*यात्रा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ है- कांग्रेस
*राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार दोपहर 12 बजे मणिपुर के थौबल से शुरू होगी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार को मणिपुर के खोंगजोम थौबल से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत होगी। यह यात्रा चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक यात्रा है। यात्रा पिछले दस साल के अन्याय काल के खिलाफ निकाली जा रही है।
यह बातें कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से एक दिन पहले मणिपुर के इंफाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। इस दौरान उनके साथ मणिपुर के प्रभारी गिरीश चोडनकर, पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र, कांग्रेस कार्य समिति सदस्य गइखंगम, अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी मौजूद रहे।
जयराम रमेश ने कहा कि रविवार 14 जनवरी को दोपहर 12 बजे मणिपुर के खोंगजोम थौबल से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत होने वाली है। कल राहुल गांधी 11 बजे इंफाल आएंगे और सबसे पहले खोंगजोम युद्ध स्मारक जाएंगे। इस युद्ध स्मारक का महत्व सिर्फ मणिपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है।
जयराम रमेश ने कहा कि अगले दो महीने में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी अलग-अलग सिविल सोसायटी सदस्यों से मिलेंगे और जनसभाएं होंगी। अगले 11 दिनों में उत्तर-पूर्वी भारत के पांच राज्यों में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ होगी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समय करीब 250 भारत यात्री थे। इस बार ज्यादातर यात्रा बस से होगी, इसलिए 60-70 लोग मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का हिस्सा बनेंगे। गुवाहाटी में राहुल गांधी 23 जनवरी को घोषणा पत्र को लेकर आम जनता से संवाद का एक कार्यक्रम भी करेंगे।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पहले कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। यह यात्रा देश की राजनीति में परिवर्तनकारी क्षण बनकर उभरी थी। उसी को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत कर रहे हैं। यानी पहला कदम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ था और अब दूसरा कदम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ है। कांग्रेस पार्टी के मन में क्या है, इस बारे में राहुल गांधी जनता के बीच जाकर बताएंगे। ये वैचारिक यात्रा है, चुनावी यात्रा नहीं है।
जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमृतकाल के सुनहरे सपने दिखा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दस साल अन्याय का काल रहे हैं। पिछले दस साल में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय हुआ है, उसी को ध्यान में रखते हुए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है। न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता हमारे संविधान के प्रस्तावना के मुख्य स्तंभ हैं। अगर न्याय असंभव है, अगर नागरिकों को न्याय की गारंटी नहीं है, तो स्वतंत्रता, समता और बंधुता ज्यादा मायने नहीं रखता है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का मुख्य संदेश अन्याय से लड़ने के लिए न्याय का संदेश होगा।
जयराम रमेश ने कहा कि आज संविधान और संसद को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज लोकतंत्र कम और एकतंत्र ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के नेताओं को निमंत्रण दिया है।