नई दिल्ली, 16 दिसम्बर 2025: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने अध्यक्ष- श्री केशव चंद्रा के नेतृत्व में, सतत और विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को मज़बूत करने के लिए इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) के सहयोग से प्रोजेक्ट सॉर्ट (SORT – रीसाइक्लिंग और ट्रीटमेंट के लिए कचरे को अलग करना) को सफलतापूर्वक लागू किया है। यह पहल मदरसन ग्रुप की CSR पहल है, जिसे स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट (SLMTT) का समर्थन प्राप्त है, और इसे आवासीय सोसाइटियों, शैक्षणिक परिसरों, व्यावसायिक बाज़ारों और सामुदायिक कूड़ा प्रोसेसिंग सुविधाओं सहित पूरे पालिका परिषद क्षेत्र में क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट सॉर्ट के तहत, पालिका परिषद ने गीले कचरे के ऑन-साइट प्रसंस्करण के लिए विकेंद्रीकृत समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया है और स्रोत स्थल पर ही कचरे के पृथक्करण की प्रक्रिया को मज़बूत किया है। यह पहल कचरा पैदा करने वालों, निवासियों, हाउसकीपिंग स्टाफ और कचरा संभालने वालों सहित सभी हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण और व्यवहार परिवर्तन पर बल देती है, जिसके लिए सतत जागरूकता कार्यक्रम और व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं।
इस प्रयास के परिणाम स्वरूप, पालिका परिषद के प्रमुख स्थानों, जैसे गोल्फ लिंक, सरदार पटेल विद्यालय, और सेंट्रल पार्क आदि सहित 13 जगहों पर विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग एरोबिन स्थापित किए गए हैं। अब तक, इन 13 स्थानों पर 34,000 किलोग्राम गीले कचरे को संभालने की कुल क्षमता वाले 85 कम्पोस्टर लगाए जा चुके हैं। इन एरोबिन का उपयोग करके, 15 मीट्रिक टन से ज़्यादा गीले कचरे को सफलतापूर्वक ऑन-साइट संसाधित करके पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद में बदला गया है, जिसका उपयोग बागवानी के लिए किया जा रहा है।
लोगों, संस्थानों और अन्य हितधारकों के सकारात्मक दृष्टिकोण और सक्रिय भागीदारी से उत्साहित होकर, पालिका परिषद और आईपीसीए मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस मॉडल के तहत पाँच और सोसायटी और संस्थानों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सेंट्रल पार्क और सांगली मेस में मौजूदा सामुदायिक कम्पोस्टिंग मॉडल स्थानों की क्षमता बढ़ाने का भी प्रस्ताव है ताकि अलग किए गए गीले कचरे की ज़्यादा मात्रा को प्रबंधित किया जा सके।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट (SLMTT), आईपीसीए और स्थानीय हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से लोगों के व्यवहार में स्पष्ट बदलाव आया है, जिसमें स्रोत स्थल पर कचरे को अलग करने का बेहतर क्रियान्वयन, गीले कचरे का ऑन-साइट कुशल प्रसंस्करण, और इन-हाउस स्टाफ/वेस्ट वर्कर द्वारा इसका निरंतर प्रबंधन शामिल है। ये सहयोगात्मक प्रयास सीधे तौर पर कूड़े के परिवहन लागत को कम करने, स्थानीय स्वच्छता में सुधार करने और सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।
प्रोजेक्ट सॉर्ट के माध्यम से पालिका परिषद का जमीनी अनुभव यह सिद्ध करता है कि नागरिक जागरूकता, संस्थागत स्वामित्व-भाव और सही बुनियादी ढांचा, लंबे समय तक चलने वाले और सतत कूड़ा प्रबंधन परिणाम प्राप्त करने के लिए आवश्यक स्तंभ हैं। विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग और समुदाय-आधारित दृष्टिकोणों को बढ़ावा देकर, पालिका परिषद लगातार नए मानदंड स्थापित कर रही है, यह दर्शाते हुए कि सहयोगी मॉडल किस प्रकार एक दृष्टिकोण को मापने लायक सकारात्मक प्रभाव में बदल सकते हैं।


