ताहा शाह बादुशा कान्स 2025 में ‘पारो: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ब्राइड स्लेवरी’ का प्रतिनिधित्व किया

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*“इस मुकाम तक पहुंचाने वाले प्यार, समर्थन और विश्वास के लिए दिल से आभारी हूं।” – ताहा शाह बादुशा ने कान्स 2025 में ‘पारो’ का प्रतिनिधित्व करते हुए जताया आभार

*ताहा शाह बादुशा ने ‘पारो’ जैसी सशक्त फिल्म के साथ कान्स 2025 के कार्पेट पर कदम रखा

*“एक ऐसी कहानी जो वाकई मायने रखती है”: ताहा शाह बादुशा ने कान्स 2025 में ‘पारो’ का प्रतिनिधित्व किया

देश के दिलों की धड़कन, ताहा शाह बदुश्शा ने 2025 के कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी उपस्थिति से सबका ध्यान आकर्षित किया, जब वे ‘पारो: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ब्राइड स्लेवरी’ को प्रस्तुत करने प्रतिष्ठित मार्चे डू फिल्म में पहुंचे। ध्रुव सहगल द्वारा डिजाइन किए गए मैरून पिनस्ट्राइप सूट में सजे अभिनेता ने प्रतिष्ठित कार्लटन होटल के सामने आत्मविश्वास से खड़े नज़र आए — यह सिर्फ़ स्टाइल का नहीं, बल्कि उस गंभीर विषय का प्रतीक था, जिसे यह फिल्म वैश्विक मंच पर उठाती है।

दक्षिण एशिया में दुल्हन तस्करी की भयावह प्रथा पर आधारित ‘पारो’, अपनी साहसी कहानी और दमदार अभिनय के लिए पहले से ही ध्यान आकर्षित कर रही है। फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाले ताहा ने सोशल मीडिया पर अपनी कृतज्ञता और उद्देश्य की भावना साझा करते हुए कहा: “एक ऐसी कहानी का हिस्सा बन कर आभारी और विनम्र हूं जो वास्तव में मायने रखती है। कान्स के मार्चे डु फिल्म, में ‘पारो’ को प्रस्तुत करना मेरे लिए गर्व की बात है — यह फिल्म एक अहम चर्चा की शुरुआत करती है और एक शक्तिशाली वास्तविकता को दर्शाती है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हमारे काम को वैश्विक मंच पर दिखाने का यह अवसर मेरे लिए बहुत मायने रखता है। हमें यहां तक लाने वाले हर प्यार, समर्थन और विश्वास के लिए तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूं।”

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यह फिल्म उन महिलाओं की दर्दनाक स्थिति को दर्शाती है जिन्हें दूरदराज़ इलाकों में दुल्हन के रूप में खरीदा और बेचा जाता है। यह विषय अक्सर चुप्पी में डूबा रहता है, लेकिन ‘पारो’ की निर्भीक प्रस्तुति को सराहना मिल रही है। कान के वैश्विक मंच के साथ, यह फिल्म जागरूकता और कार्रवाई दोनों को उत्प्रेरित करने के लिए तैयार है।

कान्स 2025 में ताहा और ‘पारो’ की टीम पर जब स्पॉटलाइट पड़ी, तो फिल्म का संदेश रेड कार्पेट से कहीं आगे तक गूंजा — न्याय, सहानुभूति और बदलाव की पुकार। गजेन्द्र अहिरे द्वारा निर्देशित ‘पारो: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ब्राइड स्लेवरी’, भारत से उभरते सामाजिक चेतना से प्रेरित सिनेमा का हिस्सा है, जो कला को सक्रियता से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

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