प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (भारत सरकार) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा युवाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की कौशल प्रशिक्षण योजना की शुरुआत

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  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति मिलकर युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे
  • इस योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जिससे युवाओं को उद्योगों से जुड़े कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे
  • “पीएम विकास योजना के तहत 31,600 युवाओं को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण” – श्री मनजिंदर सिंह सिरसा
  • युवाओं के कौशल विकास को मिलेगी नई उड़ान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन को आगे बढ़ाते हुए, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने राजधानी के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। यह योजना केवल कौशल विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को आधुनिक तकनीक और उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित कर, उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आज गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में 100 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक योजना को मूर्त रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस योजना के तहत लगभग 29,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि 2,000 छात्रों को शिक्षा में सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह पहल युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस अवसर पर कहा, “यह पहल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। हम हर उस युवा को आर्थिक सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो रोजगारपरक स्किल को विकसित करना चाहता है, ताकि किसी की भी तरक्की पैसों की कमी के कारण न रुके। यह योजना सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देशभर के जरूरतमंद युवाओं के लिए एक नया अवसर साबित होगी।”

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की इस योजना को रोजगार बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, बल्कि इसमें स्टाइपेंड देने का भी प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।”

इसके आगे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “केंद्र सरकार इस योजना को देशभर के छात्रों तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक चरण में हमारा लक्ष्य 31,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगार के योग्य बनाना है। आने वाले समय में इस योजना का विस्तार सभी राज्यों में किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिल सके।”

‘पीएम विकास योजना’ को एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत लागू की जाएगी, जहां योग्य उम्मीदवार एक विशेष पोर्टल के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस पोर्टल का संचालन सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सहयोग से किया जाएगा। लाभार्थियों को उनकी क्षमताओं एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे उद्योगों की मांग के अनुरूप अत्याधुनिक कौशल, शिक्षा और सर्टिफिकेट प्राप्त कर अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें। यह पहल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षित युवाओं को अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम और प्लेसमेंट सहायता दी जाएगी। यह पहल उनके करियर को नई दिशा देने के साथ-साथ उन्हें सफलता की ओर अग्रसर करेगी।

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