स्मृति ईरानी की तुलसी के रूप में वापसी, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के नए सीजन में, उस एहसास की वापसी है जिसने सालों तक भारतीय टेलीविजन को परिभाषित किया। हाल ही में आए प्रोमो में हमने तुलसी की यात्रा को उसकी नजरों से देखा। तुलसी की बातें उस समझदारी को दर्शाती हैं जो समय के साथ आई है — एक जिम्मेदारी का एहसास उस परिवार और उन मूल्यों के प्रति जिसे उन्होंने एक साथ जोड़ा था। ये सिर्फ पीछे लौटने की बात नहीं है; ये आगे बढ़ने की बात है, उसी ताकत, गरिमा और विश्वास के साथ जिसने उन्हें हर घर का नाम बना दिया।
एक हालिया इंटरव्यू में जब अर्णब गोस्वामी ने स्मृति ईरानी से उनके किरदार तुलसी के बारे में पूछा, तो उनका जवाब न सिर्फ सटीक था बल्कि दमदार भी — ऐसा जवाब जो उनकी स्क्रीन और असल ज़िंदगी दोनों की मज़बूत छवि को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “मैदान-ए-जंग में कई सिपहसालार शहीद होते हैं, कई हारते हैं… लेकिन अपना ओहदा ऐसा बनाओ युद्धभूमि पर, कि थोड़ा सा धक्का भी लगे तो घमंड दुश्मन को आए कि देखो, उसे धक्का मारा था !”
यह जवाब उसी जज़्बे और मज़बूती को दर्शाता है, जिसके लिए स्मृति ईरानी हमेशा जानी गई हैं।
जैसे-जैसे 29 जुलाई की तारीख़ नज़दीक आ रही है, दर्शकों का उत्साह साफ़ झलक रहा है। अलग-अलग पीढ़ियों के फैंस एक बार फिर तुलसी को अपने घर में देखने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। नए किरदारों, पुराने संस्कारों और सदाबहार भावनाओं के साथ, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का नया सीज़न एक ऐसा मेल लेकर आ रहा है जो दिल को छू जाएगा। यह सिर्फ़ एक शो नहीं, बल्कि एक विरासत की वापसी है और दर्शक उसके पहले चैप्टर को फिर से खुलते देखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
29 जुलाई से रात 10:30 बजे से देखना न भूलें, क्योंकि सास भी कभी बहू थी, सिर्फ़ स्टार प्लस पर।