दिल्ली में जल संकट समाधान की दिशा में बड़े कदम – जल मंत्री प्रवेश वर्मा का सदन में बयान

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दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि यदि दिल्ली की पानी की समस्या हल हो जाती है, तो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की 80% समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि संगम विहार में 4 करोड़ रुपये की लागत से बिछाई गई पाइपलाइन आज तक उपयोग में नहीं आई। बाद में जांच में पता चला कि उसमें कई जगह लीकेज हैं। अब अधिकारियों ने मरम्मत के लिए अतिरिक्त 5 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है।

दिल्ली में कई जल पाइपलाइन 80 साल से अधिक पुरानी हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है। सरकार जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार कर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। कई इलाकों में आबादी की तुलना में पानी की आपूर्ति बहुत कम है। इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली जल बोर्ड के प्रत्येक कार्यालय में हाजिरी के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर लगाए जाएंगे, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

टैंकर मुक्त दिल्ली बनाने का लक्ष्य

दिल्ली सरकार का लक्ष्य टैंकर-मुक्त शहर बनाना है। पानी की आपूर्ति की बेहतर निगरानी के लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया जाएगा। सभी सेक्टरों को आईटी सेल से जोड़ा जाएगा, जिससे जल आपूर्ति पर नजर रखी जा सके।

दिल्ली को प्रतिदिन 1,200 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी की जरूरत है, लेकिन फिलहाल सिर्फ 990 एमजीडी ही मिल रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए अगले तीन महीनों में 249 नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे—96 ट्यूबवेल अगले महीने, 88 जून में और 55 जुलाई में चालू हो जाएंगे। वर्तमान में 901 पानी के टैंकर काम कर रहे हैं, जिसे बढ़ाकर 1,300 किया जाएगा। हालांकि, टैंकर सिर्फ अस्थायी समाधान हैं, असली जरूरत जल संकट की मूल समस्याओं को हल करने की है।

पानी की बर्बादी रोकने के लिए सख्त कदम

दिल्ली में पानी की उचित आपूर्ति है, लेकिन लीकेज नियंत्रण बहुत जरूरी है ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। सीवर सफाई को बेहतर बनाने के लिए 32 नई सुपर सकर मशीनें जल्द ही जोड़ी जाएंगी, और 30 और मशीनों के लिए टेंडर पास कर दिए गए हैं, जिससे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को एक मशीन मिल सके। अगले चार महीनों के भीतर सभी सीवरों और नालों की सफाई कर दी जाएगी। साथ ही, टैंकरों में सेंसर लगाए जाएंगे ताकि पानी के स्तर की सटीक निगरानी हो सके।

नए इंजीनियरों और श्रमिकों की भर्ती

जल आपूर्ति और मरम्मत कार्यों को तेज करने के लिए अगले कुछ महीनों में 180 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, हर विधानसभा क्षेत्र में मजदूरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 की जाएगी, जिससे पानी और सीवर से जुड़ी समस्याओं को जल्दी सुलझाया जा सके।

सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि दिल्ली को जल संकट से जल्द से जल्द राहत मिले और शहर को बेहतर जल प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।

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