भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर, एमसीडी की कमेटियों में नहीं दिया पर्याप्त प्रतिनिधित्व- अंकुश नारंग

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  • एमसीडी की कमेटियों में ‘‘आप’’ ने 10 दलितों चेयरमैन-डिप्टी चेयरमैन बनाया, जबकि भाजपा ने दो-तीन को ही बनाया- अंकुश नारंग
  • दलित विरोधी भाजपा कभी भी दलित समाज के लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती है- अंकुश नारंग
  • ‘‘आप’’ ने दलितों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए दलितों को मौका दिया है ताकि वो अपने सामाज की आवाज उठा सकें- अंकुश नारंग

भाजपा का दलित विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया। दिल्ली नगर निगम की सत्ता में बैठी भाजपा ने विशेष और तदर्थ कमेटियों में दलित समाज से आने वाले पार्षदों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। शुक्रवार को एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दलित विरोधी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘‘आप’’ ने एमसीडी की कमेटियों में 10 दलित पार्षदों को चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनाया है, ताकि वो अपने समाज की आवाज उठा सकें। वहीं, भाजपा ने महज दो-तीन को ही मौका दिया है। एक बार फिर साबित हो गया है कि भाजपा कभी भी दलित समाज के लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती है।

अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा दलित समाज के हितों की रक्षा के लिए उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व देती रही है ताकि वह अपने समाज की आवाज बन सकें। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने दलित समाज के पार्षदों को विशेष और तदर्थ कमेटियों में चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनने का मौका दिया है। ‘‘आप’’ ने एमसीडी की विशेष और तदर्थ कमेटी के अंदर पांच दलित पार्षदों को चेयरमैन के लिए नोमिनेट किया है। जबकि भाजपा ने मजबूरी में एससी कमेटी में एक दलित पार्षद को चेयरमैन बनाया है। अगर भाजपा की मजबूरी नहीं होती तो एससी कमेटी का चेयरमैन भी दलित पार्षद को नहीं बनाती।

एमसीडी में दलित कर्मचारियों को पक्का करने की बात हो या दलित शिक्षकों के प्रमोशन की बात हो, या अब एमसीडी में एससी कमेटी में भी एक बार फिर भाजपा का दलित विरोधी चेहरा सामने आया है। “आम आदमी पार्टी” ने विशेष और तदर्थ कमेटियों में पांच दलित चेयरमैन को जगह दी है। ताकि वह अपने समाज के अधिकारों की आवाज उठा सके। वहीं भाजपा ने सिर्फ एक एससी कमेटी में चेयरमैन को जगह दी है वह भी भाजपा की मजबूरी थी क्योंकि एससी कमेटी में सिर्फ दलित ही चेयरमैन बन सकता है वरना वह उस दलित को भी चेयरमैन पद के लिए नॉमिनेट ही नहीं करते।

अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने एमसीडी की विभिन्न कमेटियों में कुल 10 दलितों को चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनाने का मौका दिया है। जबकि भाजपा ने कुल दो-तीन दलित पार्षदों को ही मौका दिया है। इससे एक बार फिर साफ हो गया है कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है। भाजपा कभी भी दलित समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने दलितों के अधिकार को सुरक्षित और सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है ताकि ये अपने समाज की आवाज उठा सकें।

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