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आर्य समाज की 150 वर्षों की यात्रा का उत्सव मनाते हुए। दिल्ली के रोहिणी में स्थित स्वर्णजयंती पार्क में 30 अक्टूबर से आर्य समाज का अंतरराष्ट्रीय आर्य महा सम्मेलन जारी है। इस महासम्मेलन को लेकर शनिवार को प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया गया कि आर्यसमाज द्वारा अगले 50 वर्षों के “विजन 2050 , 2075” की दिशा में कदम बढ़ाया। यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि वैदिक विचारधारा के उस नवजागरण का प्रतीक है, जो आने वाले दशकों में मानवता को मूल्यों, सामंजस्य और प्रबुद्धता के पथ पर अग्रसर करेगा। इस विजन के अनुरूप आज अंतरराष्ट्रीय आर्य महा सम्मलेन के दौरान वैचारिक मंथन का अद्भुत संगम देखने को मिला। अमरीका के भुवनेश खोसला, ऑस्ट्रेलिया के योगेश आर्य और दक्षिण अफ्रीका के स्वामी वेदानंद सरस्वती एवं स्वामी किरण सत्गूर सहित विश्वभर से आए आर्य समाज के शीर्ष प्रतिनिधियों ने आर्य समाज के वैश्विक प्रभाव और वैदिक एकता की दिशा में इसके योगदान को रेखांकित किया। बताया जाता है कि 40 से अधिक देशों से 1500 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय अनुयायी भारत पहुंचे हैं, जो 30 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2025 तक स्वर्ण जयंती पार्क, रोहिणी, नई दिल्ली में आयोजित इस चार दिवसीय ऐतिहासिक आयोजन में भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ और महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती को समर्पित है। वैदिक संस्कृति, एकता और सामाजिक सुधार का सामूहिक उत्सव | आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना कि इस विशेष रिपोर्ट में प्रेस वार्ता के दौरान समाज के पदाधिकारियों ने क्या कहा।

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