*’हर जीवन — चाहे इंसान का हो या जानवर का — कीमती होता है’: ईशा कोप्पिकर ने आवारा कुत्तों को पुनर्वास केंद्र भेजने की बहस पर अपनी राय रखी
*ईशा कोप्पिकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा: ‘आइए संवेदनशील बनें… और अपनी मानवता न खोएं’
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले — जिसमें आवारा कुत्तों को शेल्टर (आश्रय केंद्रों) में स्थानांतरित करने की बात कही गई है — पर देशभर में बहस तेज़ हो गई है। इस फैसले को लेकर कई बॉलीवुड सितारों ने आवारा जानवरों के अधिकारों के समर्थन में आवाज़ उठाई है। टाइगर श्रॉफ, जान्हवी कपूर, वरुण धवन और अन्य सेलेब्रिटीज़ ने भी इस निर्णय के प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। अब अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने भी इस मुद्दे पर अपनी संवेदनशील और संतुलित राय रखी है।
ईशा ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर इस विषय को बड़े स्पष्ट और करुणामय दृष्टिकोण से उठाया। उन्होंने लिखा:
“हम हमेशा सुरक्षा और करुणा के बीच संतुलन बना सकते हैं। एक समाज के रूप में, हमें सतर्क रहना चाहिए — सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए यह भी याद रखना चाहिए कि आवारा कुत्ते भी जीवित प्राणी हैं, जिनका पूरा जीवन सड़कों पर ही बीता है।” स्थिति की जटिलताओं को स्वीकार करते हुए, उन्होंने आगे कहा, “हम सभी के अनुभव अलग-अलग होते हैं — कुछ लोगों को आवारा जानवरों से समस्याएं होती हैं, जबकि कुछ को उनमें सच्चा साथी और सुकून मिलता है।”
उनकी कहानी नीचे देखें:
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ईशा की बातों ने कई लोगों को भावनात्मक रूप से छू लिया, खासकर उनकी संतुलित सोच और संवेदनशील अपील के कारण। उन्होंने अपनी बात को इन शब्दों में समाप्त किया: “आइए दोनों के प्रति संवेदनशील रहें — सुरक्षित सड़कों की ओर काम करें, लेकिन अपनी मानवता को न खोएं। दया और ज़िम्मेदारी ही हमें मार्ग दिखाएं, क्योंकि हर जीवन — चाहे वह इंसान का हो या जानवर का — मूल्यवान होता है।” ईशा के विचारशील दृष्टिकोण की व्यापक रूप से सराहना की गई है, जो अक्सर पोलर्राइज़ और गहरी भावनाओं से भरी बातचीत में भी अपनी अलग पहचान बनाए रखते हैं।