सभी सम्बंधित अधिकारियों से कहा कि ट्रैफिक जाम, पीएम 2.5 स्तर बढ़ना और वायु प्रदूषण के बीच सीधा संबंध है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के अधिकारियों को रजोकरी क्रॉसिंग के पास द्वारका-चंडीगढ़ बाईपास रोड इंटेरसेक्ट जो धौला कुआं से जोड़ता है, वहां अनावश्यक जाम की स्थिति बनी रहती है, जिसकी वजह से ट्रैफिक ज़िग-ज़ैग तरीके से चलता है। माननीय मंत्री जी कहा कि, “इस रास्ता का अगर हम सही तरीके से डायवर्जन प्लान बनाये तो ट्रैफिक का सुगम परिचालन हो सकेगा, जिससे इन सडकों पर डस्ट कंट्रोल और ग्रीन – बेल्ट को डेवलप किया जा सकेगा, और दिल्ली की हवा को साफ किया जा सकता है।”
मंत्री ने शिव मूर्ति इंटरचेंज पर एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इंटरचेंज की क्षमता का आकलन कर एक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करें। जिससे इस बात का आकलन हो सके कि प्रस्तावित कॉरिडोर से हाईवे पर कितने वाहन गुजरेंगे और ट्रैफिक का दबाव कितना बढ़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मार्ग पहले से ही बहुत भीड़भाड़ वाला है और रोजाना ट्रैफिक जाम की समस्या झेल रहा है, इसलिए इसकी क्षमता का सही आकलन जरूरी है, जिससे जाम के चलते होने वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
पर्यावरण मंत्री ने एनएचएआई और एमसीडी को निर्देश दिया कि वे आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें, ताकि इस ट्रैफिक प्रभावित मार्ग पर ग्रीन कवर को बढ़ाया जा सके और पेड़-पौधों का समुचित रखरखाव सुनिश्चित हो।
“गुरुग्राम-दिल्ली हाईवे राजधानी की लाइफलाइन है, और यहां ट्रैफिक की अधिकता को देखते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” ~ मनजिंदर सिंह सिरसा
यह निरीक्षण दिल्ली सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चरल खामियों को दूर करने, प्रदूषण स्तर को घटाने और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि दिल्ली को एक स्वच्छ और सुंदर शहर बनाया जा सके।