अगर आप बाज़ार से देशी घी ले रहे हैं तो ज़रा हो जाएं सावधान कहीं ऐसा न हो जो देसी घी आप बाजार से ख़रीद कर आप अपने घर पर ले जा रहे हैं। वो नक़ली हो। जी हाँ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच सेंट्रल रेंज ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में मिलावटी देसी घी बनाने वाले तीन अवैध कारखानों का भंडा फोड़ किया है। पुलिस ने सूचना पर शिव विहार, करावल नगर और मुस्तफाबाद में तीनों जगहों पर छापेमारी करी। कार्रवाई के दौरान 1,625 किलोग्राम मिलावटी घी बरामद किया है । पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का नाम सफीक (30 वर्ष) ओल्ड मुस्तफाबाद का निवासी, मित्र से मिलावट तकनीक सीखी और खुद का अवैध धंधा शुरू किया। दूसरा आरोपी यूसुफ मलिक (50 वर्ष) ओल्ड मुस्तफाबाद का निवासी है। आदतन अपराधी। 3 से 4 वर्ष पूर्व भी मिलावट के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। जेल से छूटने के बाद फिर धंधा शुरू किया। तीसरा आरोपी मेहबूब (22 वर्ष) यूसुफ का बेटा है। उत्पादन, भंडारण और सप्लाई में सक्रिय। चौथा आरोपी शाकिर (गाज़ियाबाद, यूपी) 4वीं यूसुफ से नकली घी खरीदकर ऊँचे दाम पर डेयरियों में बेचता था। पांचवां आरोपी शाहरूख (गाज़ियाबाद, यूपी) शाकिर का सहयोगी। ट्रांसपोर्ट और सप्लाई में शामिल। छठा आरोपी जमालुद्दीन (40 वर्ष) ओल्ड मुस्तफाबाद का निवासी, मित्र अनीश से तकनीक सीखकर खुद का मिलावटी घी बनाने का धंधा शुरू किया। पुलिस के अनुसार दशहरा और दिवाली पर बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए बड़े पैमाने पर घी में मिलावट की जा रही है। कार्रवाई का उद्देश्य जनस्वास्थ्य की रक्षा, खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन और बाज़ार में मिलावटी उत्पादों की रोकथाम था। बताया जाता है कि मिलावट वाला की कुछ इस तरीक़े से बनाते थे। वनस्पति घी और सस्ता रिफाइंड तेल bulk में खरीदते थे। फिर इसे गर्म करके आपस में मिलाते और खुशबू, रंग व स्वाद के लिए रासायनिक पदार्थ डालते। पैकिंग असली ब्रांड जैसी करके दुकानों, डेयरियों और सप्लायर्स को बेचते थे। आइए देखते हैं हमारे वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना की इस विशेष रिपोर्ट में।
बताया जाता है कि आरोपी एक टीन नकली घी बनाने में 1,300 से 1,400 रुपया ख़र्च करते थे। इसे 3,500 से 4,000 का टीन बेचते थे। बहरहाल पुलिस ने आरोपियों के क़ब्ज़े से 105 टीन डिब्बे बरामद, जिनमें 1,625 किलोग्राम मिलावटी देसी घी था। पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है। टोटल ख़बरें दिल्ली से राजेश खन्ना की विशेष रिपोर्ट।