दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली में पावर कट के कारण दिल्लीवालों को भीष्ण गर्मी पूरी तरह आने से पहले ही पावर कट की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। लगातार घंटों तक बिजली गुल रहना भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार की नाकामी है, जबकि बिजली मंत्री ने विधानसभा में बिजली दर बढ़ाने के लिए बयान दिया था कि पिछली सरकार का बिजली कम्पनियों का 27000 करोड़ बकाया है। कहीं बिजली कम्पनियों को फायदा पहुॅचाने के लिए बिजली कट पर भाजपा सरकार ने चुप्पी तो नही साध रखी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को 27 वर्ष बाद दिल्ली की सत्ता में आए हुए अभी दो महीने ही हुए है, जो जनता की परेशानियां कम होने की जगह लगातार बढ़ रही है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा की कार्यशैली में कोई अंतर नही है। भाजपा बिजली दरों को बढ़ाने के लिए आतुर है शायद यही कारण है कि घंटो पावर कट हो रहा है, जबकि पिछले आम आदमी पार्टी की सरकार ने 5-6 बार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की थी और हर मद पर सरचार्ज लगाकर बिजली दरों को दुगना करके बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बौझ डाला था। भाजपा की दिल्ली सरकार भी बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बौझ डालने की तैयारी कर रही हे। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हो या आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की जनता की परेशानियां खत्म नही होने वाली।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की आपसी लड़ाई के कारण 2014 के बाद से कोई भी सुविधा प्राथमिकता से नही मिल पाई। जबकि कांग्रेस ने अपने 15 वर्षों में सिर्फ एक बार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करके हर घर तक 24 घंटे बिजली देने का क्रांतिकारी काम किया था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जहां उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी का फायदा बिजली कम्पनियों को देकर दिल्लीवालों के बिजली दरों को दुगना किया था और भाजपा सरकार बिजली कम्पनियों की मनमानी को जारी रखने के लिए पावर कट पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती पर जनता में रोश उत्पन्न हो रहा है और अभी दो महीने में ही दिल्ली की जनता का भाजपा सरकार से भरोसा उठना शुरु हो गया है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि पूंजीपतियों का संरक्षण करने वाली भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाकर बड़े पूंजीपतियों, व्यापारियों के हितों के लिए काम तो कर रही है परंतु गरीबों, मध्यम वर्ग, वंचितों और आश्रितों के लिए किसी भी योजना को प्राथमिकता देने में विफल साबित हुए है। महिलाओं को 2500 रुपये के नाम पर कुछ नही, मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने की जगह 500 रुपये प्रति सिलेंडर पर बढ़ोतरी, प्राईवेट स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी और अब पावर कट करके बिजली कम्पनियों के फायदे के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी का रास्ता साफ करने की साजिश भाजपा सरकार कर रही है।