इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर (ISIC) तीन दशक की उत्कृष्ट सेवाओं का जश्न मनाते हुए, जो रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए भारत का प्रमुख संस्थान है और जिसके संस्थापक मेजर एच.पी.एस. अहलुवालिया की प्रेरणा से इसकी नींव रखी गई थी । शुक्रवार को नई पहचान की घोषणा करी गई । इस मौके पर ISIC ने अपने बड़े बदलाव की शुरुआत की घोषणा की, जिसके तहत यह अब ISIC मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के रूप में कार्य करेगा। यह विशेष अवसर Dehli थीम के साथ मनाया गया, जो ISIC की उस यात्रा का प्रतीक है जिसमें यह एक सिंगल स्पेशियलिटी अस्पताल से आगे बढ़कर अब मल्टीस्पेशियलिटी स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। हर मरीज को दयालुता और बेहतर इलाज प्रदान करने के अपने उद्देश्य और एकीकृत विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं में वैश्विक अग्रणी बनने के मिशन के साथ, यह रूपांतरण ISIC के लिए एक नए युग की शुरुआत है। इस अवसर पर संस्था ने अपना नया लोगो भी जारी किया जो इसके संस्थापक की भावना को संजोए रखते हुए आधुनिक और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य को दर्शाता है।
अस्पताल में कार्डियक साइंसेज़, रीनल साइंसेज़, न्यूरोसायंसेज़ और गैस्ट्रो साइंसेज़ की नई सुविधाएं होंगी।ऑर्थोपेडिक्स और स्पाइन इसके मुख्य सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बने रहेंगे, जबकि अगले चरण में कैंसर विभाग भी शुरू किया जाएगा। हर विभाग में आधुनिक जांच, अनुसंधान और रिहैबिलिटेशन की सुविधाएं होंगी, ताकि मरीजों को शुरुआती देखभाल से लेकर पूरी तरह स्वस्थ होने तक एक ही जगह पर समग्र इलाज मिल सके। संस्थान अगले पांच वर्षों में अपनी क्षमता 200 से बढ़ाकर 600 बिस्तरों तक करने की योजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में 100 नए बेड, नया 15-बेड वाला डायलिसिस यूनिट, उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरण, और डिजिटल सिस्टम जोड़े जाएंगे। अस्पताल अपने मरीज केंद्रित डिजाइन, आपातकालीन सेवाओं और डिजिटल इंटीग्रेशन को भी मजबूत कर रहा है, ताकि मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली, सहज और संवेदनशील देखभाल मिल सके। संस्थान की यात्रा पर विचार साझा करते हुए, भोली अहलुवालिया, चेयरपर्सन, ISIC मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने कहा कि ISIC की शुरुआत एक व्यक्ति के साहस से हुई थी। जब मेजर एच.पी.एस. अहलुवालिया ने अपनी व्यक्तिगत कठिनाई को समाज की सेवा और समावेशन के मिशन में बदल दिया। पिछले तीन दशकों से यह भावना हमें हजारों लोगों में फिर से उम्मीद, गरिमा और चलने की क्षमता लौटाने के लिए प्रेरित करती रही है। आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना कि यह रिपोर्ट।
2025-11-07

