- मुझे गुजरात का सह प्रभारी बनाने की वजह से सीबीआई की रेड कराई गई, ताकि ‘‘आप’’ के नेता व कार्यकर्ता डर जाएं- दुर्गेश पाठक
- सीबीआई ने 3-4 घंटे मेरे घर में बेड, अलामारी समेत हर एक कोना खंगाला, लेकिन उनको कुछ भी नहीं मिला- दुर्गेश पाठक
- सीबीआई ने मेरे घर पर क्यों छापा मारा, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई थी और न तो उन्होंने कुछ बताया- दुर्गेश पाठक
- पिछले गुजरात चुनाव में जब ‘‘आप’’ के 5 विधायक जीते थे और पार्टी एक विकल्प बनकर उभरी, तो हमारे कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया- दुर्गेश पाठक
गुजरात में आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत को देख कर मुझे डराने के लिए मेरे घर सीबीआई की छापेमारी कराई गई है। ऐसा लगता है कि मुझे गुजरात का सह प्रभारी बनाने की वजह से सीबीआई की रेड कराई गई, ताकि ‘‘आप’’ के नेता और कार्यकर्ता डर जाएं। सीबीआई ने 3-4 घंटे तक मेरे घर का हर एक कोना खंगाला, लेकिन उनको कुछ भी नहीं मिला। यह छापा क्यों मारा, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई। गुरुवार को ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज के साथ गुजरात के सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष को खत्म करना चाहती है। इसके लिए वह विपक्ष के नेताओं को जेल में डालती है और विधायकों-कार्यकर्ताओं को तोड़ती है।
गुजरात के सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेरे घर पर सीबीआई की टीम आई थी, जिसमें पांच-छह लोग थे। सीबीआई ने मेरे दो कमरों के घर में तीन से चार घंटे खूब छानबीन की। बेड, अलामारी समेत घर का एक-एक कोना और हर चीज चेक किया। कोई किताब मिली तो उसका एक-एक पन्ना पलट कर देखा। इतनी छानबीन के बाद भी सीबीआई को कुछ नहीं मिला। जब मैं विधायक था, तब बहुत से लोग अपना काम कराने के लिए मेरे घर पर आते थे और अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी देकर जाते हैं। मेरे घर में 15-20 आधार कार्ड की कॉपी थी, सीबीआई के लोग वह कॉपी अपने साथ लेकर गए। इसके अलावा कुछ उन्हें नहीं मिला और ना ही कुछ लेकर गए।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि सीबीआई की टीम क्यों और किस केस में मेरे घर आई थी, मुझे इसका कोई आइडिया नहीं है और ना ही उन्होंने मुझे बताया। सीबीआई ने मुझे सिर्फ अपना एक डॉक्युमेंट दिखाया और कहा कि उनके पास सर्च वारंट है। मैंने उनका अपने घर पर स्वागत किया। मुझे नहीं पता कि वह लोग क्यों आए थे और क्या चाह रहे थे? पार्टी मुझे अभी गुजरात का सह प्रभारी बनाया है और हम लोगों ने गुजरात में अभी काम शुरू किया है। मुझे लगता है कि संभवतः इसी वजह से मुझे डरवाने के लिए सीबीआई को भेजा गया था, ताकि गुजरात में आम आदमी पार्टी का कैंपेन पूरी तरह से ठप हो जाए, कोई ‘‘आप’’ के साथ खड़ा न हो।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 5 विधायक चुनकर आए और ‘‘आप’’ को 41 लाख से ज्यादा वोट मिला था। गुजरात में आम आदमी पार्टी एक बहुत बड़ा विकल्प बनकर उभर कर आई। उसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह को गिरफ्तर किया गया। मुझे लगता है कि सीबीआई भेज कर मुझे डराने की कोशिश की गई है। इसके पीछे मुख्य मकसद आम आदमी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता डर जाएं, अपने घर में बैठ जाएं और कोई काम न करें।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि मैं एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते कहना चाहता हूं कि मैं सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी की जांच में पूरी तरह से सहयोग करूंगा। जो भी एजेंसी पूछेगी और मेरी जानकारी में जितना होगा, वह सब जानकारी दूंगा। मुझसे जो भी डॉक्युमेंट मांगेंगे, वह दूंगा। मुझे एजेंसीज जो भी सहयोग की अपेक्षा करती हैं, वह सारा सहयोग करूंगा। लेकिन मैं डरूंगा नहीं।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि भाजपा विपक्ष को खत्म करना चाहती है। विपक्ष के सारे नेताओं को जेल में डालती है, उनके सारे स्रोतों को खत्म करती है, उनके कार्यकर्ताओं-विधायकों को तोड़ती है। यह भाजपा का काम करने का तरीका है। इसलिए इस रेड से कुछ भी अश्चर्य नहीं होना चाहिए। अगर भाजपा आम आदमी पार्टी या विपक्ष की दूसरी पार्टियों को खत्म करना चाहती है तो उनका यह तरीका है और यह लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक भी है।