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इंडिया हैबिटेट सेंटर में लाइफस्टाइल डिसऑर्डर और होम्योपैथिक के ऊपर एक गोष्ठी हुई इसमें डॉक्टर एके गुप्ता होम्योपैथिक कंसलटेंट और फाउंडर डायरेक्टर एकेजीस ओवीहैम्स , सेक्रेटरी जनरल होम्योपैथिक मेडिकल एस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया व जिनको की फादर ऑफ़ इंटीग्रेशन इन मेडिसिन और हेल्थकेयर से सम्मानित किया गया है ने वक्तव्य दिया। इस गोष्ठी का उद्घाटन प्रोफेसर के जी सुरेश डायरेक्टर इंडिया हैबिटेट सेंटर ने किया और ब्रिगेडियर एसके त्रिपाठी , लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चढ़ा और डॉ माधवन निर्देशक ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज भोपाल मुख्य अतिथि थे कार्यक्रम का आरंभ डॉ नकुल पाराशर ने सबको संबोधित करते हुए डॉक्टर गुप्ता को वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया इसमें बहुत लोगों ने लाभ उठाया डॉक्टर गुप्ता ने जीवन शैली से संबंधित रोग जैसे डायबिटीज ब्लड प्रेशर, महिलाओं में पीसीओएस , आस मोटापा, लीवर की बीमारियों ,मानसिक तनाव और नींद के बारे में भी विस्तार से बताया और कहां की जीवन शैली सुधारने से काफी हद तक होने वाले रोगों को रोका जा सकता है । उन्होंने कहा की बीमारी हमारी जीवन शैली की भाषा है, शरीर वही कहता है जो हम सुना नहीं चाहते। गलत दिनचर्या सालों में बीमारी बनती है और सही दिनचर्या से बीमारी ठीक भी हो सकती है। तनाव तनाव असंतुलित आहार और निष्क्रिय जीवन लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर की त्रिमूर्ति है ,और होम्योपैथी बीमारी को नहीं बीमार व्यक्ति को ठीक करती है जहां इलाज शरीर का हो वहां होम्योपैथिक आत्मा को भी छुती है और होम्योपैथी लक्षण दबाती नहीं जड़ से संतुलन बहाल करती है। प्राकृतिक सुरक्षित और समग्र उपचार यही होम्योपैथिक का मार्ग है। प्रोफेसर सुरेश ने डॉक्टर गुप्ता की कार्यशैली और प्रशंसा की और कहां कि की डॉक्टर एके गुप्ता ने आब्रम्स शुरू किया जब इस इंटीग्रेशन के लोग बल समेत नहीं थे परंतु आज इस इंटीग्रेशन के लिए के लिए संसार भर में अपना जा रहा है। और बताया कि वे खुद भी होम्योपैथी अपनाते हैं और उनके परिवार भी दवा का सेवन करता है । डाक्टर माधवन ने कैंसर में उपयोग होने वाली दावों और उनसे होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए होम्योपैथी का उपयोग को सराहा। लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा ने जवानों की बहुत ऊंचाई पर सांस लेने की दिक्कत के बारे में जानकारी हासिल की की क्या होम्योपैथी इसमें उपयोगी सिद्ध हो सकती है जिसके जवाब में डॉक्टर गुप्ता ने कहा की की अवश्य इसको होम्योपैथी द्वारा सांस की तकलीफ को रोका जा सकता है और उनकी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है अगर इसके ऊपर अध्ययन किया जाए आइए देखते हैं दिल्ली मिरर न्यूज़ कि यह रिपोर्ट।

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