ऋतिक रोशन, ज़ायेद खान, रणबीर कपूर, शाहिद कपूर और इमरान खान – ऐसे आइकॉन्स जिन्होंने एक पूरी पीढ़ी के लिए रोमांस को परिभाषित किया

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*ओजी हार्टथ्रोब्स: रणबीर कपूर, ज़ायेद खान, इमरान खान और अन्य सितारों ने कैसे रची बॉलीवुड रोमांस का परफेक्ट प्लेबुक

आज जब जेन Z प्रेरणा के लिए पॉप-कल्चर के इतिहास को खंगाल रही है, बॉलीवुड के ओरिजिनल हार्टथ्रॉब्स एक नई पहचान के साथ लौट रहे हैं। ये अभिनेता सिर्फ फिल्मी सितारे नहीं थे — इन्होंने रोमांस, स्टाइल और मेल कैरेक्टर की एक सांस्कृतिक परंपरा रच दी, जिसका अनुसरण उनके बाद आने वाले कई सितारों ने किया और कर रहे हैं। बिखरे बालों से लेकर सहज डांस स्टेप्स तक, इन पाँच सितारों ने उस आदर्श रोमांटिक हीरो की परिभाषा गढ़ी जिसे एक पूरी पीढ़ी ने चाहा और अपनाया।

ऋतिक रोशन – ग्रीक गॉड स्टैंडर्ड
ऋतिक रोशन ने कहो ना… प्यार है से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते एक बॉलीवुड हीरो की छवि को नए रूप में ढाल दिया। उनके सुडौल चेहरे और एथलेटिक शरीर ने एक ऐसा मानक स्थापित किया जिसे आज भी कई अभिनेता छूने की कोशिश करते हैं। लेकिन सिर्फ लुक्स नहीं — ऋतिक ने रोमांटिक सीन में जो जुनून और भावनात्मक इंटेंसिटी लाई, लव एट फर्स्ट साइट पर विश्वास दिला दिया। उनके डांस मूव्स ने पूरे इंडस्ट्री को एक नया बेंचमार्क दिया, जिसने ऋतिक के बाद डेब्यू करने वाले हर अभिनेता को अपने डांस स्किल को निखारने के लिए प्रेरित किया।

ज़ायद खान – बॉलीवुड के असली हार्टथ्रॉब
रोमांटिक हीरो के भूमिका में ज़ायेद खान के योगदान को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अपने आकर्षक लुक और सहज स्क्रीन प्रेज़ेंस ने रोमांटिक किरदारों को एक रहस्यमयी, गहरी छवि दी। मैं हूँ ना और दस जैसी फ़िल्मों में उनके अभिनय ने एक परिभाषित रोमांटिक करियर की झलकियाँ पेश कीं। हमेशा अपने समय से आगे रहने के लिए जाने जाते हैं, अब वह एक नई फिल्म, “द फिल्म दैट नेवर वाज़” पर काम कर रहे हैं, जिसको लेकर काफी चर्चा है, जिसमें 22 सितारों के कैमियो और एक यथार्थवादी कहानी बताई जा रही है। ज़ायेद दर्शकों से इसे साझा करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं — पूरे विनम्रता और प्रेम के साथ।

रणबीर कपूर – सहज आकर्षण
रणबीर कपूर ने प्यार में पड़ना दुनिया की सबसे स्वाभाविक चीज़ बना दिया। अपने आम लड़के जैसे चार्म और शरारती मुस्कान के साथ, उन्होंने रोमांस को सहज और वास्तविक बनाने की कला में महारत हासिल कर ली थी। ‘ये जवानी है दीवानी’ और ‘तमाशा’ जैसी फ़िल्मों में उनके किरदारों ने मिलेनियल्स की जटिल, भावनात्मक और अधूरी प्रेम कहानियों को उकेरा। अपने आकर्षण के नीचे छिपी सम्वेदनशील को व्यक्त करने की रणबीर की क्षमता ने उन्हें एक विचारशील व्यक्ति के दिलों की धड़कन बना दिया, एक ऐसा व्यक्ति जो आपका दिल तोड़ सकता था और आप फिर भी उसे धन्यवाद देते।

शाहिद कपूर – बहुमुखी प्रतिभा के धनी
ऋतिक के डेब्यू के बाद, आपके दिल की धड़कनें तेज़ करने और उनके साथ कदम से कदम मिलाने वाले इकलौते अभिनेता, शाहिद कपूर, रोमांटिक भूमिकाओं में एक ऐसी विस्फोटक ऊर्जा लेकर आए जिसे नज़रअंदाज़ करना नामुमकिन था। एक डांसर के रूप में उनकी बैकग्राउंड ने उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस को दमदार बना दिया, जिससे हर रोमांटिक सीन में बिजली सी दौड़ती हुई महसूस होती थी। ‘जब वी मेट’ जैसी फिल्मों में उन्होंने रोमांटिक हीरो को भावुक प्रेमी और भरोसेमंद दोस्त — दोनों रूपों में दिखाया। उनका सफर ‘चॉकलेटी बॉय’ से लेकर एक जटिल, परिपक्व प्रेमी तक — दर्शकों को यह दिखाता है कि दिलों की धड़कन बनने के साथ-साथ गहराई भी जरूरी है।

इमरान खान – मिलेनियल रोमांटिक
इमरान खान ने अपने सहज आकर्षण और सहज फूहड़पन से मिलेनियल रोमांस के सार को बखूबी पकड़ा। जहां अन्य अभिनेता चिकने-चुपड़े किरदार निभा रहे थे, वहीं इमरान की झिझक और असहजता उन्हें और भी आकर्षक बना दिया। ‘जाने तू… या जाने ना’ और ‘आई हेट लव स्टोरीज़’ जैसी फिल्मों में उन्होंने आधुनिक रिश्तों को समझने वाली पीढ़ी को सीधे तौर पर प्रभावित किया। भले ही उनका करियर छोटा रहा, लेकिन रोमांस के प्रति इमरान के सच्चा, सहज दृष्टिकोण ने दर्शकों को प्रभावित किया कि वे प्रेम कहानियों को किस तरह से वास्तविक, अव्यवस्थित और खूबसूरती से स्वभाविक महसूस करते हैं।

इन पाँचों कलाकारों ने सिर्फ़ रोमांटिक मुख्य भूमिकाएँ ही नहीं निभाईं। उन्होंने एक ऐसा सांस्कृतिक क्षण रचा जिसने एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेम, आकर्षण और पुरुषत्व की परिभाषा को बदल दिया। जैसे-जैसे जेनरेशन ज़ेड सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए इन भूमिकाओं को फिर से खोज रही है, तो ये साफ़ है — रोमांटिक केमिस्ट्री कभी पुरानी नहीं होती, बल्कि समय के साथ और निखरती है। उनका प्रभाव आज के सितारों में देखा जा सकता है, यह साबित करते हुए कि कुछ आइकॉन्स वाकई समय से परे होते हैं। एक ऐसे दौर में जहाँ स्टारडम अक्सर दिखावे से आता है, ये हार्टथ्रॉब्स हमें याद दिलाते हैं कि असली स्क्रीन मैगनेटिज़्म क्या होता है।

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