एजीएस, क्राइम ब्रांच, दिल्ली द्वारा लापता/अपहृत/पुरस्कार प्राप्त लड़की बरामद

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परिचय:
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में, क्राइम ब्रांच, दिल्ली की एंटी-गैंग एंड स्नैचिंग (एजीएस) इकाई की एक टीम ने एक 17 वर्षीय लड़की को सफलतापूर्वक बरामद किया है, जिसके लापता/अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। यह ऑपरेशन तकनीकी इनपुट और ऑन-ग्राउंड खुफिया जानकारी एकत्र करने के सावधानीपूर्वक विश्लेषण सहित निरंतर और समन्वित प्रयासों के माध्यम से संचालित किया गया था। वर्थी सीपी/दिल्ली द्वारा आदेश संख्या 29784-884/समन्वय शाखा-I (डेस्क-III)/PHQ, दिनांक 27.08.2024 के माध्यम से उसकी खोज पर 20,000/- रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
केस विवरण:
02.06.2024 को, एफआईआर संख्या 282/2024, धारा -363 आईपीसी के तहत एक मामला किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 17 वर्षीय लड़की के अपहरण के संबंध में दिल्ली के थाना शालीमार बाग में दर्ज किया गया था। पीड़िता की अचानक अनुपस्थिति ने उसके परिवार के लिए गहरी चिंता पैदा कर दी, जिससे दिल्ली पुलिस ने उसके ठिकाने का पता लगाने के लिए तत्काल खोज और जांच प्रयास शुरू किया।
सूचना, टीम और संचालन:
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर कार्य करते हुए, एजीएस/क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम जिसमें महिला प्रधान सिपाही रूबी, नंबर 680/क्राइम, सिपाही मंजीत, नंबर 1300/क्राइम और सिपाही मनोज नंबर 1440/क्राइम शामिल थे, का गठन निरीक्षक कश्मीरी लाल की देखरेख और एसीपी/एजीएस श्री भगवती प्रसाद के समग्र मार्गदर्शन में किया गया था। टीम ने पीड़िता और संभावित संदिग्धों से संबंधित कई कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के विश्लेषण को शामिल करते हुए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई। इस तकनीकी मूल्यांकन के समानांतर, कार्रवाई योग्य सुराग जुटाने के लिए जमीनी स्तर पर पूछताछ की गई। जांच के अंतिम चरण में, महिला प्रधान सिपाही रूबी, संख्या 680/क्राइम, सिपाही मंजीत, संख्या 1300/क्राइम और सिपाही मनोज संख्या 1440/क्राइम को एक विश्वसनीय सूचना मिली, जिसमें पंजाब के पटियाला जिले के समाना नामक कस्बे के पास एक गांव के आसपास लापता/अपहृत लड़की की मौजूदगी का संकेत दिया गया था। टीम ने तुरंत इस खुफिया जानकारी पर कार्रवाई की और इलाके में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की। उनके त्वरित और सावधानीपूर्वक प्रयासों के परिणामस्वरूप पीड़िता की सुरक्षित बरामदगी हुई। बरामदगी के बाद, लड़की को पुलिस स्टेशन शालीमार बाग लाया गया और डीडी संख्या 139ए, दिनांक 02.05.2025 के माध्यम से जांच अधिकारी को सौंप दिया गया। पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा आगे की आवश्यक कानूनी कार्रवाई और जांच की जाएगी।
निष्कर्ष:
यह सफल ऑपरेशन दिल्ली पुलिस, विशेष रूप से एजीएस/क्राइम ब्रांच की गुमशुदा व्यक्तियों, विशेष रूप से कमजोर नाबालिगों का पता लगाने और उन्हें उनके परिवारों तक सुरक्षित पहुंचाने की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। दिल्ली पुलिस सार्वजनिक सुरक्षा और कल्याण के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि करती है, और नागरिकों को किसी भी ऐसी जानकारी की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करती है जो अपराधों को रोकने या गुमशुदा व्यक्तियों का पता लगाने में मदद कर सकती है।

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