पीएम मोदी के संसद में संबोधन पर बोले राहुल गांधी- मणिपुर जल रहा है और पीएम हंस रहे थे

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*पीएम ने अपने दो घंटे तेरह मिनट के भाषण के आखिर में सिर्फ दो मिनट मणिपुर पर बात की

मणिपुर हिंसा से जुड़े अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर कांग्रेस के सांसद एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधा है।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में अपने दो घंटे तेरह मिनट के भाषण के आखिर में सिर्फ दो मिनट मणिपुर पर बात की। मणिपुर में महीनों से आग लगी हुई है। महिलाओं से दुष्कर्म हो रहे हैं, लोगों की हत्याएं हो रही हैं। बच्‍चों को मारा जा रहा है। मगर प्रधानमंत्री मोदी कल लोकसभा के भाषण के दौरान बार-बार हंस रहे थे, मजाक उड़ा रहे थे। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को यह शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री को मजाक नहीं उड़ाना चाहिए था। विषय कांग्रेस या राहुल गांधी नहीं था, विषय मणिपुर हिंसा था। मणिपुर हिंसा क्यों नहीं रोकी जा रही है, यह विषय था।

राहुल गांधी ने कहा प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए सभी औजारों का इस्तेमाल नहीं कर रहे। उन्होंने हिंसाग्रस्त मणिपुर का स्वयं दौरा भी नहीं किया। हिंदुस्तान की सेना मणिपुर हिंसा को दो दिन में रोक सकती है। मगर प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर में आग बुझाना नहीं चाहते हैं। प्रधानमंत्री मणिपुर को जलाना चाहते हैं। यह सच्चाई है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने अपने 19 साल के राजनीतिक जीवन में मणिपुर जैसे हालात पहले कभी नहीं देखे हैं। मैंने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर में भारत की हत्या कर दी है। ये मेरे खोखले शब्द नहीं थे।

राहुल गांधी ने बताया कि जब वे मणिपुर पहुंचे और मैतई क्षेत्र में गए, तो उन्हें किसी कुकी को सुरक्षा दस्ते में साथ न लाने के लिए कहा गया, उसी तरह कुकी क्षेत्र में मैतई को न लाने के लिए कहा गया। इस प्रकार आज मणिपुर में दो राज्य हैं। भाजपा ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है।

राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार संसद के रिकॉर्ड से ‘भारत माता’ शब्द हटाया गया है। क्या हम संसद में ‘भारत माता’ नहीं कह सकते हैं? जहां भी भारत माता पर हमला होगा, वहां पर राहुल गांधी भारत माता की रक्षा के लिए खड़ा रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब कोई नेता प्रधानमंत्री बनता है, तो वो राजनीतिज्ञ नहीं रह जाता, वो पूरे देश की आवाज का प्रतिनिधि बन जाता है। उसे अपनी राजनीति को परे करना चाहिए और उसे किसी एक विशेष राजनीतिक दल के नेता के रूप में नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री के रूप में पेश आना चाहिए। यह दुःखद है कि श्री मोदी अपने पद की गरिमा को नहीं समझ रहे हैं। प्रधानमंत्री उनके भी प्रतिनिधि होते हैं और देश के भी प्रतिनिधि होते हैं।

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