Listen to this article

REACH मतलब (Resource Group for Education and Advocacy for Community Health) ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में गैर-संचारी रोगों के मसले पर विज्ञान जगत एवं मीडिया जगत के लोगों मिलकर काम करने की अहमियत को लेकर एक गोलमेज़ चर्चा की मेज़बानी की जिसका शीर्षक था ’’नॉन-कम्यूनिकेबल डिसीसिज़ यानी एनसीडी ब्रिंगिंग साइंस एंड मीडिया टूगैदर’’। इस महत्वपूर्ण आयोजन में विविध पक्षों ने भाग लिया और गैर-संचारी बीमारियों के बढ़़ते बोझ के विषय पर चर्चा करी गई। जन स्वास्थ्य और जागरूकता के बढ़ते अभाव एवं समस्या का प्रसार घटाने के प्रभावी उपायों पर विचार मंथन किया। इस चर्चा का प्रमुख उद्देश्य यह था कि जागरुकता को बढ़ाया जाए और स्वास्थ्य पेशेवरों, नीति निर्माताओं एवं मीडिया प्रतिनिधियों के बीच तालमेल कायम किया जाए। इस गोलमेज़ चर्चा में रीच अलाईज़ के प्रोजेक्ट लीड एवं वरिष्ठ सलाहकार रीच व उसके मिशन से उपस्थित जनों को परिचित कराया। कराया। उन्होंने बताया कि यह निर्लाभकारी संस्था भारत में सभी के लिए एक समान स्वास्थ्य के ध्येय पर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ’’स्वास्थ्य के मामले में सटीक मीडिया रिपोर्टिंग अत्यंत अहम है, खास कर तब जब हमें गैर-संचारी रोगों के फैलाव से मुकाबला करना है। सटीक व साक्ष्य-आधारित सूचना प्रदान करके पत्रकार पेचीदा स्वास्थ्य मसलों को समझाने, स्वास्थ्यकर व्यवहार को बढ़ावा देने और गैर-संचारी रोगों के असर को घटाने के अभियानों/पहलों में सहायता कर सकते हैं। हमारी जिम्मेदारी यह है कि हम यह सुनिश्चित करें कि जनता को विश्वसनीय सूचना मिले ताकि वे सूचना युक्त निर्णय ले सकें और इसके परिणामस्वरूप हमारा समाज स्वस्थ बनेगा।’’ अगले सत्र का शीर्षक था ’’अंडरस्टैंडिंग एनसीडी इन इंडिया’’ इसमें चर्चा का अवलोकन प्रस्तुत किया गया जिसने इस आयोजन की कार्यवाही की दिशा तय की। इस सत्र में डॉ सुनीला गर्ग ने एक जानकारीपूर्ण प्रेज़ेंटेशन दी, आप मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में निदेशक-प्रोफेसर तथा कम्यूनिटी मेडिसिन की प्रमुख हैं। प्रेज़ेंटेशन के बाद अनुभवी ऐंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ बीना बंसल उनके साथ जुड़ीं और एक शिक्षाप्रद बातचीत हुई। डॉ गर्ग ने बतौर डॉक्टर और साथ ही जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ के तौर पर अपनी दोहरी भूमिकाओं के आधार पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा, ’’गैर-संचारी रोगों के फैलाव को रोकने के लिए बीमारी की शीघ्र पहचान, निवारक स्वास्थ्य सेवाएं तथा जीवनशैली परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। हमें लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधियों एवं धूम्रपान त्यागने की अहमियत पर शिक्षित करना होगा। इसके अलावा, रोगी देखभाल में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से क्रोनिक स्थितियों के मैनेजमेंट में बहुत सुधार किया जा सकता है। हैल्थकेयर ईकोसिस्टम के लिए यह बहुत अहम है कि निवराक एवं प्रोत्साहक उपाय अमल में लाए जाएं जिससे की दीर्घ-कालिक सेहत एवं कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके।’’ आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना ने डॉक्टर सुनीला गर्ग से बात करी इस पर उन्होंने क्या कहा देखिए हमारे संवाददाता कि इस विशेष रिपोर्ट में।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *