दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने डिजीलॉकर के साथ जन्म प्रमाणपत्रों के एकीकरण को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। यह पहल आईटी विभाग तथा एनआईसी/एमसीडी के सहयोग से पूरी की गई है। यह कदम ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के अंतर्गत डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जो नागरिकों को आवश्यक दस्तावेजों तक सहज और सुरक्षित पहुंच प्रदान करता है।
यह सुविधा 100 दिनों के ‘विकसित दिल्ली कार्यक्रम’ के प्रस्ताव का भी एक अभिन्न हिस्सा रही है, जिसे अब प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
मुख्य विशेषताएं और लाभ:
नागरिकों की पहुंच में वृद्धि: अब नागरिक कभी भी, कहीं से भी अपने जन्म प्रमाणपत्र को डिजीलॉकर के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। इससे सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता: दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता से गड़बड़ी, हानि या डुप्लीकेट प्रमाणपत्र की संभावना कम होगी, जिससे कार्य में पारदर्शिता और गति आएगी।
सेवाओं में सुविधा: स्कूल में दाखिला, पासपोर्ट बनवाने, आधार पंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में यह सुविधा लाभकारी सिद्ध होगी।
प्रशासनिक कार्यभार में कमी: डिजीलॉकर से सीधा जुड़ाव कागजी प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे नगर निगम के कर्मचारियों का समय और श्रम दोनों बचता है।
हरित पहल की ओर कदम: कागज रहित कार्यप्रणाली को बढ़ावा देते हुए यह पहल पर्यावरण-संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी।
राष्ट्रीय डिजिटल पहलों से समन्वय: यह पहल अन्य आवश्यक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के लिए भी एक मिसाल कायम करेगी और ई-गवर्नेंस को सशक्त बनाएगी।
इस पहल से नागरिकों की सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा और सरकार की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के प्रति प्रतिबद्धता और सुदृढ़ होगी। दिल्ली नगर निगम द्वारा जनता के बीच इस सुविधा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रचार अभियान भी चलाया जाएगा।