मेटकॉफ़ हाउस टी-जंक्शन पर ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सिविल लाइंस के पास 183 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाईओवर निर्माण परियोजना को दी मंज़ूरी

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दिल्ली में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सिविल लाइंस ट्रॉमा सेंटर और DRDO के पास, मेटकॉफ़ हाउस टी-जंक्शन पर 183 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन फ्लाईओवर के निर्माण की परियोजना को मंज़ूरी दी है। यह परियोजना लंबे समय से जारी ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने और आउटर रिंग रोड कॉरिडोर पर यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

यह फ्लाईओवर सिविल लाइंस और आसपास के इलाकों के निवासियों के लिए आवागमन को आसान बनाएगा, साथ ही हिमाचल प्रदेश, पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों की ओर जाने वाले इंटर-स्टेट ट्रैफिक को भी सुचारु बनाएगा। परियोजना के पूर्ण होने पर यह हजारों दैनिक यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी और सड़क सुरक्षा तथा यातायात प्रवाह में सुधार करेगी।

मंत्री प्रवेश साहिब सिंह का वक्तव्य

दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“यह फ्लाईओवर राष्ट्रीय राजधानी में एक आधुनिक, कुशल और यात्री-अनुकूल सड़क नेटवर्क के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे’ और ‘जन-जीवन को सरल बनाने’ के विजन के अनुरूप यह परियोजना उत्तर दिल्ली के सबसे व्यस्त जंक्शनों में से एक को डीकंजेस्ट करेगी। हमारा उद्देश्य है – यात्रा का समय कम करना, प्रमुख सड़कों पर दबाव घटाना और पूरे दिल्ली में यातायात की गतिशीलता को बेहतर बनाना।”

पृष्ठभूमि और आवश्यकता
• आउटर रिंग रोड पर सलीमगढ़ किला से सिग्नेचर ब्रिज तक लगातार ट्रैफिक जाम की समस्या देखी जा रही है।
• स्थानीय निवासियों, मार्केट एसोसिएशनों और अन्य हितधारकों द्वारा यह मुद्दा बार-बार उठाया गया।
• पीडब्ल्यूडी और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण किए गए।
• पीडब्ल्यूडी मंत्री के निर्देश पर इस मामले को प्राथमिकता दी गई।
• 25.03.2025 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में इस समस्या के समाधान हेतु तत्काल कार्यवाही पर सहमति बनी।

वर्तमान स्थिति
• मेटकॉफ़ हाउस टी-जंक्शन पर प्रमुख समस्याएँ:
• ट्रैफिक सिग्नल का समय अत्यधिक बढ़ जाना
• विभिन्न दिशा से आने वाले ट्रैफिक का मिलान
• सलीमगढ़ किला और सिग्नेचर ब्रिज तक लगने वाला लंबा ट्रैफिक जाम

समग्र मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया कि फ्लाईओवर का निर्माण ही इस जाम से राहत का स्थायी समाधान होगा।

परियोजना के मुख्य बिंदु
• छह लेन फ्लाईओवर का निर्माण
• लंबाई: 680 मीटर
• बिना रुकावट के ट्रैफिक प्रवाह को सुनिश्चित करेगा
• सड़क का चौड़ीकरण
• अधिक ट्रैफिक को समायोजित करने हेतु
• स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम
• वर्षा जल निकासी के लिए नई व्यवस्था
• फुटपाथों का निर्माण
• पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुलभ रास्ते
• बैक-टू-बैक यू-टर्न की व्यवस्था
• स्थानीय यातायात को आसान बनाएगा और ट्रैफिक को विभाजित करने में मदद करेगा

अपेक्षित लाभ

परियोजना पूर्ण होने के बाद:
• मेटकॉफ़ हाउस टी-जंक्शन पर ट्रैफिक का बहाव होगा सुचारु
• ट्रैफिक सिग्नल पर प्रतीक्षा समय में कमी
• लंबी ट्रैफिक लाइनों का अंत
• पैदल यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा में सुधार
• ITO और आस-पास के कॉरिडोर की कनेक्टिविटी में वृद्धि
• ट्रॉमा सेंटर जैसी मेडिकल सुविधाओं तक आपातकालीन पहुँच आसान
• हिमाचल, पंजाब, हरियाणा की ओर अंतरराज्यीय संपर्क बेहतर

कार्यान्वयन और समय-सीमा

पीडब्ल्यूडी इस परियोजना को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखता है, साथ ही निर्माण कार्य के दौरान आम जनता को न्यूनतम असुविधा हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से वैकल्पिक यातायात मार्ग और जनता को समय-समय पर सूचना देने की व्यवस्था की जा रही है।

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