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दिल्ली की प्रधानमंत्री संग्रहालय के ऑडिटोरियम में शुक्रवार को एक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक का नाम पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी हैं। डॉक्टर आर. बालासुब्रमण्यम की इस नई पुस्तक में भारतीय सिद्धांतों से प्रेरित नेतृत्व के सफर का विश्लेषण किया गया है। भारतीय परिदृश्य से नेतृत्व के गहन विश्लेषण, पॉवर विदिन में महत्वाकांक्षी लोकसेवकों और नेतृत्वकर्ताओं के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है, जिसे भारत एवं विश्व में उद्योग, शिक्षा जगत, और नागरिक समाज के नेतृत्वकर्ताओं से सराहना मिली है। इस पुस्तक में विश्लेषण किया गया है कि स्वदेशी शिक्षा और सदियों पुराना ज्ञान किस प्रकार आज के वैश्विक नेतृत्व की जानकारी बढ़ाकर दुनिया में सबसे ज्यादा वंचित समुदायों की प्रगति में तेजी ला सकता है। इस मौक़े पर अजय पिरामल, चेयरमैन, पिरामल ग्रुप; नीति आयोग के पूर्व सीईओ, अमिताभ कांत; नैस्कॉम के प्रेसिडेंट, देबजनी घोष और आईआईएम बैंगलुरू के प्रोफेसर बी महादेवन कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना ने जब डॉक्टर आर बालासुब्रमण्यम से इस बुक बारे में जानने का प्रयास किया। आख़िर किस तरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 50 साल राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी है या मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक जनसेवा की सफलता के बारे में है। सुनिए उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान क्या कहा?

आपको बता दें कि डॉक्टर रामास्वामी बालासुब्रमण्यम एक प्रतिष्ठित विकासवादी विद्वान एवं लेखक भी है। में वह कर्नाटक में भारत के ग्रामीण व आदिवासी समुदायों में अपने अग्रणी विकास कार्यों के लिए मशहूर हैं। उन्होंने अब तक नौ किताबें लिख चुके हैं। डॉक्टर. रामास्वामी बालासुब्रमण्यम की नई पुस्तक, पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी का विमोचन किया। टोटल ख़बरें दिल्ली से राजेश खन्ना की रिपोर्ट।

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